“दलित की बारात को मंदिर में जाने से रोका:दबंगों ने लौटाया; पुलिस पहुंची तो सिर्फ दूल्हे को मिला प्रवेश
आज के दौड़ में भी लोग छुआ छुत से ऊपर नहीं उठ रहे हैं, जहाँ मंदिरो पर ब्राह्मण जाति के लोग एकाधिकार मान कर लोगो को ठगने का काम करते हैं धर्म, जाति अंधविश्वास के नाम पर वही एक मामला प्रकाश में आया हैं छुआ छुत को लेकर मामला इंदौर में सोमवार को दबंगों ने दूल्हे और बारात को मंदिर में प्रवेश करने से रोक दिया। सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची। बारात का विरोध होते देख वापस भेज दिया गया। बाद में करीब दो घंटे की समझाइश के बाद दूल्हे को दोबारा बुलाया गया और उसे अकेले मंदिर ले जाकर दर्शन करवाए गए।
दरअसल, बेटमा में सोमवार को अंकित बलाई की बारात निकाली गई। परंपरा के अनुसार बारात राम मंदिर पहुंची, जहां दूल्हा भी शामिल था। लेकिन मंदिर पर मौजूद कुछ दबंगों ने दलित समाज की बारात का विरोध किया और मंदिर के गेट पर खड़े होकर उन्हें अंदर जाने से रोक दिया।
टीआई की समझाइश पर दबंग माने
टीआई मीना कर्णावट भी मौके पर पहुंचीं और विरोध कर रहे लोगों से बातचीत की। बातचीत के बाद दूल्हे के चाचा लखन को मंदिर में ले जाकर माथा टेकवाया गया। इसके बाद बारात आगे बढ़ सकी। घटना की सूचना वरिष्ठ अधिकारियों तक भी पहुंची।
लोगों ने दी दूसरा धर्म अपनाने की चेतावनी
बलाई समाज के लोगों का आरोप था कि उनके साथ हमेशा ऐसा ही भेदभाव किया जाता है। उन्होंने हिंदू धर्म छोड़कर किसी अन्य धर्म को अपनाने की चेतावनी दी है। फिलहाल पुलिस ने स्थिति को नियंत्रित कर मामला शांत करा दिया है।
ग्रामीण एएसपी बोले- गर्भगृह में जाने को लेकर विवाद
ग्रामीण एएसपी रुपेश द्विवेदी ने कहा कि, बेटमा थाना क्षेत्र के सांघवी गांव में दलित दूल्हे को मंदिर में प्रवेश से रोकने जैसी अफवाह सोशल मीडिया पर प्रचारित हो रही है, जो भ्रामक है। दूल्हे एवं उनके परिजन द्वारा मंदिर में जाकर पूजा की गई। उसके बाद शांतिपूर्वक बारात निकाली गई।
सूचना प्राप्त होने पर बेटमा थाने से पुलिस भी वहां पहुंची और गर्भ गृह में जाने की बात को लेकर दोनों पक्षों से बात कर समाधान करवाया गया। बाराती पक्ष मंदिर के गर्भगृह में जाने की बात कर रहा था। लोगों को समझाया और मंदिर में पूजा करवाकर बारात आगे अपने गन्तव्य को रवाना हुई।