“बिहार में गांवों की सड़कों के लिए योजना:7300 किमी लंबी 4182 ग्रामीण सड़कें इसी साल होगा दुरुस्त
पटना.राज्य की 7300 किलोमीटर लंबी 4182 ग्रामीण सड़कों को इस वर्ष दुरुस्त कर दिया जाएगा। ये वे सड़कें हैं जो 31 मार्च तक मेंटेनेंस अवधि से बाहर हो जाएंगी। इस सड़कों को बरसात के पहले 30 जून तक गड्ढामुक्त करने की योजना है। मार्च तक सभी सड़कों की निविदा प्रक्रिया पूरी करने का निर्देश दिया गया है। सरकार ने अनुश्रवण (डिफेक्ट लायबिलिटी) अवधि से बाहर हो चुकी ग्रामीण सड़कों के निर्माण, पुनर्निर्माण, उन्नयन और नवीनीकरण के लिए ग्रामीण सड़क सुदृढ़ीकरण एवं प्रबंधन कार्यक्रम बनाया है।
योजना के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए सभी सड़कों एवं पुलों की डीपीआर तैयार की जाएगी। इसके लिए मोबाइल एप से जियो टैग फोटोग्राफ और विस्तृत जमीन सर्वेक्षण किया जाएगा। योजना के तहत राज्य में कुल 2185 सड़कों (3530.88 किमी) का उन्नयन किया जाएगा, जिसकी लागत 3056.13 करोड़ रुपए होगी। इसके लिए धनराशि पहले ही स्वीकृत है। इसके अलावा 38 जिलों में कुल 13,436 सड़कों का नवीनीकरण किया जाएगा, जिनकी कुल लंबाई 23,938.54 किलोमीटर होगी। इस पर 20,322.41 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। सड़कों का साल में दो बार कालीकरण होगा, जिससे उनकी टिकाऊ क्षमता 7 वर्षों तक बनी रहे। मेंटेनेंस के लिए रैपिड रोड रिपेयर वेहिकल की भी व्यवस्था की जाएगी।
जल संसाधन विभाग कार्य करा रहा
तिरहुत मुख्य नहर के पक्कीकरण से मुजफ्फरपुर के 3 प्रखंडों काे लाभ
तिरहुत मुख्य नहर के 8.43 किमी का पक्कीकरण जल संसाधन विभाग करा रहा है। इसका सीधा लाभ मुजफ्फरपुर जिले के मरवन, कुढनी, मुशहरी प्रखंडों को मिलेगा। अधिकारियों के मुताबिक तिरहुत मुख्य नहर के 214.68 किमी से 223.11 किमी तक की पुनर्स्थापना और लाइनिंग कराई जा रही है। इससे नहर तल में गाद की समस्या कम हाेगी। उसमें पानी का प्रवाह बढ़ेगा। प्रधान सचिव संतोष कुमार मल्ल ने कहा कि मुख्य नहर में प्रवाह बढ़ने से निचले भाग में निर्माणाधीन नहर और इसकी वितरण प्रणाली में पर्याप्त पानी उपलब्ध होगा। नहरों के अंतिम छोर तक सिंचाई सुविधा उपलब्ध होगी।
जमुई में कुंडघाट जलाशय का 91 फीसदी कार्य पूरा
जमुई के सिकंदरा में बहुआर नदी पर कुंडघाट जलाशय योजना का 91% कार्य पूरा हो गया है। इसका सीधा फायदा जमुई के धावाटांड, मथुरापुर, हरिहरपुर, लछुआर, मिश्रीडीह, फतेहपुर, खुटखट, गोखुला, कुमार नवाडीह, नवकाडीह, रबई, बालाडीह, धरसंडा पंचायतों के गांवों को मिलेगा। नहर के जरिए सिंचाई सुविधा मिलने से क्षेत्र के भूजल स्तर में सुधार होने के साथ सूखे की समस्या का समाधान होगा। पूरे क्षेत्र के आर्थिक और पर्यावरणीय विकास काे भी मजबूती मिलेगी।