“118 में से 12.90 किमी का डीपीआर भेजने की तैयारी, बिहटा-औरंगाबाद रेल लाइन होगा शुरू
पटना.बिहटा-औरंगाबाद रेल लाइन कब चालू होगा। इसका जवाब रेलवे के पास नहीं है। पहली बार 1980 में लोकसभा में इस रेल लाइन की डिमांड हुई थी। उसके बाद 2007 में करीब 118 किमी लंबी लाइन का पालीगंज में शिलान्यास हुआ। अब डीपीआर फाइनल हुआ है, जिसे दिल्ली भेजने की तैयारी है। वह भी महज 12.90 किमी में अनुग्रह नारायण रोड से औरंगाबाद के बीच रेलवे लाइन बिछाने के लिए। तय है कि बिहटा-औरंगाबाद रेल लाइन का निर्माण तीन चरणों में पूरा होगा।
पहले चरण में औरंगाबाद से अनुग्रह नारायण रोड स्टेशन से यह रेल लाइन जुड़ेगी। अनुग्रह नारायण रोड से औरंगाबाद के बीच जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू है। इसके बाद अनुग्रह नारायण रोड से अरवल और तीसरे चरण में अरवल से बिहटा तक रेल लाइन बिछेगी। बिहटा से आगे पाली हॉल्ट के पहले यह रेल लाइन मेन लाइन से जोड़ने की योजना है। पूर्व मध्य रेल के जीएम छत्रसाल सिंह ने बताया कि डीपीआर फाइनल है, इसे जल्द भेजने की तैयारी है।
इस रेल लाइन से फायदा
औरंगाबाद से राजधानी पटना का सफर महज दो-ढाई घंटे में तय होगा। पटना से औरंगाबाद की दूरी 150 किमी है, जिसे तय करने में वाहनों को चार घंटे लगते हैं। प्रस्तावित बिहटा औरंगाबाद रेल लाइन बन जाने से ट्रेनों के परिचालन शुरू होने से लोगों का पटना आना आसान हो जाएगा। करीब 80 लाख की आबादी को सीधा फायदा होगा।
बिहटा-औरंगाबाद रेल लाइन की अहम बातें
44 साल पहले 1980 में तत्कालीन सांसद डॉ. चंद्रदेव प्रसाद वर्मा ने लोकसभा में यह डिमांड की थी।
रेल मंत्री रहते हुए नीतीश कुमार ने 2004 में अरवल में इस रेल लाइन निर्माण की घोषणा की थी।
2007 में रेलमंत्री लालू यादव ने पालीगंज में इस रेल लाइन का शिलान्यास किया।
हर बजट में इस योजना को जिंदा रखने के लिए टोकन मनी के रूप में राशि जारी की जाती रही।
पिछले साल के बजट में इस प्रोजेक्ट को जिंदा रखने के लिए 30 लाख घोषित की गई थी।
फिलहाल इस परियोजना पर 4075 करोड़ खर्च करने की योजना है, जो बढ़ सकती है।
4075 करोड़ की है परियोजना, अभी तक 100 करोड़ से भी कम राशि मिली है।