“मेरा पोता दूल्हा बने,मैं अपनी आंखों से उसकी दुल्हन देख सकूं’,पोते ने अस्पताल में रचाई शादी,आशीर्वाद दे दादी ने ली अंतिम सांस
मुजफ्फरपुर “मेरा पोता दूल्हा बने, मैं अपनी आंखों से उसकी दुल्हन देख सकूं’, यह अंतिम इच्छा थी 79 वर्षीय रीता देवी की, जो जिंदगी और मौत के बीच जूझ रही थीं। परिवार ने उनकी आखिरी इच्छा पूरी करने के लिए अस्पताल में ही पोते की शादी करवाई। पोता अभिषेक कुमार ने शादी की तय तारीख से पहले ही अस्पताल परिसर के शिव मंदिर में रचाई, ताकि उनकी दादी अपनी अंतिम सांस लेने से पहले इस सुखद क्षण को देख सके।
रीता देवी मिठनपुरा थाना क्षेत्र की रहने वाली थीं। कुछ दिनों पहले उनकी तबीयत अचानक खराब हो गई। परिवार उन्हें एसकेएमसीेएच की आईसीयू में भर्ती करवाया। लेकिन, उनकी हालत लगातार बिगड़ती जा रही थी। डॉक्टरों ने परिवार को बताया कि अब उनकी स्थिति गंभीर है। यह सुनकर परिजनों ने उनकी अंतिम इच्छा पूरी करने का निर्णय लिया। उन्होंने अभिषेक और उनकी मंगेतर की शादी तुरंत करवाने का फैसला किया।
अस्पताल प्रशासन से अनुमति लेने के बाद अस्पताल परिसर स्थित शिव मंदिर में तैयारी की गई। शादी की रस्में पूरी की गईं। इसके बाद नवविवाहित जोड़ा सीधे आईसीयू में भर्ती दादी का आशीर्वाद लेने पहुंचा। अभिषेक ने उनके पैर छुए। दादी ने उन्हें आशीर्वाद दिया और उनके चेहरे पर संतोष भरी मुस्कान आई। कुछ ही घंटों बाद दादी रीता देवी ने अंतिम सांस ली। रीता देवी के जाने का गम परिवार के लिए बहुत बड़ा था। लेकिन, यह संतोष भी था कि उनकी आखिरी इच्छा पूरी हो गई। शादी के दौरान मौजूद रिश्तेदार, डॉक्टर, नर्स और अस्पताल के कर्मचारी भी इस भावुक पल को देखकर अपने आंसू नहीं रोक पाए।