“मेडिकल इमरजेंसी घोषित:सर्पदंश से पीड़ित की मदद के लिए गांव में बनेगी टीम,एंबुलेंस की सुविधा नहीं मिलने पर पेट्रोल व अन्य खर्च भी मिलेंगे
समस्तीपुर.सर्पदंश की बढ़ती घटनाओं को देखते हुए सरकार ने इसे मेडिकल इमरजेंसी घोषित कर दिया है। अब जिले में सर्पदंश पीड़ितों को सरकारी अस्पतालों तक पहुंचाने के लिए निशुल्क एंबुलेंस सेवा उपलब्ध कराई जाएगी। इसके लिए राज्य स्तर पर एक एक्शन प्लान तैयार किया गया है, जिसे सभी जिलों में लागू करने के निर्देश दिए गए हैं। सरकारी एम्बुलेंस की सुविधा मुख्यमंत्री एम्बुलेंस योजना के तहत की गई है। निजी एंबुलेंस को किराए पर लेने की सुविधा होगी,
जिसका भुगतान सरकारी स्तर पर अस्पताल करेगा। अगर विशेष स्थिति में एम्बुलेंस नहीं मिले तो बाइक से मरीज को अस्पताल पहुंचने पर पेट्रोल की कीमत सरकारी अस्पताल मिलेगा। इस सुविधा की व्यवस्था गांव व पंचायत स्तर पर जिला स्वास्थ्य विभाग को करने का निर्देश दिया गया है। इसकी रिपोर्ट राज्य स्वास्थ्य समिति को करने को कहा गया है।
बताते हैं कि सरकार यह भी जानना चाहती है कि तीन वर्ष के अंदर सरकारी अस्पताल में कितने सर्पदंश के मरीज आए। कितने की मौत हो गई और कितने ठीक हो कर चले गए। इसका आंकड़ा गांव से लेकर शहर तक का देने की मांग की गई है। राज्य स्वास्थ्य समिति ने सर्पदंश से होने वाली मौतों को रोकने के लिए नई पहल की है। इसके तहत सभी जिलों के सिविल सर्जनों को निर्देश दिया गया है कि वे गांव स्तर पर रिस्पॉन्स टीम का गठन कराएं। इस टीम को सर्पदंश से पीड़ित व्यक्ति को सुरक्षित व त्वरित इलाज के लिए सरकारी अस्पताल तक पहुंचाने की विशेष ट्रेनिंग दी जाएगी। रिस्पॉन्स टीम में आशा, फैसिलिटेटर, एएनएम, बीसीएम, आंगनबाड़ी, विकास मित्र को एक दिन की ट्रेनिंग दी जाएगी। सर्पदंश के बाद समय पर अस्पताल नहीं पहुंच पाने या फिर अंधविश्वास में फंसकर झाड़-फूंक में समय गवां देने के कारण लोगों की जन चली जाती है।
पीड़ित व्यक्ति को सरकारी अस्पताल तक पहुंचाने की विशेष ट्रेनिंग दी जाएगी
^सदर अस्पताल में सर्पदंश के इलाज की व्यवस्था है। इससे जुड़ी दवाइयां उपलब्ध है। विभाग के निर्देश के अनुसार प्रक्रिया का पालन किया जाएगा। -डॉ गिरीश कुमार, डीएस, सदर अस्पताल, समस्तीपुर