“बरौनी डेयरी के नए प्लांट का उद्घाटन:133 करोड़ से बने भवन में रोज बनेगा 2 लाख लीटर दूध का विभिन्न प्रोडक्ट
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज अपने बिहार दौरा के दौरान पशुपालकों को भी बड़ा तोहफा दिया है। प्रधानमंत्री ने 133 करोड़ की लागत डॉ. राजेन्द्र प्रसाद दुग्ध उत्पादक सहयोग समिति (बरौनी डेयरी) के निर्मित दुग्ध उत्पाद प्लांट का उद्घाटन किया। नेशनल डेयरी डेवलपमेंट बोर्ड (NDDB) द्वारा इसका निर्माण कराया गया है। नवनिर्मित प्लांट 2.07 लाख लीटर प्रतिदिन की क्षमता का है। उद्घाटन कार्यक्रम का लाइव टेलीकास्ट बरौनी डेयरी किया गया।
प्रबंध निदेशक रविन्द्र प्रसाद ने बताया कि बरौनी डेयरी के वर्तमान स्थिति की समीक्षा करेंगे तो आज की तारीख में 2684 समिति हमारे साथ जुड़ा हुआ है, जिसमें 185000 दूध उत्पादक जुड़े हुए हैं। इसमें 35000 महिलाएं भी जुड़ी हुई है। हमारे यहां प्रतिदिन 6.48 लाख लीटर दूध संग्रह हो रहा है। उसी के परिपेक्ष्य में प्रोडक्ट डेयरी का इंस्टालेशन और कमिश्निंग किया गया। क्योंकि मार्केटिंग चैलेंज था, 70 प्रतिशत आबादी गांव और 30 प्रतिशत शहर में है।
70 प्रतिशत आबादी को शुद्ध दुग्ध उत्पाद नहीं मिल पाता था तो बरौनी डेयरी ने निश्चय किया कि एक ऐसा प्रोडक्ट डेयरी बनाएं जो ऑटोमेटिक हो और 70 प्रतिशत जो ग्रामीण हैं, उन्हें आपूर्ति करें। 133 करोड़ के इस प्लांट को बनाने में सरकार का काफी सहयोग है। यहां पर सभी प्रकार के मिल्क प्रोडक्ट का उत्पादन सुनिश्चित किया गया है। बरौनी डेयरी में 1986 में दुग्ध प्रोडक्ट का उत्पादन शुरू हुआ था।
दुग्ध प्रोडक्ट बनाने की शुरुआत बरौनी डेयरी से हुई
उन्होंने बताया कि पूरे बिहार में दुग्ध प्रोडक्ट बनाने की शुरुआत बरौनी डेयरी से हुआ। इसके बाद सभी डेयरी ने बनाना शुरू किया। बिहार के हर क्षेत्र में बरौनी डेयरी के उत्पाद की आपूर्ति की जा रही है। कुल 15 प्रकार के उत्पाद बनाए जा रहे हैं। जिसमें रसगुल्ला, गुलाब जामुन, दही, लस्सी, पनीर, पेड़ा, चमचम, रसकदम और मट्ठा इत्यादी है।
अब हमने बिहार के प्रसिद्ध व्यंजन ठेकुआ का भी उत्पादन शुरू किया है। 400 से 500 किलो उत्पादन प्रतिदिन किया जा रहा है। इसे ग्रामीण क्षेत्र में बहुत पसंद किया जा रहा है। हमारे साथ बेगूसराय, खगड़िया, लखीसराय और पटना जिले के कुछ हिस्सों के किसान जुड़े हुए हैं। प्रतिदिन 6.48 लाख लीटर दूध आता है जो अपने आप में रिकॉर्ड है। पिछले साल की तुलना में 14 प्रतिशत अधिक संग्रहण हम कर रहे हैं।
प्रतिदिन 2 लाख लीटर दूध के प्रोडक्ट का उत्पादन
कमिशनिंग करने के बाद क्षमता बहुत अधिक हो गया है। सभी प्रोडक्ट का कंसीडर करें तो प्रतिदिन 2 लाख लीटर दूध के प्रोडक्ट का उत्पादन होता है। अभी बाजार ढूंढना पड़ता था, वह बाजार आसानी से मिल जाएगा। हमारे के किसानों को कम खर्च को दूध उत्पादन की आपूर्ति होगी।
बाजार में जो मिलावटी मिठाई होता था, उस पर अंकुश लगेगा। ऑटोमेटिक प्लांट में जो भी प्रोडक्ट का उत्पादन हो रहा है, उसमें मानव बल का काम प्रयोग हो रहा है। एनर्जी का कम खपत हो रहा है, इसके कारण जो भी प्रोडक्ट बन रहा है उसका रिलाइजेशन बढ़ गया है। जिससे किसानों को बोनस के रूप में रूपांतरण के माध्यम से अधिक पैसा दे रहे हैं।
प्लांट को बनाने में एनडीडीबी की अहम भूमिका
133 करोड़ के इस प्लांट को बनाने में एनडीडीबी की अहम भूमिका है। पानी का दुरुपयोग नहीं हो, इसके लिए भी काम कर रहे हैं। यहां से जो पानी निकले, वह किसानों को मिले, इस दिशा में भी काम चल रहा है। इस नए प्लांट के छत के ऊपर 364 किलोवाट का सोलर पैनल लगाया गया है। जिससे प्रतिदिन 364 किलोवाट प्रतिदिन प्राप्त हो रहा है, जो पर्यावरण प्रदूषण को कम करता है और हमारा जो प्रोडक्ट बनता है वह पर्यावरण के अनुकूल तैयार होता है।
प्रबंध निदेशक रविन्द्र प्रसाद ने बताया कि राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय मानकों के अनुरूप उच्च गुणवत्ता के दुग्ध उत्पादों के उत्पादन की सुविधाओं से लैश 2.07 लाख लीटर क्षमता वाले इस नये उत्पादन संयंत्र में विशिष्ट रूप से 10 टन दैनिक उत्पादन क्षमता का स्वचालित पनीर उत्पादन संयंत्र तथा 20 टन दैनिक उत्पादन क्षमता का स्वचालित दही उत्पादन संयंत्र सहित उच्च दैनिक उत्पादन क्षमता के स्वचालित गुलाब जामुन उत्पादन संयंत्र, खोवा, पेड़ा, मिस्टी दही, लस्सी, स्पेशल, चमचम, रसकदम आदि उत्पाद शामिल हैं।