Wednesday, February 5, 2025
Patna

“मेडल लाओ नौकरी पाओ:बिहार में नौकरी पाने वालों में 42 लड़की ,29 लड़के,सीधे बने सब इंस्पेक्टर

पटना.मेडल लाओ, नौकरी पाओ… योजना से बिहार के खिलाड़ियों की जिंदगी बदल रही है। इस योजना से नौकरी मिलने के बाद राज्य के 71 खिलाड़ियों की जिंदगी बदल चुकी है। मेडल लाओ, नौकरी पाओ योजना के तहत बिहार के उत्कृष्ट खिलाड़ियों की सीधी नियुक्ति नियमावली के तहत विभिन्न खेल विद्याओं में अब तक 42 लड़कियां और 29 लड़कों को नौकरी मिली।

इसमें भी सबसे अधिक रग्बी के 18 खिलाड़ियों को नौकरी मिली। पाटलिपुत्र कॉम्पलेक्स में 2023 में हुए 18वें निडजैम के उद्घाटन समारोह में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने खिलाड़ियों के हितों को ध्यान में रखते हुए मेडल लाओ नौकरी पाओ योजना… का वादा किया था।

इस योजना के तहत, बिहार सरकार राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय खेल आयोजनों में स्वर्ण, रजत या कांस्य पदक जीतने वाले राज्य के खिलाड़ियों को बिहार प्रशासनिक सेवा, बिहार पुलिस सेवा में उप-विभागीय मजिस्ट्रेट और पुलिस उपाधीक्षक के रूप में प्रथम श्रेणी तक की नौकरी देने का प्रावधान है। अभी उत्तराखंड में चल रहे नेशनल गेम्स के अलग-अलग खेलों में बिहार के पांच खिलाड़ी पदक जीत चुके हैं। पदकों की संख्या अभी और बढ़ने की पूरी संभावना है। नेशनल गेम्स में सभी पदक विजेता खिलाड़ियों को भी नौकरी मिलेगी।

इन खेलों से जुड़े खिलाड़ियों की इन पदों पर हुई सीधी बहाली

इस योजना के तहत पाटा एथलेटिक्स के एक खिलाड़ी को 5400 ग्रेड पे के साथ ऑफिसर कैटेगरी में सीधी बहाली हुई। रग्बी के 8 खिलाड़ियों को ग्रेड पे 1900 के साथ एलडीसी और 10 खिलाड़ियों को ग्रेड पे 4200 के साथ सब इंस्पेक्टर की नौकरी मिली। इसी तरह सेपक टाकरा के 6 खिलाड़ी सब इंस्पेक्टर बने। वहीं ड्रैगन बोट के 8 खिलाड़ियों को सब इंस्पेक्टर की नौकरी मिली।

खिलाड़ियों में पदक जीतने की ललक बढ़ी

मेडल जीतो, नौकरी पाओ… योजना से राज्य के खिलाड़ियों में पदक जीतने की ललक बढ़ी है। इसका नतीजा सामने है कि हर नेशनल स्पोर्ट्स इवेंट में बिहार के खिलाड़ी पदक जीत कर बिहार का नाम रौशन कर रहे हैं। सरकार के स्तर से खेल-खिलाड़ियों के लिए काफी कुछ किया जा रहा है। खिलाड़ियों की ट्रेनिंग के लिए विदेशी कोच भी बुलाए गए। अभी उत्तराखंड में चल रहे 38वें नेशनल गेम्स में गए खिलाड़ियों को खेल सामग्री के साथ नए जूते, विंटर जैकेट, बैग व टी शर्ट दिए गए हैं। -रवींद्रण शंकरण, महानिदेशक, बिहार राज्य खेल प्राधिकरण

Kunal Gupta

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