समस्तीपुर :320 करोड़ से जमुवारी और बलान नदी की होगी सफाई:गादों की सफाई से ग्राउंड वाटर लेवल भी बेहतर होगा
समस्तीपुर जिले से गुजरने वाली दो सहायक जमुवारी और बलान नदी के गाद की सफाई की जाएगी। इन दोनों नदियों के गाद की सफाई से जहां किसान अपने खेतों का पटवन कर सकेंगे। वहीं इस इलाके का भूगर्भीय जल स्रोत भी बेहतर होगा। इस पूरी योजना पर 320 करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान है।
एक नजर में जमुवारी नदी
जमुवारी नदी के पास अपना जल स्रोत नहीं है। यह सहायक नदी है। यह नदी डॉ. राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विद्यालय के पास बूढी गंडक नदी के ढोली कॉलेज के पास बने स्लुईस गेट से निकली है। यहां से यह पूसा के कई गांव से होते हुए ताजपुर, सरायरंजन के मूसापुर के पास जाकर खत्म हो जाती है। वहीं ताजपुर के गंगापुर पुल के पास से इसकी एक और सहायक धारा निकलती है, जो गंगापुर होते हुए मोहनपुर इंडस्ट्रियल एरिया से सटती हुई उजियारपुर विभूतिपुर में जाकर बूढी गंडक में मिल जाती है। इस नदी में पानी के मात्र दो स्रोत हैं। बूढी गंडक नदी में अधिक पानी होने पर स्लुईस गेट को खोला जाता है तो इसमें पानी आता है और दूसरा बारिश का पानी ही एकमात्र सहारा बचता है, लेकिन पिछले कई वर्षों से वैसी बारिश नहीं होने के कारण रिवर वेड सूखा पड़ा हुआ है, जहां लोग खेती कर रहे हैं।
जमुवारी नदी में पानी के लिए लगातार संघर्ष करने वाले जाने-माने समाजसेवी पूर्व जिला पार्षद रंजीत निर्गुणी बताते हैं कि
जमुवारी नदी का पूरा रिवर वेड सूखा पड़ा है जगह-जगह पर लोगों ने अतिक्रमण कर लिया है। मकान का निर्माण हो चुका है मुर्गी फार्म तक खोल दिए गए हैं। ऐसी स्थिति में नदी से गादों की सफाई बहुत बड़ी चुनौती साबित होगी। सिर्फ वैसे ही गाद की सफाई से काम नहीं चलेगा। सरकार की मंशा साफ होनी चाहिए और गाद की सफाई के पीछे किसानों के खेतों की सिंचाई को ध्यान में रखकर कार्य किया जाए तो किसान इस इलाके में अपने खेतों का पटवन कर सकेंगे। अगर ऐसा संभव होता है तो 2 लाख से अधिक किसानों की दशा और दिशा दोनों बदल जाएगी।
क्या बोलें DM
DM रोशन कुशवाहा ने कहा कि जमुवारी नदी और बलान नदी दोनों नदी में गाद भरे हुए हैं। दोनों नदी की गादों की सफाई के लिए सरकार ने प्रशासनिक स्वीकृति प्रदान कर दी है। इसके लिए 320 करोड़ रुपए का प्रावधान भी किया गया है। जल्द ही इस योजना पर काम शुरू किया जाएगा।।