“दिल्ली भगदड़ में समस्तीपुर के 3 लोगों की मौत:साले ने सास- ससुर को बुलाया था,साढ़ू की बेटी की भी गई जान
समस्तीपुर.नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर शनिवार की रात करीब 9:26 बजे हुई भगदड़ में बिहार के 9 लोगों की मौत हुई है। मृतकों में समस्तीपुर और नवादा के दो-दो लोग शामिल हैं, जबकि पटना, वैशाली, बक्सर, सारण के एक-एक लोग शामिल हैं। मृतकों में 5 महिलाएं, एक पुरुष और तीन बच्चे शामिल हैं।
जानिए, भगदड़ कब, कहां और कैसे मची?
हादसा प्लेटफॉर्म नंबर 13, 14 और 15 के बीच हुआ। महाकुंभ जाने के लिए स्टेशन पर शाम 4 बजे से भीड़ जुटने लगी थी। रात को करीब 8:30 बजे प्रयागराज जाने वाली 3 ट्रेनें लेट हो गईं, जिससे भीड़ बढ़ी और भगदड़ मच गई। चश्मदीद के मुताबिक, गाड़ी का प्लेटफॉर्म 14 से 16 नंबर बदला गया। इससे भगदड़ मची।
भगदड़ में मारे गए बिहार के लोगों की लिस्ट
1. आहा देवी, पत्नी रविन्दी नाथ, निवासी- बक्सर, बिहार, 79 वर्ष।
2. पूनम देवी, पत्नी मेघनाथ, निवासी- सारण, बिहार, 40 वर्ष।
3. ललिता देवी, पत्नी संतोष, निवासी- पटना, बिहार, 35 वर्ष।
4. सुरुचि, पुत्री मनोज शाह,निवासी- मुजफ्फरपुर, बिहार, 11 वर्ष।
5. कृष्णा देवी, पत्नी विजय शाह, निवासी- समस्तीपुर, बिहार, 40 वर्ष।
6. विजय साह, पुत्र राम सरूप साह, निवासी- समस्तीपुर, बिहार, 45 वर्ष।
7. नीरज, पुत्र इंद्रजीत पासवान, निवासी- वैशाली, बिहार, 12 साल।
8. शांति देवी, पत्नी राज कुमार मांझी, निवासी- नवादा, बिहार, 40 वर्ष।
9. पूजा, पुत्री राज कुमार मांझी, निवासी- नवादा, बिहार, 8 वर्ष।
सबसे पहले समस्तीपुर के मृतकों की कहानी
समस्तीपुर के तीन लोगों की मौत हो गई। मृतकों में 15 साल की सुरुचि कुमारी, 45 साल के विजय साह, 40 साल की कृष्णा साह शामिल हैं। विजय और कृष्णा पति-पत्नी हैं, जबकि सुरुचि उनकी नतिनी यानी बेटी की बेटी है। तीनों मृतक समस्तीपुर के ताजपुर प्रखंड के कोठिया गांव के रहने वाले थे। मृत दंपती के परिजन ने दैनिक भास्कर से बात करते हुए पूरे घटनाक्रम की जानकारी दी।
वैशाली जिले के बहादुरपुर चिकनौटा के रहने वाले मनोज कुमार साह ने बताया कि मेरे ससुर विजय साह और सास कृष्णा देवी और मेरे साढ़ू की बेटी सुरुचि कुमारी की मौत हुई है।
मनोज साह ने बताया कि मेरी पत्नी के दो भाई बड़ा मुकेश और छोटा नीतीश कुमार दिल्ली में रहते हैं और किसी प्राइवेट कंपनी में काम करते हैं। दोनों ने अपने माता-पिता यानी मेरे सास-ससुर को दिल्ली बुलाया था और कहा था कि आप लोग आ जाइए, आप लोगों को प्रयागराज में लगे कुंभ में स्नान कराने के बाद बिहार भेज दूंगा। वे शनिवार की रात को दिल्ली स्टेशन पर पहुंचे थे, इसी दौरान मची भगदड़ में उनकी मौत हो गई।
दो दिन पहले समस्तीपुर से दंपती गया था दिल्ली
मनोज कुमार ने बताया कि मुझे रात करीब 1 बजे भगदड़ में मेरे सास-ससुर की मौत की जानकारी मिली, जिसके बाद मैं अपने सास-ससुर के घर आ गया। मेरे सास-ससुर दो से तीन दिन पहले समस्तीपुर से बस से दिल्ली अपने बड़े बेटे के पास गए थे। मनोज ने बताया कि पत्नी के भाई से फिलहाल मेरी बातचीत नहीं हुई है। वे लोग मेरे सास-ससुर और साढ़ू की बेटी की लाश को लेकर समस्तीपुर के लिए रवाना हो गए हैं।उन्होंने बताया कि मृत बच्ची मेरे साढ़ू मनोज साह की बेटी है, जो मुजफ्फरपुर के बरियारपुर की रहने वाली थी। ये तीनों शुक्रवार को सड़क मार्ग से दिल्ली गए थे। शनिवार को दिल्ली पहुंचे थे और शाम को प्रयागराज जाने के लिए नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पहुंचे थे।मृत दंपती विजय और कृष्णा साह की तीन बेटियां और दो बेटे हैं। तीन बेटियों में दो बेटियों की शादी हो चुकी है। एक की शादी वैशाली, जबकि दूसरी की शादी मुजफ्फरपुर में हुई है। तीसरी बेटी 15 साल की काजल कुमारी पढ़ाई करती है। वहीं, दो बेटे 23 साल का मुकेश और 19 साल का नीतेश दिल्ली में रहकर प्राइवेट जॉब करते हैं।
हादसे की सूचना पर पहुंचे स्थानीय विधायक
घटना की सूचना पर स्थानीय राजद विधायक रणविजय साहू ने पीड़ित परिवार से मुलाकात कर उनका हाल जाना। उन्होंने कहा कि दिल्ली जैसे स्टेशन पर भगदड़ सरकार की पूरी की कहानी बयां कर रहा है। जब राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के स्टेशन पर इस तरह की घटना होगी, तो देश के दूसरे रेलवे स्टेशनों की हालत क्या होगी? राजद विधायक ने कहा कि कुंभ के नाम पर सिर्फ राजनीति की जा रही है। उन्होंने पीड़ित परिवार को उचित मुआवजा देने के साथ-साथ पीड़ित परिवार में से किसी एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की मांग की। उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार की यह बहुत बड़ी सफलता है रेलवे मंत्रालय को भी इस पर कदम उठाना चाहिए
भगदड़ के बाद आगे क्या?
भगदड़ हादसे की जांच के लिए दो सदस्यीय कमेटी बनाई गई है। इसमें उत्तर रेलवे के दो अधिकारियों नरसिंह देव और पंकज गंगवार को शामिल किया गया है। कमेटी ने नई दिल्ली रेलवे स्टेशन के सभी CCTV वीडियो फुटेज को सुरक्षित करने का आदेश दिया है।इससे पहले 29 जनवरी को प्रयागराज के महाकुंभ में 30 लोगों की मौत हो गई थी। वहीं, 10 फरवरी 2013 को कुंभ के दौरान प्रयागराज स्टेशन पर भगदड़ मची थी। हादसे में 36 लोग मारे गए थे।