“महिला कॉलेज का मना 55वां स्थापना दिवस,बालिका शिक्षा को बढ़ा देने के लिए 1971 में खुला था
हाजीपुर हर्षोल्लास के साथ वैशाली महिला महाविद्यालय का 55 वें स्थापना दिवस मनाया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन दीप प्रज्वलन व संस्कृत विभाग की सहायक प्राध्यापिका डॉ. आभा द्विवेदी ने सरस्वती वंदना का गायन कर किया गया। हिंदी विभाग की विभागाध्यक्ष डॉक्टर अंजु कुमारी ने मंच संचालन की। वहीं हिंदी विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. अंजु कुमारी ने अपने द्वारा लिखित कुलगीत का गायन की।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए महाविद्यालय की प्राचार्य प्रो. डॉ. अलका ने कहा कि यह महाविद्यालय 1971 ई. शहर चर्चित समाजसेवी बूबनाजी ने जिले में बालिका शिक्षा को बढ़ा देने के लिए अपनी जमीन पर महाविद्यालय स्थापित किये थे। महाविद्यालय अपने स्थापनाकाल से लगातार लड़कियों के शिक्षा में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। महाविद्यालय की प्रथम प्राचार्य बिंदु कुमारी ने महाविद्यालय में अनेकों कार्य किए।
महाविद्यालय हाजीपुर में लड़कियों का एकमात्र अंगीभूत महाविद्यालय है। उन्होंने छात्राओं से अपील की कि छात्राएं प्रतिदिन महाविद्यालय आकर यहां के शिक्षकों से ज्ञानार्जन हासिल करके आसमान की नई बुलंदी को छुए। कार्यक्रम का उद्घाटन करते महाविद्यालय के प्राचार्य और शिक्षक। छात्राओं के बीच हुआ कई तरह की गतिविधि महाविद्यालय स्थापना दिवस पर छात्राओं के बीच कई तरह की गतिविधि आयोजित किया गया। इस दौरान सांस्कृतिक गतिविधि व कई तरह की प्रतियोगिता आयोजित कर छात्राओं के अंदर छिपी हुई बहुमुखी प्रतिभा को निखारने का प्रयास किया गया। छात्राओं ने अपनी प्रतिभा प्रदर्शित करते हुए गजल, भाषण चित्रकला, नृत्य एवं गीत की प्रस्तुति कर जमकर धमाल मचाया। इन प्रतिभागियों की
रही सहभागीता चित्रकला प्रदर्शनी में अंजली कुमारी इतिहास विभाग कंचन कुमारी मनोविज्ञान विभाग संध्या कुमारी मनोविज्ञान विभाग विद्या सोनी, अंग्रेजी विभाग डोली प्रिया, हिन्दी विभाग कि अनु कुमारी ने विभिन्न चित्रों एवं मधुबनी पेंटिग द्वारा अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया। नृत्य प्रतियोगिता में हिन्दी विभाग की अर्चना कुमारी एवं इतिहास विभाग की निशा कुमारी ने मनोरंजक प्रस्तुति द्वारा सबका मन मोह लिया। हिंदी विभाग की खुशबू कुमारी सविता कुमारी ने अपने गीत के द्वार बिहार की सांस्कृतिक परंपरा को फिर से पुर्नजागृत कर दिया। स्थापना दिवस पर आयोजित रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम बहुत ही सफलता पूर्वक संपन्न हुआ।