ठंढ के मौसम में बढ़ जाती है टीबी,सावधानी बरतनी जरूरी, नियमित दवा सेवन के साथ समय पर स्वास्थ्य जाँच भी जरूरी..
पटना।,सर्दियों के मौसम में बढ़ते ठंढ के साथ सर्दी-खांसी, बुखार सहित अन्य ठंड जनित बीमारियों का प्रकोप बढ़ जाता है साथ ही इसमें टीबी रोगियों को भी परेशानी का सामना करना पड़ता है। ऐसे में टीबी मरीजों को विशेष सावधानी बरतना बेहद जरूरी होता है, ये कहना है पूर्वी चम्पारण के जिला यक्ष्मा पदाधिकारी डॉ संजीव का। उन्होंने बताया कि जिले में टीबी के रोगियों को अपने स्वास्थ्य के प्रति सतर्क और सावधान रहने के लिए जागरूक किया जा रहा है। टीबी मुक्त कार्यक्रम अन्तर्गत जिले में जगह जगह वैन में उपलब्ध अत्याधुनिक पोर्टेबल मशीन के द्वारा एक्स रे कर लोगों के अंदर मौजूद टीबी संक्रमण की जाँच की जा रही है।
उन्होंने बताया की ज्यादा ठंढ होने से टीबी का संक्रमण काफी बढ़ जाता है। कोई भी टीबी मरीज जब तक वह पूरी तरह से ठीक न हो जाय, तब तक उन्हें टीबी की दवा नियमित रूप से खानी चाहिए। टीबी की बीमारी में दवा बीच में छोड़े जाने पर बीमारी और बढ़ जाती है। वहीं उन्हें “एमडीआर” टीबी होने का खतरा हो जाता है। जिला यक्ष्मा पदाधिकारी ने बताया कि टीबी मरीजों को ठंढ से बचना चाहिए, गर्म कपड़े पहनने चाहिए, गर्म पानी पीना चाहिए, शरीर में किसी प्रकार की समस्या होने पर समय पर बीपी, शुगर, वजन आदी स्वास्थ्य जाँच कराना चाहिए।
जिला यक्ष्मा केंद्र मोतिहारी में मिल रहा है टीबी मरीजों को दवा:
नोडल चिकित्सक डॉ सुनील कुमार ने कहा की जिला यक्ष्मा केंद्र के साथ अन्य पीएचसी में टीबी मरीजों के लिए दवा व जाँच उपलब्ध है इसका लाभ लेना चाहिए। उन्होंने बताया कि टीबी किसी को भी हो सकता है, लक्षण दिखे तो छुपाना नहीं चाहिए, उन्होंने बताया कि दो सप्ताह से ज्यादा खांसी, रात के समय बुखार आना, बलगम में खून आना, वजन का कम होना व रात को सोते समय पसीना आना आदि लक्षण दिखाई देने पर तुरंत नजदीकी सरकारी अस्पताल में टीबी की जांच करवानी चाहिए।
उन्होंने बताया कि टीबी के मरीजों में इम्युनिटी की कमी हो जाती है, ऐसे में संतुलित भोजन आवश्यक है, पूर्व में टीबी रोगीयों को उपचार के दौरान 500 रूपये प्रतिमाह मिलता था, अब सरकार द्वारा प्रतिमाह 1000 रुपये वित्तीय सहायता राशि निक्षय पोषण योजना के तहत सीधे मरीज के खाते में भेजी जा रही है।