“पैसा लेकर प्रैक्टिकल में नंबर दे रही प्रिंसिपल,बेगूसराय में एक छात्र से ले रही 700 रुपए, कहा- पैसे नहीं तो…
बेगूसराय से एक वीडियो सामने आया है, जिसमें प्रिंसिपल इंटर के प्रैक्टिकल परीक्षा में नंबर देने के नाम पर पैसा की मांग कर रही है। वीडियो डंडारी प्रखंड के उत्क्रमित माध्यमिक +2 विद्यालय नया टोला कल्याणपुर का बताया जा रहा है।वीडियो में दिख रही प्रिंसिपल का नाम प्रगति चौधरी है। वीडियो वायरल होते ही जिला शिक्षा पदाधिकारी राजदेव राम ने संज्ञान लिया और गुरुवार को लेटर भेज प्रिंसिपल से 24 घंटे में स्पष्टीकरण की मांग की है।
डंडारी प्रखंड के उत्क्रमित माध्यमिक विद्यालय नया टोला कल्याणपुर में प्रिंसिपल ने तीन दिन पहले सभी छात्र-छात्राओं से कहा था कि प्रैक्टिकल पेपर में अच्छा नंबर पाने के लिए 700-700 रुपया देना होगा। इस लूट का आदेश सुनकर स्टूडेंट ने जब विरोध करने का प्रयास किया तो सभी को कहा गया कि प्रैक्टिकल में नंबर देना टीचर के हाथ में है। इसमें अगर कम नंबर आया तो पास होना मुश्किल है।
इसके बाद स्टूडेंट ने अपने गार्जियन से पैसा मांगकर प्रिंसिपल के पास जमा करना शुरू कर दिया। कुछ छात्र इससे आक्रोशित हो गए और प्रिंसिपल को सबक सिखाने के लिए अपने शैक्षणिक भविष्य को दांव पर लगाकर वीडियो बनाकर वायरल करने का फैसला ले लिया।
दो छात्रों ने दिए 1400 और बनवा लिया वीडियो
दो छात्र पैसा लेकर प्रिंसिपल के पास पहुंचे और चुपके से वीडियो बनाना शुरू कर दिया। वीडियो में स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है कि प्रिंसिपल प्रगति कुमारी ने नंबर देने के लिए छात्रों से पैसे की मांग की। जिसके बाद दो छात्रों ने 1400 रुपए उन्हें दिए। पैसा लेते ही प्रिंसिपल ने दोनों छात्रों का नाम लिखा और कहा कि तीन विषयों में 29, 29 और 28 नंबर दे रहे हैं। इसी स्कूल का एक दूसरा वीडियो भी सामने आया है, जिसमें बड़ी संख्या में स्टूडेंट प्रिंसिपल को घेरे हुए हैं।
एक स्टूडेंट कहता है कि आपने पैसा क्यों लिया और उसे एक शिक्षक समझा रहे हैं। इसी बीच प्रिंसिपल कहती है कि कह रही कि पैसा घर पर रखा हुआ है, कल लाकर दे देंगे। दोनों में खूब तीखी बहस हो रही है।
इधर, वीडियो सामने आते ही डीईओ ने संबंधित एचएम से स्पष्टीकरण मांगा है। कहा है कि वीडियो क्लिप में आपके प्रायोगिक परीक्षा 2025 में छात्रों को नंबर देने के बदले उनसे अवैध पैसे लेने के सबूत मिले हैं। यह कृत्य कदाचार, स्वेच्छाचारिता एवं पदीय दायित्व के निर्वाहन में अक्षमता का द्योतक है।
24 घंटे में स्पष्टीकरण की मांग
डीईओ ने कहा है कि 24 घंटे के अंदर स्पष्टीकरण दें कि क्यों नहीं दिए गए आरोप में आपके खिलाफ अनुशासनिक कार्रवाई की जाए। ससमय स्पष्टीकरण नहीं मिलने पर समझा जाएगा कि इस संदर्भ में आपको कुछ नहीं कहना है और हम एक तरफा निर्णय लेने के लिए स्वतंत्र होंगे।