बिहार के स्कूलों में गठित होगी बाल संसद, इसमें सामान्य बच्चों संग दिव्यांग भी शामिल होंगे
सरकारी स्कूलों में ईको क्लब फॉर मिशन लाइफ (यूथ व ईको क्लब) को नए सिरे से गठित किया जाएगा। इसमें सामान्य बच्चों के अलावा दिव्यांग बच्चों को भी शामिल किया जाएगा। इसमें बाल संसद की एक उप समिति होगी, जिसमें कुल 20 सदस्य होंगे। बाल संसद के जल और पर्यावरण मंत्री क्लब के अध्यक्ष होंगे, जबकि जल और पर्यावरण उप मंत्री सचिव के रूप में कार्य करेंगे। इसके अतिरिक्त प्रधानाध्यापक के नेतृत्व में छह और सदस्य चुने जाएंगे। इसमें दिव्यांग बच्चे, पिछड़ी जाति, वंचित और गरीब वर्ग बच्चे (छात्र-छात्रा) भी भागीदारी रहेगी। जिन स्कूलों में बाल संसद नहीं है, वहां प्रधानाध्यापक या शिक्षक इको क्लब फार मिशन लाइफ का गठन करेंगे।
ये गतिविधियां होंगी आयोजित : जिला शिक्षा कार्यालय की ओर से स्कूलों को भेजे गए निर्देश के अनुसार क्लब के तहत जल संरक्षण और पुनर्भरण, वर्षा जल संचयन, पौधा रोपण और हरियाली विस्तार, स्थानीय समुदाय का सशक्तीकरण, प्राकृतिक पारिस्थितिकी तंत्र का संरक्षण, सौर ऊर्जा का संवर्धन, मृदा स्वास्थ्य का संरक्षण, कचरा प्रबंधन, सतत कृषि प्रथाओं का प्रोत्साहन, जलवायु परिवर्तन के प्रति अनुकूलन, सामुदायिक भागीदारी और जागरूकता, सड़क सुरक्षा, संचार-प्रेरणा, जीवनशैली में बदलाव आदि विषय को शामिल किया जाएगा।
इस प्रकार होगा क्लब का गठन
कक्षा एक से पांच, छह से आठ, कक्षा नौ से 12 के क्लब का अलग-अलग गठन किया जाएगा। सभी में 14-14 बच्चे सदस्य शामिल होंगे। इसमें माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक विद्यालयों में कक्षा नौ से 12 से छह बच्चों का चयन किया जाएगा। इसमें से अध्यक्ष व सचिव होंगे। कुल 20 सदस्यों की टीम रहेगी। क्लब के तहत गतिविधियों को संचालित करने की जिम्मेदारी प्रधानाध्यापक की होगी। सभी गतिविधियों को सुरक्षित शनिवार से जोड़ कर किया जाएगा। क्लब द्वारा प्रत्येक महीने के वार्षिक कैलेंडर का निर्माण किया जाएगा। इसमें वर्ष भर चलने वाले गतिविधियों की जानकारी रहेगी।