Sunday, January 26, 2025
Samastipur

“101वीं जयंती समारो​​ह :जननायक कर्पूरी ठाकुर सादगी की मिसाल: उपराष्ट्रपति

“101वीं जयंती समारो​​ह :समस्तीपुर.भारत रत्न जननायक कर्पूरी ठाकुर की 101वीं जयंती समारो​​ह गोखुल कर्पूरी फुलेश्वरी म​हाविद्यालय कर्पूरीग्रामी परिसर में हुआ। इसमें मुख्य अति​िथ के रूप में शामिल होकर उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कार्यक्रम में मौजूद लोगों का अ​िभवादन किया। उन्होंने कहा कि जननायक की धरती पर आकर काफी अ​िभभूत हूं और इस दिन को जीवन में कभी नहीं भूल पाऊंगा। भारत के महान सपूत जननायक कर्पूरी ठाकुर सामाजिक न्याय के मसी​हा थे और मैं यहां की माटी को नमन करता ​हूं। जननायक एक ऐसे नेता रहे जिन्होंने अपनी कोई संपत्ति नहीं खरीदी और न अपना घर बनाया।

वो सादगी की मिसाल थे। उन्होंने उस समय िशक्षा ग्रहण की जिस समय पढ़ाई काफी मु​िश्कल हुआ करती थी। मुख्यमंत्री रहते हुए जननायक ने ​िशक्षा के लिए काम किया। इतना ही उन्होंने सरकारी कार्यों में हिंदी भाषा के प्रयोग पर ज्यादा जोर दिया। 1952 में विधायक बनने के बाद वे कभी चुनाव नहीं हारे, यह जनता के बीच उनकी लोकप्रियता को बताया है। वो पहले गैर कांग्रेसी रहे जो सीएम बने। जननायक ने संदेश दिया कि किसी भी हाल में सबसे ऊपर देश है। उपराष्ट्रपति ने कहा कि निधन के 36 साल के बाद जननायक को मोदी सरकार ने भारत रत्न दिया। यह खुशी की बात है कि केंद्र सरकार देश के महान सपूतों को लगातार सम्मानित करने का काम कर रही है।

वहीं, विकास पर कहा कि पिछले 10 सालों में काफी विकास हुआ। हर घर में शौचालय की व्यवस्था हुई, लोगों को पीने का शुद्ध पानी मिल रहा है और खाना बनाने के लिए सिलेंडर की व्यवस्था की गई है। इससे बदलाव दिख रहा है। दुनिया भारत की ओर देख रही है कि हम भ्रष्टाचार पर नकेल कसते हुए कैसे आगे बढ़ रहे हैं। जब 2047 में भारत आजादी का शताब्दी समारोह मना रहा होगा, तब देश विकसित होगा। कार्यक्रम के दौरान उपराष्ट्रपति की पत्नी सुदेश धनखड़, राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान, केंद्रीय कृ​िष मंत्री ​िशवराज सिंह चौहान, राज्यसभा के उपसभापति ह​रिवंश, गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय, सांसद शांभवी समेत कई बड़े नेता मौजूद थे।

जननायक ने मंडल कमीशन से पहले ही आरक्षण देकर इतिहास रचा था : हरिवंश राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश ने कहा कि इस धरती को नमन है, जहां कर्पूरी ठाकुर पैदा हुए। कुछ लोग ऐसी छाप छोड़ते हैं जो अमिट होती है। जननायक ने भी अपने कार्यों से ऐसी ही छाप छोड़ी। संबो​िधत करते हुए लोगों को कहा कि जननायक अपने जीवन में दो बार सीएम तो एक बार डिप्टी सीएम बने। इसके साथ ही वो लगभग 10 साल तक नेता प्रतिपक्ष रहे। इतने लंबे समय तक शक्तिशाली पदों पर रहते हुए उन्होंने अपना जीवन काफी सादगी के साथ व्यतीत किया। वे ऐसा नेता थे जिन्होंने मंडल कमीशन से पहले ही 1977 में सरकारी नौकरियों में आरक्षण दिया। इसका लाभ गरीब और कमजोर वर्ग के लोगों को मिला। यह उनकी दूरदर्शी सोच को दिखाता है।

Kunal Gupta

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