“पटना एयरपोर्ट के नये टर्मिनल भवन के निर्माण की दूसरी टाइमलाइन भी फेल, अब मार्च तक संभव
पटना:31 दिसंबर तक पटना एयरपोर्ट के नये टर्मिनल का निर्माण पूरा नहीं हो पायेगा. इसके सिविल स्ट्रक्चर का निर्माण पूरा हो चुका है, लेकिन फिनिशिंग वर्क का 40 फीसदी काम बाकी है. पहले 31 अक्तूबर तक इसके निर्माण को पूरा करने के लिए टाइमलाइन तय की गयी थी. लेकिन, उस वक्त तक इसे पूरा हाेना संभव नहीं देख कर टाइमलाइन को बढ़ा कर 31 दिसंबर की गयी. लेकिन, दूसरी टाइमलाइन के भीतर भी इसका निर्माण नहीं संभव दिख रहा है और यह भी फेल हो गयी है. छह दिसंबर को इसके निर्माण कार्य का जायजा लेने एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया के चेयरमैन आ रहे हैं.
उनके निरीक्षण के दौरान ही इसके निर्माण कार्य को पूरा करने के लिए तीसरी टाइमलाइन तय की जायेगी. वायरिंग, पेंटिंग, फॉल्स सीलिंग के काम बाकी नये एयरपोर्ट टर्मिनल के भीतर वाल पुट्टी का पूरा काम बाकी है. फॉल्स सीलिंग लगाने का काम भी अधूरा है अराइवल एरिया में इसे पूरा कर लिया गया है, लेकिन डिपार्चर एरिया में बाकी है. उसके बाद पेंटिंग होनी है. फिर बीच-बीच में वुडेन फ्रेम भी लगाये जाने हैं. इलेक्ट्रिसिटी वायरिंग और बिजली आपूर्ति से संबंधित अन्य कार्य भी अभी बाकी हैं. यात्रियों के बैठने के लिए कुर्सियां भी लगायी जानी हैं, टिकट बिक्री और चेकिंग के लिए काउंटर बनाये जाने हैं.
लगेज लाने और ले जाने के लिए तीन कन्वियर बेल्ट लगाये जाने हैं. साथ ही पांच एयरोब्रिज और 10 पार्किंग बे का भी निर्माण होना है. लेकिन, इनका निर्माण टर्मिनल के नये भवन के चालू होने के बाद होगा, क्योंकि वर्तमान टर्मिनल भवन को तोड़ कर उसी जगह पर इनका निर्माण होना है, जो नये टर्मिनल के चालू हाेने के बाद ही संभव है. सूत्रों की मानें, तो अगले वर्ष 31 मार्च तक नये टर्मिनल का कार्य पूरा कर लेने का प्रयास किया जायेगा, ताकि चालू वित्तीय वर्ष में ही यह प्रोजेक्ट पूरा हो जाये और अगले वर्ष बिहार विधानसभा के चुनाव की घोषणा से पहले ही इसका उद्धाटन भी संभव हो सके. पुराने टर्मिनल से सात गुना बड़ा होगा
मालूम हो कि पटना एयरपोर्ट पर 1216 करोड़ रुपये खर्च कर एक अत्याधुनिक और विशाल टर्मिनल का निर्माण तीन वर्षों से किया जा रहा है. यह वर्तमान टर्मिनल से सात गुना बड़ा है और 57 हजार वर्गफुट में फैला है. इसकी सालाना यात्री क्षमता 50 लाख यात्रियों की होगी.