“1 जनवरी को मां जयमंगला के मंदिर में बाहर से ही होंगे दर्शन,कांवर झील में नौका बिहार के लिए पहुंच रहे श्रद्धालु
बेगूसराय।मंझौल.एक जनवरी को श्रद्धालुओं की भीड़ के मद्देनजर जयमंगलागढ़ मंिदर के गर्भगृह में पूजा बंद रहेगा। श्रद्धालु बाहर से ही दर्शन और पूजा कर सकेंगे। इतना ही नहीं मंझौल से गढ़पुरा की ओर जाने वाले रास्ते को भी वन वे किया गया है। दूसरी तरफ कांवर झील में भी नौका बिहार के लिए श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। पर सरकार की उपेक्षा का शिकार यह रमणीक स्थली अपनी अस्मिता की रक्षा के लिए तरस रही है।
झील नाला का रूप धारण करने के कगार पर पहुंच चुकी है। अतीत की यादें परोसती काबर झील प्रत्येकवर्ष01 जनवरी को पर्यटकों को लुभाती आ रही है। इसबार एक लाख से अधिक सैलानियों के आगमन की तैयारी में अनुमंडल प्रशासन जुटी हुई है।
टापूनुमा है जयमंगला माता का मंदिर
काबर झील की गोद में माता जयमंगला की मंदिर है। हिन्दू धर्मावलंबी इसे सिद्धपीठ मानते हैं। तंत्रविद्या सिद्धि का यह उपयुक्त स्थली है। साधना के लिए मंगलवार व शनिवार उपयुक्त माना गया था। आज भी यहां पर उसी दिन पूजा का विधान है। बौद्ध धर्मावलंबी इसे बौद्ध स्थल मानते हैं। बौद्ध साहित्य में बुद्ध के परिभ्रमण क्रम में यहां आगमन का आख्यान है। उन्होंने 22 घंटों का विश्राम लिया था। नौकाविहार करते श्रद्धालु।