“BPSC:अभ्यर्थियों पर लाठीचार्ज के बाद खान सर का बड़ा बयान ‘हम लोग शांत नहीं बैठेंगे
BPSC: बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) की 70वीं परीक्षा में नॉर्मलाइजेशन को लेकर अभ्यर्थियों का पटना में महाआंदोलन चल रहा है. हजारों की संख्या में अभ्यर्थी नॉर्मलाइजेशन को वापस लेने की मांग कर रहे हैं. बीपीएससी कार्यालय के बाहर प्रदर्शन कर रहे छात्रों पर पुलिस ने लाठीचार्ज भी किया. इस लाठीचार्ज में कई अभ्यर्थी घायल हो गए. इस मुद्दे पर मशहूर शिक्षक खान सर ने कहा है कि बीपीएससी में गड़बड़ी चल रही है. डीएसपी और एसडीएम की सीटों को बेचा जा रहा है.
Bpsc: ‘हम लोग शांत नहीं बैठेंगे’, अभ्यर्थियों पर लाठीचार्ज के बाद खान सर का बड़ा बयान 2
खान सर बोले- नॉर्मलाइजेशन रद्द होने के बाद ही जायेंगे वापस
प्रदर्शन कर रहे अभ्यर्थियों के बीच पहुंचे खान सर ने कहा, ‘जब तक नॉर्मलाइजेशन खत्म नहीं होगा तब तक आंदोलन चलेगा. मैं अभ्यर्थियों का साथ दूंगा. नॉर्मलाइजेशन जब रद्द होगा तब वापस जाएंगे. हम खुद यहीं रहेंगे. बीपीएससी आधिकारिक बयान जारी करे कि नॉर्मलाइजेशन लागू नहीं होगा. औपचारिक स्टेटमेंट आ नहीं रहा है. बीपीएससी के अंदर गड़बड़ी चल रही है. डीएसपी और एसडीएम की सीटें यह लोग बेच रहे हैं. नॉर्मलाइजेशन में नुकसान होगा. एक अभ्यर्थी से अलग और दूसरे अभ्यर्थी से अलग सवाल पूछा जाएगा. परीक्षा में एक ही सेट का प्रश्नपत्र होगा तो सभी उम्मीदवारों को समान अवसर मिलेंगे.’
जेल ले जाए लेकिन…
खान सर ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि अभ्यर्थी अफवाह नहीं फैला रहे हैं. उनकी मांग जायज है. फॉर्म भरने के समय भी उन्हें परेशानी हुई थी. उन्होंने बताया कि फॉर्म भरने की आखिरी तिथि के दो-तीन दिन पहले से सर्वर डाउन हो गया था. इस वजह से करीब 80 हजार अभ्यर्थी फॉर्म ही नहीं भर पाए. उनके लिए भी अलग से व्यवस्था की जाए. खान सर ने सख्त लहजे में कहा कि प्रशासन हमलोग पर लाठीचार्ज करे, जेल ले जाए लेकिन जब तक नॉर्मलाइजेशन वापस नहीं लिए जायेगा तब तक हम लोग शांत नहीं बैठेंगे. हम लोग अनिश्चित कालीन धरना देंगे. बाबा साहेब के बताए हुए रास्ते पर चलेंगे और अपनी मांग मनवा कर ही मानेंगे.
क्या होता है नॉर्मलाइजेशन? (What is Normalization)
नॉर्मलाइजेशन प्रोसेस को तब अपनाया जाता है जब परीक्षा देने वाले अभ्यर्थियों की संख्या बहुत अधिक हो जाती है. इस प्रोसेस में दो या उससे अधिक शिफ्ट में परीक्षा ली जाती है. किस पाली में कितने प्रश्न का अभ्यर्थी अटेम्प्ट लेते हैं, उन्हें कितना नंबर आता है. इसी आधार पर प्रश्नपत्र आसान था या कठिन इसका आकलन किया जाता है. नॉर्मलाइजेशन लागू होने के बाद आसान पाली वाले के नंबर के हिसाब से कम नंबर लाने के बावजूद मुश्किल पाली वालों के नंबर में बढ़ोतरी कर दी जाती है. कभी-कभी नॉर्मलाइजेशन प्रोसेस के कारण कम नंबर लाने वाले अभ्यर्थी का मार्क्स काफी बढ़ जाता है तो कभी-कभी अच्छे मार्क्स लाने वाले अभ्यर्थी का नंबर कम कर दिया जाता है. इसी बात को लेकर इतना बवाल हो रहा है.