Thursday, December 26, 2024
Patna

“बिहार में इथेनॉल की 9 फैक्ट्री खुलेंगी,मुजफ्फरपुर के साहेबगंज में भी एक

मुजफ्फरपुर.बिहार में 2026 तक 9 नई इथेनॉल फैक्ट्रियां खुलेंगी। इनमें एक मुजफ्फरपुर के साहेबगंज में खुलेगी। इससे 13 करोड़ लीटर अतिरिक्त इथेनॉल का उत्पादन होगा। इनके खुलने से 50 हजार लोगों को रोजगार मिलेगा। इसके साथ ही 15 जिलों में गन्ना और मक्का की खेती करने वाले 20 हजार किसानों को भी फायदा होगा। गन्ना किसानों की चीनी मिल पर निर्भरता भी कम होगी। नई फैक्ट्रियों में भागलपुर, बेगूसराय, कैमूर, मुजफ्फरपुर, बाढ़, जमुई और वैशाली में 1-1 तथा बक्सर में 2 खुलेंगी। बक्सर और भागलपुर में मार्च 2025 तक उत्पादन शुरु हो जाएगा।

फिलहाल बिहार में 12 इथेनॉल फैक्ट्री है। इससे 56.50 करोड़ लीटर इथेनॉल का उत्पादन होता है। जिसमें से 60% इथेनॉल का निर्यात दक्षिण भारत के राज्यों को होता है। बिहार में इथेनॉल की स्टोरेज क्षमता केवल 15 करोड़ लीटर है। यह कुल उत्पादन का एक-तिहाई से भी कम हिस्सा है। 2018 में केवल 5.77 करोड़ लीटर ही इथेनॉल का उत्पादन होता है। 7 वर्ष में इथेनॉल के उत्पादन में 10 गुना वृद्धि हुई। 2018 की तुलना में 2024 में यह बढ़कर 56.50 करोड़ लीटर हो गई है। राज्य में गन्ना की पैदावार सबसे अधिक पश्चिमी चंपारण, पूर्वी चंपारण, गोपालगंज, सीतामढ़ी, सिवान, समस्तीपुर में होती है। जबकि कटिहार, पूर्णिया, बेगूसराय, भागलपुर, मधेपुरा, सहरसा, खगड़िया, समस्तीपुर, अररिया, दरभंगा में सबसे अधिक मक्का उत्पादन होता है।

साहेबगंज के जहुरा में खुलेगा इथेनॉल प्लांट

मुजफ्फरपुर|मुजफ्फरपुर में इथेनॉल के दो प्लांट को विस्तारित कर उत्पादन क्षमता बढ़ाई जाएगी। वहीं, एक नया प्लांट स्थापित होगा। इसमें तीन अरब 45 करोड़ रुपए निवेश होगा। इसके लिए तीन कंपनियों ने उद्योग विभाग को प्रस्ताव दिया है। तीनों प्रस्ताव बिहार राज्य निवेश प्रोत्साहन बोर्ड को भेजे गए हैं। नया प्लांट साहेबगंज के जहुरा में खुलेगा। जहुरा में खुलने वाली इथेनॉल की इकाई के संबंध में बोर्ड अगली बैठक में मंजूरी दे सकता है। पूर्व से इथेनॉल की तीन इकाई मोतीपुर के बरियापुर आैद्योगिक क्षेत्र में संचालित है। उद्योग विभाग बिहार को अनाज आधारित इथेनॉल हब बनने की राह पर है। इसमें निकट भविष्य में उत्तर बिहार की अहम भूमिका होगी। सरकार की इथेनॉल नीति के तहत बिहार में कई और ग्रीन फील्ड प्लांट पूरा होने के करीब हैं।

अभी मांग के अनुरूप उत्पादन कम, नई फैक्ट्री लगने से बढ़ेगा

बिहार में इथेनॉल का उत्पादन अभी 56.50 करोड़ लीटर है। जो मांग के मुताबिक कम है। ऐसे में उत्पादन के साथ ही इथेनॉल का निर्यात हो जाता है। अब अधिक मात्रा मे इथेनॉल के उत्पादन का प्रयास किया जा रहा है। नई फैक्ट्री लगने से उत्पादन बढ़ेगा। -नीतीश मिश्रा, उद्योग मंत्री, बिहार

9 नई फैक्ट्री से बिहार में 13 की जगह 17 लाख हेक्टेयर में गन्ना व मक्का की खेती हो सकेगी

13 करोड़ लीटर उत्पादन, 20 हजार किसानों को लाभ

12 इथेनॉल फैक्ट्री से 56.50 करोड़ लीटर इथेनॉल का उत्पादन होता है बिहार में

60% दक्षिण भारत में निर्यात, पेट्रोल में मिलाने व शराब बनाने में हो रहा इस्तेमाल

9 नई फैक्ट्री में से 2 में मार्च 2025 तक शुरु होगा उत्पादन, 7 में 2026 तक होगा

2 बक्सर, भागलपुर, बेगूसराय, कैमूर, मुजफ्फरपुर, बाढ़, जमुई, वैशाली में 1-1 फैक्ट्री लगेगी

नई इथेनॉल फैक्ट्री की वजह से गन्ना और मक्का की खेती राज्य में 17 लाख हेक्टेयर तक पहुंच जाएगी।

बिहार में अभी 13 लाख हेक्टेयर में गन्ना व मक्का की खेती होती है। जिससे 3.60 लाख किसान सीधे जुड़े है।

गन्ना उत्पादन में बिहार का दूसरा और मक्का में 5वां स्थान है। गन्ना किसान अपनी फसल का 70% हिस्सा चीनी मिलों को बेचते है। जबकि 20% गन्ना इथेनॉल फैक्ट्री में जाता है। 10% गन्ना के गुड़ और दूसरे पदार्थ बनाने में इस्तेमाल किया जाता है।

मक्का का 80 प्रतिशत हिस्सा इथेनॉल के उत्पादन में खर्च होता है। 20% मक्का का इस्तेमाल खाने में किया जाता है।

इथेनॉल का काम शराब बनाने के साथ ही पेट्रोल में मिलाने में खर्च किया जाता है। इससे पेट्रोलियम पदार्थ सस्ता रहता है। इसके साथ ही प्रयोगशाला में कम तापमान बनाए रखने के लिए कूलिंग बाथ या आइस बाथ में इथेनॉल का इस्तेमाल किया जाता है। इसके साथ ही इथेनॉल का इस्तेमाल मवेशियों, सूअरों, और मुर्गियों के लिए चारे के रूप में भी किया जाता है। पेट्रोल में इथेनॉल मिलाने से वायु प्रदूषण कम होता है। इसके साथ ही कार्बन और वाहन उत्सर्जन कम होता है।

Kunal Gupta

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