“लोन दिलाने का झांसा देकर 2000 लोगों से 5 करोड़ की ठगी, तेलंगाना गिरोह के 6 गिरफ्तार
पटना.लोन दिलाने का झांसा देकर 2000 लोगों से 5 करोड़ की ठगी करने वाले तेलंगाना गिरोह के 6 गिरफ्तार लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। गिरोह का सरगना नालंदा का रहने वाला है। बजाज फाइनेंस और रिलायंस कैपिटल से लोन दिलाने का झांसा देकर ठगी करने गिरोह का खुलासा हुआ है।
पटना साइबर थाने की पुलिस ने रामकृष्णा नगर थाना इलाके में निजी स्कूल के पीछे प्रेमशीला के मकान के पांचवीं मंजिल पर छापेमारी कर सरगना गोपाल कुमार उर्फ राहुल और तेलंगाना के पांच साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया।
इनके ठिकाने से पुलिस ने 13 मोबाइल, लैपटॉप, बैंक और लोन दिलाने वाली कंपनी के 3 फर्जी मुहर और लोन दिलाने का फर्जी प्रमाणापत्र आदि बरामद किया। गिरफ्तार सरगना गोपाल नालंदा के कतरीसराय का रहने वाला है। वहीं पकड़े गए गुट्टा शिवकुमार, मारूति, वारला सुधाकर, पी. बिक्रम तेलंगाना के रहने वाले हैं।
नालंदा के सरगना ने दी थी ट्रेनिंग, सोशल मीडिया पर दिया था विज्ञापन
सरगना गोपाल कुमार जामताड़ा से साइबर अपराध करने का ट्रेनिंग लेकर आया था। उसी ने इन पांचों को पटना बुलाया और एक सप्ताह तक ट्रेनिंग दी। ट्रेनिंग लेने के बाद गिरोह ने दोनों कंपनी से एक से 5 लाख लोन दिलाने के लिए सोशल मीडिया पर विज्ञापन दिया। उसमें साइबर अपराधियों का नंबर भी था। उसी नंबर पर कॉल करने पर लोग इनके झांसे में आते थे। लोगों को भरोसा दिया जाता था कि 15 से 20 दिन में लोन मिल जाएगा।
रजिस्ट्रेशन और प्रोसेसिंग के नाम पर 15 हजार लेते थे छोटे कारोबारी या बेरोगजार युवकों को लोन दिलाने का भरोसा देने के बाद रजिस्ट्रेशन, प्रोसेसिंग और जीएसटी के नाम पर प्रत्येक से गिरोह ऑनलाइन 15 हजार रुपए लेता था। कहा जाता था कि जल्द ही लोन मिल जाएगा। गिरोह ने दोनों कंपनी का लोन दिलाने का फर्जी दस्तावेज भी छपवा लिया था। जिसे वे वाटस एप या मेल कर भेज देता था। यही तरीका सभी के साथ अपनाता था।
प्रतिबिंब एप की मदद से पकड़े गए
साइबर थाने के डीएसपी राघवेंद्र मणि त्रिपाठी ने बताया कि पुलिस के पास प्रतिबिंब एप है। उसी में कई संदिग्ध नंबर थे। उन नंबरों की जांच की गई तो पता चला कि दो-तीन मोबाइल नंबर एक्टिव है और बार-बार ठगी कर रहा है। उसके बाद इंस्पेक्टर अनिल कुमार, एसआई धर्मेंद्र कुमार के नेतृत्व में टीम बनाई गई।
मोबाइल का लोकेशन लेने के बाद पुलिस उस किराए के मकान में पहुंची। पुलिस को देख सभी हड़बड़ा गए। इन लोगों की भाषा भी अलग थी। उसके बाद सबों को पकड़ा गया और इनके मोबाइल व लैपटॉप की जांच की गई तब पता चला कि साइबर अपराधियों का गिरोह है जो लोन दिलाने के नाम पर ठगी करता है। सभी आरोपी मैट्रिक से इंटर तक पढ़े हुए हैं।
रकम फौरन निकाल लेते थे आरोपी
जैसे ही ठगी होती थी, वैसे ही रकम को बिहार के अलावा देश के किसी अन्य कोने से एटीएम से निकाल लिया जाता था। पुलिस की गिरफ्त में आए तेलंगाना के शातिरों को 10 से 15 फीसदी कमिशन मिलता था। शेष रकम सरगना गोपाल और उसके ऊपर के साइबर अपराधी लेते थे। इस गिरोह का नीचे से ऊपर तक लंबा चेन है। साइबर अपराधियों का गिरोह कई लेवल में काम करता है। कोई ठगी करता है। कोई दूसरे के नाम पर फर्जी खाता खुलवाता है तो कोई ग्राहक भी लाकर देता है।