20 साल के सरगना ने लूटे 12 करोड़ के आईफोन:कंपनी का गार्ड बनकर भरोसा जीता,चलते कंटेनर से 1520 मोबाइल लेकर भागा
मध्यप्रदेश के सागर में लखनादौन-झांसी हाईवे पर कंटेनर से आईफोन लूट मामले का सरगना पुलिस के हत्थे चढ़ गया है। उसे पुलिस ने झांसी के पास से घेराबंदी कर गिरफ्तार किया है। वह रोजाना पुलिस को वारदात की नई–नई कहानियां सुना रहा है। पूछताछ में मुख्य आरोपी वारिस खान निवासी मंगोराका जिला पलवल (हरियाणा) ने बताया कि वह चेन्नई में सुरक्षा गार्ड कंपनी में काम करता था।
आईफोन लूट के बाद इन्हें 500 रुपए से लेकर पांच हजार रुपए कम कीमत पर बेच दिए गए। यह आईफोन देश के साथ विदेश में भी बेचे गए हैं। पुलिस जांच में पता चला है कि मोबाइलों की लोकेशन यूक्रेन, दुबई, हरियाणा, गुड़गांव, दिल्ली, पंजाब समेत अन्य राज्यों में मिली है। इस मामले में अब तक वारिस खान सहित सात लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है।
वारिस खान का पुलिस के सामने कबूलनामा
पुलिस पूछताछ में वारिस खान ने बताया कि छुट्टियों में वह मंगोराका गांव आया था। इसी दौरान मेवाती गैंग के सदस्यों से मिला। उन्होंने मुझे ऑफर दिया कि तुम्हारे कंटेनरों में कीमती सामान जाता है। उसकी कटिंग करा दो। इसके बदले में तुम्हें 50 लाख रुपए देंगे। मैं 50 लाख रुपए के लालच में आ गया और लूट करने के लिए तैयार हो गया।
अगस्त माह में लूट की वारदात को अंजाम दिया और फरार हो गया था। लूट के बाद भी मेवाती गैंग ने उसे 50 लाख रुपए नहीं दिए। फरार होने पर पुलिस लगातार उसकी तलाश कर रही थी। इसी बीच लोकेशन के आधार पर आरोपी वारिस खान को झांसी के पास से गिरफ्तार कर लिया गया। पूछताछ में मुख्य आरोपी ने वारदात में शामिल मेवाती गैंग के सदस्यों के नाम बताए हैं। जिनकी पुलिस तलाश कर रही है।
कंटेनर में चेन्नई से दिल्ली जा रहे आईफोन को सागर में लूटा गया। जब भास्कर टीम ने इसकी पड़ताल की तो कई खुलासे हुए, पढ़िए वारदात की सिलसिलेवार पूरी रिपोर्ट…
सागर में लखनादौन-झांसी हाईवे पर 14-15 अगस्त की रात कंटेनर से 1520 आईफोन लूटे गए थे, जिनकी कीमत करीब 12 करोड़ रुपए है। आरोपियों ने कंटेनर के ड्राइवर को बंधक बनाकर वारदात को अंजाम दिया। कंटेनर का ड्राइवर पुलिस के पास भी पहुंचा, लेकिन शिकायत दर्ज नहीं की गई।
30 अगस्त को आईजी प्रमोद वर्मा को मामले की सूचना मिली, जिसके बाद कार्रवाई शुरू हुई। बांदरी थाना पुलिस ने कंटेनर ड्राइवर हरनाथ पिता लालता प्रसाद निवासी गोहानी बांगर (कानपुर) की शिकायत पर कंटेनर में सवार सुरक्षा गार्ड मो. वारिस पिता मुद्दीन निवासी मंगोराका पलवल निवासी हरियाणा समेत तीन अन्य आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर जांच में लिया था। वारदात के समय कंटेनर में 3980 आईफोन लोड थे। जिनमें से आरोपी 1520 मोबाइल लेकर भागे थे।
बोले-हिलने की कोशिश की तो गोली मार देंगे
कंटेनर ड्राइवर हरनाथ निवासी गोहानी बांगर (कानपुर) ने पुलिस को बताया था कि वह 12 अगस्त को चेन्नई में ऐप्पल कंपनी से माल लोड करके कंटेनर दिल्ली ले जा रहा था। साथ में कंपनी ने एक गार्ड मोहम्मद वारिस को भी भेजा था। 14 अगस्त को गार्ड मोहम्मद वारिस ने मुझे कहा कि कंपनी का दूसरा स्टाफ भी आ रहा है। लखनादौन से अपने साथ चलेगा।
14 अगस्त की शाम करीब 7.30 मो. वारिस ने लखनादौन के पास एक चाय के ठेले पर गाड़ी रुकवा दी। जहां उसका साथी खड़ा था। इन लोगों को उसने कंपनी का स्टाफ बताया था। वहां उसने मुझे चाय पीने के लिए दी। उसके बाद वह लड़का भी हमारे साथ गाड़ी में बैठ गया। मैं गाड़ी लेकर निकल गया।
लखनादौन के पास चाय पीने के बाद जैसे ही हम बढ़े तो मुझे नींद आने लगी। मैंने गार्ड वारिस से कहा कि नींद आ रही है। तब उसने कहा कि गाड़ी सर्विस रोड़ पर खड़ी करके सो जाओ, हम देख लेंगे। जब मेरी नींद खुली तो मेरे हाथ-पैर और आंखों पर पट्टी बंधी थी। जैसे ही मैंने उठने की कोशिश की तो पीछे से किसी ने मेरी कमर पर कुछ सटा दिया और बोला कि अगर हिलने की कोशिश की तो गोली मारकर जान से खत्म कर दूंगा।
मुझे कैबिन के कोने मे लिटा कर दबा दिया। डर के कारण मैं चुपचाप लेटा रहा। वारदात के दौरान गाड़ी बीच-बीच में रुक रही थी। वे गाड़ी से आईफोन लूटकर भाग गए। मुझे होश आया तो जैसे-तैसे हाथ-पैर की रस्सी खोली और पुलिस थाने पहुंचा।
ऐसे दिया लूट की वारदात को अंजाम
पूछताछ में आरोपी ने बताया, आईफोन लोड कर कंटेनर निकलने के पहले ही लूट का प्लान तैयार कर लिया था। पूरी टीम हाईवे पर सक्रिय कर दी थी। जैसे ही कंटेनर चेन्नई से रवाना हुआ तो एक कार उसके पीछे लग गई। कार में आरोपी के सहयोगी सवार थे। वे हैदराबाद में लूट करने वाले थे। लेकिन वहां उनको मौका नहीं मिला, जिसके बाद वे लखनादौन पहुंचे।एक साथी को कंपनी का आदमी बनाकर कंटेनर में सवार कराया, जिसके बाद उन्होंने कुछ दूर चलने पर चाय पीने के लिए कंटेनर रुकवाया। जहां उन्होंने चाय पी। इसी दौरान कंटेनर ड्राइवर को नशीला पदार्थ पीला दिया, जिससे उसे नींद आने लगी। कंटेनर सड़क किनारे रुकवा दिया और ड्राइवर को सोने का बोला।
जैसे ही वह बेहोशी की हालत में हुआ तो उसके हाथ-पैर बांधे और केबिन में डाल दिया। सहआरोपी कंटेनर को चलाने लगा। कंटेनर में जीपीएस लगा हुआ था। इसलिए उन्होंने चलते कंटेनर में लूट की वारदात शुरू की।
पुलिस को कंटेनर में से आईफोन के स्थान पर खाली डिब्बे मिले हैं।
कार में रखने की जगह नहीं थी तो सिर्फ फोन निकाले
वारदात के दौरान स्विफ्ट कार हाईवे पर कंटेनर के पीछे चल रही थी। बॉक्स के साथ आईफोन रखने की जगह कार में नहीं थी। इसलिए आरोपियों ने बॉक्स खोले और उनमें रखे सिर्फ फोन निकाले। वे राजमार्ग से बांदरी तक चलते कंटेनर में बोरियों में आईफोन भरते रहे। जिसके बाद बोरियां उतारकर कार में रखीं। कंटेनर बांदरी थाना क्षेत्र में हाईवे किनारे ढाबे के पास खड़ा कर भाग गए थे। भागकर आरोपी पीछे दिल्ली पहुंचे। दिल्ली से हरियाणा गए। इस दौरान रास्ते में उन्होंने अपने साथियों को टुकड़ों में आईफोन थमा दिए। जिस पर उन्होंने कम कीमत में बेचना शुरू कर दिया।
500 से 5000 रुपए तक कम कीमत में बेचे
आरोपियों ने लूटे गए मोबाइल फोन ऑनलाइन प्लेटफॉर्म समेत चोर बाजार और अन्य गैंग के सदस्यों की मदद से बिकवाए हैं। मार्केट में आईफोन 15 प्रो नया आया था। जिससे उसकी डिमांड ज्यादा थी। इसी का फायदा उठाकर आरोपियों ने 500 से 5000 रुपए तक कम कीमत में आईफोन बेचे जो लोगों ने आसानी से ले लिए। वहीं कुछ दुकानदारों ने भी थोक में फोन खरीद लिए थे।
यूक्रेन, दुबई समेत अन्य राज्यों में मिली लोकेशन
लूटे गए आईफोन की लोकेशन पुलिस साइबर सेल की मदद से ट्रेस कर रही है। ऐप्पल कंपनी ने लूट के बाद चालू हुए करीब 800 मोबाइल की लिस्ट पुलिस को दी है। जिनकी लोकेशन ट्रेस की गई। इस दौरान ऑनलाइन प्लेटफॉर्म से बेचने गए लूट के कुछ आईफोन की लोकेशन यूक्रेन, दुबई, हरियाणा, गुड़गांव, दिल्ली, पंजाब समेत अन्य राज्यों में मिली है। पुलिस लोकेशन के आधार पर अलग-अलग स्थानों पर दबिश देकर मोबाइल की जब्ती बना रही है।आईफोन लूट के मामले में बांदरी पुलिस अब तक 7 आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है, जिनके कब्जे से 63 मोबाइल जब्त किए गए हैं। यह आरोपी लूटे गए मोबाइल खरीदने और बेचने का काम कर रहे थे। सभी आरोपियों को पुलिस ने पूछताछ के बाद जेल भेज दिया है। वहीं वारदात में फरार अन्य आरोपियों की तलाश की जा रही है।
मेवाती गैंग रैकी कर चिंहित करती है अपना शिकार
लूट की वारदात करने वाले मेवाती गिरोह का नेटवर्क बेहद तगड़ा है। मेवाती गिरोह के सदस्य मध्यप्रदेश समेत अन्य राज्यों में लगातार घूमते रहते हैं। इस दौरान वह अपना टारगेट चुनते हैं, जिसके बाद वह वारदात करने की साजिश रचते हैं। साजिश के तहत वारदातस्थल या संस्थान में उनका एक सदस्य दाखिल होता है। उसकी मदद से वह वारदात को अंजाम देकर फरार हो जाते हैं।
12 करोड़ के मोबाइल लूट में भी मेवाती गिरोह ने यही तरीका अपनाया था। मुख्य आरोपी मो. वारिस खान चेन्नई पहुंचा और सुरक्षा एजेंसी में जगह बनाने की कोशिश की। संपर्क किया तो सुरक्षा कंपनी ने शपथ-पत्र मांगा। आरोपी ने अपने गांव के सरपंच का शपथ-पत्र बनवाकर एजेंसी में दे दिया, जिसके बाद उसे नौकरी पर रख लिया था। वह काम पर आने लगा। उसने कुछ डिलीवरी सुरक्षित पहुंचाई और भरोसा कमाया।इसी बीच उसे आईफोन चेन्नई से दिल्ली पहुंचाने का जिम्मा मिला। कंटेनर में करोड़ों रुपए के आईफोन भरे थे। मौका पाकर उसने अपनी गैंग की मदद से लूट की साजिश रची और हाईवे पर चलते कंटेनर से 12 करोड़ रुपए कीमत के आईफोन लेकर भाग गया।