बिहार में 10 बड़े परीक्षा माफिया एक्टिव:देशभर में प्रतियोगी परीक्षाओं का लीक कराते हैं प्रश्नपत्र, जानिए गैंग में…
पटना समेत पूरे बिहार में अब तक दर्जनों ऑनलाइन औप ऑफलाइन परीक्षा का प्रश्न पत्र लीक हो चुका है। परीक्षा शुरू होने के पहले या फिर परीक्षा के दौरान पेपर लीक होने की सूचना मिली। पेपर लीक की सूचना मिलने के बाद पुलिस इसकी जांच शुरू करती है।पुलिस की जांच में अभ्यर्थियों के साथ-साथ बड़े माफियाओं का नाम सामने आता है। छोटे खिलाफी गिरफ्तार होते हैं, लेकिन पुलिस अब तक किसी बड़े माफिया को गिरफ्तार नहीं कर सकी है।
बिहार में कई बड़े परीक्षा माफिया है, जो पटना में बैठकर देशभर में होने वाली प्रतियोगी परीक्षाओं का प्रश्नपत्र लीक कराते हैं। इसमें संजीव मुखिया, निशिकांत कुशवाहा, भास्कर चौधरी, अतुल वत्स, रवि भूषण, विजेंद्र गुप्ता, विशाल चौरसिया, राजकुमार सिंह, प्रशांत कुमार और विकास कुमार शामिल हैं।
गैंग में शामिल सदस्य कैंडिडेट्स तलाश करते हैं
देशभर में होने वाले परीक्षा का पेपर लीक मामले में इनका नाम आता है। इनके पास सैकड़ों लोगों की टीम है। गैंग के सभी सदस्यों का काम अलग-अलग होता है। कोई सेटिंग करता है। कोई सेंटर प्रिंटिंग प्रेस को मैनेज करता है। कोई टेक्निकल सपोर्ट देता है। गैंग के सदस्य ही कैंडिडेट्स की तलाश भी करता है।
फर्जीवाड़े की दुनिया में जो बड़े नाम है, उनके लोग लगभग सभी राज्यों में मौजूद हैं। ये सभी अपने अपने राज्यों में होने वाले परीक्षा की जानकारी जुटाते है और पेपर लीक कराने में जुट जाते है। सिपाही भर्ती परीक्षा, नीट पेपर लीक, अमीन परीक्षा लीक, एसएफसी परीक्षा लीक, शिक्षक बहाली परीक्षा, गुजरात पेपर लीक कांड, यूपी लेखापाल परीक्षा धांधली, यूपी शिक्षक भर्ती घोटाला, व्यापमं घोटाला, केवीएस भर्ती फर्जीवाड़ा, ओडिशा पेपर लीक कांड में ये लोग शामिल रहे हैं।
लिखित परीक्षा में सॉल्वर बैठाया था
बिहार या प्रदेश से बाहर परीक्षा माफियाओं का नाम पुलिस जांच में आता है, लेकिन ये कभी गिरफ्तार नहीं हो पाते। इनमें से अधिकतर के खिलाफ पटना के विभिन्न थानों में केस दर्ज हैं। साल 2021 में सिपाही-दरोगा बहाली के दौरान फिजिकल टेस्ट में 370 अभ्यर्थियों को पकड़ा गया था, जिन्होंने लिखित परीक्षा में अपनी जगह सॉल्वर को बैठाया था। इस मामले में करीब 44 केस गर्दनीबाग थाने में दर्ज हुए, लेकिन कोई बड़ी कार्रवाई नहीं हुई।
पटना पुलिस जिन्हें फरार मानती है, उन्हें अन्य राज्यों की पुलिस आकर गिरफ्तार कर लेती है। 25 जुलाई को ओडिशा एसएससी पेपर लीक कांड में बालासोर पुलिस ग्रामीण कार्य विभाग के अकाउंटेंट विशाल सहित दो जालसाजों को पकड़कर अपने साथ ले गई। पिछले साल दिल्ली पुलिस ने एमटीएस की परीक्षा में फर्जीवाड़ा करने वालों को पकड़ा था। साल 2021 में जयपुर और प्रयागराज की पुलिस ने सॉल्वरों को पकड़ा था।
कंपनी खोल कर फर्जीवाड़ा
माफिया शुरू में प्रतियोगी परीक्षाओं में सॉल्वर बैठाकर धांधली करते थे। अब कंपनी बनाकर ऑनलाइन एग्जामिनेशन कराने का ठेका लेते हैं। पटना के दो दर्जन से अधिक ऑनलाइन परीक्षा केंद्रों में माफियाओं का पैसा लगा है। मार्च 2022 में गिरफ्तार अश्विनी सौरभ ने स्वीकार किया था कि उसके गिरोह ने एवीएस, एसीएमई ऑनलाइन एग्जामिनेशन सेंटर दीघा और एवीएसआई टेक ऑनलाइन एग्जामिनेशन सेंटर में पैसा लगाया है। मुजफ्फरपुर में भी सेंटर है।
बिहार के 10 बड़े परीक्षा माफिया
1. संजीव मुखिया बिहार के नालंदा का रहने वाला है। इसके ऊपर नीट और सिपाही बहाली के साथ-साथ भोपाल में पेपर लीक कराने के कई मामले दर्ज है। गैंग में इसका बेटा शिव और परिवार के कई लड़के भी शामिल है। इन्होंने नीट परीक्षा में 100 से ज्यादा अभ्यर्थियों से पैसा लिया था। संजीव एग्रीकल्चर कॉलेज में काम करता था।
2. बिहार शरीफ के रहने वाले भास्कर चौधरी गुजरात के बड़ौदा में कंसल्टेंसी का काम करता है। गुजरात पेपर लीक कांड का मुख्य आरोपी है। बिहार समेत गुजरात और दिल्ली में इसके खिलाफ 9 मामले दर्ज हैं। फिलहाल तीन राज्यों की पुलिस तलाश कर रही है।
3. अतुल वत्स बड़ा परीक्षा माफिया है। बिहार के जहानाबाद जिला का रहने वाला है। पटना के दानापुर और एयरपोर्ट थाने में शिक्षक भर्ती पेपर लीक कराने के मामले में इस पर 2 केस और दिल्ली, हरियाणा, जयपुर में दर्जन भर मामले दर्ज है। ये दिल्ली, हरियाणा, जयपुर और हिमाचल प्रदेश में जेल जा चुका है। फिलहाल ये फरार है।
4. विशाल चौरसिया बिहार शरीफ का रहने वाला है। ग्रामीण कार्य विभाग में अकाउंटेंट के पद पर कार्यरत था। इसने 7 लोगों की टीम बना कर उड़ीसा में एसएससी का पेपर लीक करा दिया था। 80 अभ्यर्थियों से 5-5 लाख में डील हुई थी। बाद में ये परीक्षा रद्द कर दी गई। विशाल पर उड़ीसा के 3 थानों में 7 मामले दर्ज है। फिलहाल उड़ीसा के जेल में बंद है।
5. निशिकांत कुशवाहा नवादा का रहने वाला है। पहले नीट और अन्य प्रतियोगिता परीक्षा का प्रश्न पत्र लीक करता था। इसके खिलाफ बिहार समेत नोएडा में 6 मामले दर्ज है। अभी ये रिच माइंड कंपनी बना कर परीक्षा कराने का ठेका लेता है। फिलहाल ये भी फरार है।
6. पटना के नया टोला का रहने वाला प्रशांत कुमार पर अमीन बहाली और एसएफसी पेपर लीक करने का आरोप है। इसी मामले में जेल भी गया था। फिलहाल बेल पर बाहर है।
7. नितेश कुमार मुजफ्फरपुर के साहेबगंज का रहने वाला है। अतुल वत्स का राइट हैंड है। अतुल के साथ कई पेपर लीक में शामिल रहा है। बैक डोर से मुजफ्फरपुर में ऑनलाइन परीक्षा का सेंटर संचालित करता है।
8. रोहतास निवासी राजकुमार सिंह यूपी लेखापाल और यूपी शिक्षक भर्ती घोटाला में शामिल रहा है। यूपी के कई जिलों में इस पर दर्जनों मामले दर्ज है। फिलहाल फरार है। नेपाल में छिपे होने की आशंका है।
9. विकास कुमार पटना के बेऊर का रहने वाला है। उड़ीसा एसएससी, व्यापमं घोटाला और केवीएस भर्ती फर्जीवाड़ा में इसका नाम शामिल है। इसपर 8 थानों में 11 से ज्यादा मामले दर्ज है। फिलहाल ये भी फरार है।
10. नालंदा का रवि भूषण बड़ा परीक्षा माफिया है। छोटे बड़े एक दर्जन से ज्यादा पेपर लीक में शामिल रहा है। सीएचओ पेपर लीक का मास्टरमाइंड है। नीट पेपर लीक, केवीएस भर्ती कराने का मुख्य आरोपी भी है। पटना में खुद का ऑनलाइन परीक्षा सेंटर भी है। जिसे फिलहाल ईओयू ने सील कर दिया है।