छठी का दूध याद दिलाती ट्रेनें:त्योहार पर 7000 स्पेशल ट्रेनें चलाने का दावा;हकीकत टॉयलेट में भी जगह नहीं
नई दिल्ली.भोपाल.समय : सोमवार दोपहर 2:35 । एलटीटी से गोरखपुर जाने वाली कुशीनगर एक्सप्रेस जैसे ही प्लेटफॉर्म-2 पर आई, छठ मनाने जा रहे यात्रियों का रेला टूट पड़ा। खासी जद्दोजहद के बाद जैसे-तैसे एसी और स्लीपर कोच में दाखिल हुए तो अंदर का नजारा जनरल जैसा ही था। सीट तक पहुंच पाना भी मुश्किल। … और जनरल, यहां कोच तो छोड़िए, टॉयलेट में भी सामान समेत यात्री भरे थे। जो जहां था, वहीं लॉक, एक इंच खिसकना भी नामुमकिन।
एक दिन में स्पेशल 188 ट्रेनें चलने का दावा: पश्चिम-मध्य रेल जोन के अंतर्गत भोपाल, जबलपुर और कोटा मंडलों से 3 नवंबर काे छठ के लिए 188 स्पेशल ट्रेनें गुजरने का दावा रेलवे प्रशासन ने किया है। इसके पूर्व 2 नवंबर को 168 ट्रेनें यहां से गुजरीं। पिछले साल के मुकाबले इनकी संख्या एक दिन में क्रमश: 25-30 तक ज्यादा रही। वहीं, देशभर में पिछले साल की 4500 के मुकाबले इस बार 7296 स्पेशल ट्रेनें चलाने का दावा रेलवे ने किया है। इसके बाद भी ट्रेनों के हालात बता रहे हैं कि स्थिति कितनी गंभीर है। स्टेशन पर देर शाम तक ऐसा ही नजारा देखा गया।
बढ़ रहे हैं यात्री: उत्तर प्रदेश, बिहार-झारखंड सहित उत्तर भारत में मनाए जाने वाले छठ पर्व के लिए इस बार भोपाल के स्टेशनों से छठ पर्व के पहले के तीन दिन के दौरान ही 35 हजार से ज्यादा यात्री रवाना हुए हैं। जबकि पिछले साल इन्हीं तीन दिनों के दौरान यात्रियों की संख्या करीब 25 हजार रही थी। यानी इस बार त्योहार मनाने जाने वालों की संख्या पिछले सालों से काफी ज्यादा रही है। आमतौर पर भोपाल स्टेशन पर एक दिन में 65 से 70 हजार यात्री आवागमन करते हैं। लेकिन त्योहार के पहले यह संख्या 80 से 85 हजार तक पर पहुंच जाती है।
दिक्कत दूर करने का प्रयास…पश्चिम-मध्य रेल जोन के प्रवक्ता हर्षित श्रीवास्तव का कहना है कि यात्रियों की संख्या इस बार काफी ज्यादा है। रेलवे ने स्पेशल ट्रेनें भी पिछली बार से करीब डेढ़ गुनी चलाई हैं। जरूरत पड़ने पर लगातार संख्या बढ़ाई जा रही है। सोर्स :दैनिक भास्कर।