शहर में मिलावटखोरी के खिलाफ होती है जांच की कागजी खानापूर्ति
हाजीपुर.फूड प्वाइजनिंग से बीमार होने के मामले थोक मात्रा में आते रहते है। ऐसा तेल, घी, मसाला, खोवा, छेना में मिलावट के कारण होता है। लेकिन फूड सेफ्टी विभाग त्योहारों पर जिले की दुकानों से खाद्य पदार्थों की जांच के नाम पर सैंपल लेकर सिर्फ दुकानदारों में खौफ पैदा करता है। महज साल में एक दो बार कुछ दुकानों से सैंपल कलेक्शन कर खानापूर्ति कर ली जाती है। विभाग न तो कभी जांच रिपोर्ट सार्वजनिक करता है, न समय से सिविल सर्जन को रिपोर्ट सौंपता है।
किसी दुकान पर कार्रवाई भी नहीं होती है। पिछले वर्ष दुर्गा पूजा व दिवाली में लिए सैंपलों में गड़बड़ी मिलने के बाद दुकानदारों के खिलाफ किस तरह की कार्रवाई हुई, इसका खुलासा नहीं हो सका है। इस वर्ष दुर्गा पूजा से पहले कोई जांच नहीं हुई, मगर जब दुर्गा पूजा एवं दीपावली आते हीं फूड सेफ्टी डिपार्टमेंट को मिलावट की याद आई और जिले के दर्जनभर से ज्यादा दुकानदारों से सैंपल लेकर जांच में भेजा, लेकिन विडंबना यह भी है कि सैंपल का जांच रिपोर्ट अब तक नहीं आई।
रोजाना सैकड़ों किलो मिठाई बेचती बाजार में चांदी के वर्क में लिपटी मिठाइयां और मिल्क प्रोडक्ट से बनने वाली सामग्री हर ग्राहक की पहली पसंद बनी हुई है, इसमें सबसे ज्यादा खपत पनीर और खोवा की है। शहर में छोटी बड़ी रजिस्टर्ड 150 से अधिक मिठाई की दुकानें पंजीकृत हैं, जो रोजाना सैकड़ों किलो मिठाई बेचती है। जो बाहर से आ रहे मेवा से निर्मित हो रही है।
मिठाई सैंपल में लेकर उसे लैब में जांच के लिए भेजा गया ^दुर्गा पूजा और दीपावली के दौरान भगवानपुर के अलावा हाजीपुर के स्टेशन रोड, रामाशीष चौक, सिनेमा रोड, गुदड़ी रोड आदि जगहों पर दर्जनों मिठाई दुकान की जांच कर मिठाई सैंपल में लेकर उसे लैब में जांच के लिए भेजा गया हैं। जांच रिपोर्ट आने के बाद दुकानदारों पर कार्रवाई की जाएगी। : तपेश्वरी सिंह, फूड सेफ्टी ऑफिसर, वैशाली।
नमूनों की जांच का नहीं चलता पता फूड सेफ्टी विभाग द्वारा विगत वर्ष दीपावली के समय भी बड़े पैमाने पर नमूने लिए गए थे। इन नमूनों का क्या हुआ यह पता नहीं चला। न तो कोई दुकान सील हुआ और ना ही कोई और कार्रवाई सार्वजनिक हुई। इस बार दुर्गा पूजा और दीपावली में हाजीपुर, भगवानपुर, गोरौल आदि क्षेत्रों से दर्जनों सैंपल लिए गए हैं।