“मौसम बदलते ही सर्दी-जुकाम और बुखार के मरीजों की बढ़ी संख्या,आठ सौ से अधिक का हुआ इलाज
“मौसम बदलते ही सर्दी-जुकाम और बुखार :समस्तीपुर.मौसम के करवट बदलते ही सदर अस्पताल में सर्दी-जुकाम और बुखार के मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी हो गई है। मौसम में बदलाव के कारण लोग सर्दी, जुकाम, बुखार, बदन दर्द व सिर दर्द की शिकायत लेकर इलाज के लिए सदर अस्पताल पहुंच रहे हैं। बता दें कि सदर अस्पताल के ओपीडी में प्रतिदिन 800-900 मरीज इलाज के लिए आते हैं।
उनमें से 60 प्रतिशत मरीज मौसमी बीमारियों की शिकायत लेकर आते हैं। इलाज में किसी तरह की परेशानी का सामना मरीजों न करना पड़े, इसलिए सदर अस्पताल के डीएस डॉ गिरीश कुमार ने सभी चिकित्सकों को समय से अपनी ड्यूटी पर मौजूद रहने का निर्देश दिया है। बता दें कि सदर अस्पताल में ओपीडी में सुबह 8 बजे से मरीजों का निबंधन शुरू होता है। वहीं 9 बजे से 2 बजे तक और दूसरी पाली में तीन बजे से शाम पांच बजे तक मरीजों को देखकर चिकित्सक दवा लिखते हैं। हालांकि अस्पताल के कई चिकित्सकों के ओपीडी में देरी से पहुंच की शिकायत मिलती है।
जिसके कारण मरीजों को घंटों इंतजार करना पड़ता है। इसको लेकर डीएस डॉ गिरीश कुमार ने कहा है कि ड्यूटी से गायब रहने वाले ऐसे चिकित्सकों और कर्मियों पर कार्रवाई की जाएगी।
दिन में अभी धूप में कड़ापन रह ही रहा है। वहीं शाम होते तापमान में गिरावट के साथ ठंड हो जाती है। इस मौसम में लोग सर्द-गर्म के कारण मौसमी बीमारियों की चपेट में आ जा रहे हैं। इस संबंध में डॉ गिरीश कुमार ने बताया कि बदलते मौसम में लोगों को सावधानियां बरतनी चाहिए। विशेष रुप से साफ-सफाई का विशेष ख्याल रखना चाहिए। मौसमी बीमारी से बचाव के लिए हेल्थी फूड, गर्म पानी और गर्म कपड़े का उपयोग करना चाहिए। अगर किसी चीज से एलर्जी हो तो उससे बचना चाहिए। बच्चों के पहनावे पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। वायरल इंफेक्शन से पीड़ित हो रहे बच्चों और वृद्ध लोगों में खांसी और बुखार अधिक देखने को मिल रहा है।
सर्द और गर्म से सबसे अधिक खतरा बच्चों और वृद्ध लोगों को रहता है। इस बदलते मौसम में बच्चे एवं वृद्ध लोगों को ठंडा पानी, कोल्ड ड्रिंक्स आदि से दूर रखें।
मौसमी बीमारियों की चपेट में आने से लोगों को बचना चाहिए। सदर अस्पताल में इलाज की व्यवस्था है और संबंधित दवाएं उपलब्ध हैं। अस्पताल में ड्यूटी से गायब होने वाले चिकित्सकों और कर्मियों के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी। -डॉ. गिरीश कुमार, डीएस, सदर अस्पताल.