40 हजार रुपये वेतन पर काम कर रहे नशाखुरानी गिरोह के तीन सदस्य पकड़ाये, ऐसे हुआ खुलासा
पटना.ट्रेनों में यात्रियों को नशाखुरानी का शिकार बनाने वाले गिरोह को आरपीएफ ने पकड़ा है. पकड़े गये लोगों में सलैया मथानबिघा औरंगाबाद निवासी वीरेंद्र सिंह, सिमरौका खिजसराय गया निवासी सूरज कुमार और सरगामा देव औरंगाबाद निवासी सुनैना देवी हैं. तीनों के पास से यात्रियों से चारी किये गये सामान भी बरामद किये गये हैं. इन्हें रेल थाना के हवाले कर दिया गया है. इससे पूर्व वीरेंद्र सिंह ने आरपीएफ को बताया कि गिरोह का सरगना अनिल सिंह है. गैंग में कुल छह लोग है. गैंग में गिरोह का सरगना का मौसेरा भाई सुनील सिंह के अलावा चंदन सिंह हैं. अनिल सिंह सभी लोगों को काम के एवज में 40 हजार रुपये मासिक वेतन देता था.
पीड़ित ने की अपराधियों की पहचान :
12 सितंबर को ट्रेन संख्या 13307 गंगा सतलज एक्सप्रेस में धनबाद से डेहरी ऑनसोन तक यात्रा करने के दौरान एक यात्री रोहतास निवासी राजीव कुमार सिंह को धनबाद-गोमो स्टेशन के मध्य किसी अपराधी ने कोलड्रिंक में नशे की गोली मिलाकर पिला दी. राजीव के बेहोश होने पर अपराधियों ने दो अंगूठी, 25 हजार रुपये नकद, तथा अन्य सामान चुरा ली. राजीव को बेहोशी की हालत में 13 सितंबर को डेहरी ऑनसोन स्टेशन पर आरपीएफ ने उतारा. प्राथमिक इलाज के लिए अनुमंडलीय अस्पताल भेजा गया.
मामले में 00 एफआइआर दर्ज की गयी. इसके बाद राजीव को प्रभारी निरीक्षक ने ह्वाट्सएप्प के माध्यम से अपराधियों का सीसीटीवी फुटेज भेजा. इसके बाद राजीव ने अपराधियों की पहचान की. आरपीएफ ने रेकी शुरू की. छह अक्तूबर को राजीव कुमार सिंह धनबाद आये आरपीएफ टीम के साथ स्टेशन के प्लेटफॉर्म दो के कालका छोर पर निगरानी करने लगे. राजीव कुमार सिंह के पहचान करने के बाद तीनों को पकड़ा गया. वीरेंद्र सिंह ने बताया कि 27 अक्टूबर को भी ट्रेन संख्या 12372 बीकानेर-हावड़ा एक्सप्रेस में चढ़े थे. ट्रेन कोडरमा स्टेशन के पास गुजर रही थी, तभी एक व्यक्ति को कोलड्रिंक और बिस्किट में नशीली दवा देकर बेहोश कर उसके सोने का सामान तथा मोबाइल चुरा लिया था.