गरीब हो या अमीर, दोनों ही किडनी और लिवर रोग से पीड़ित,खानपान में गड़बड़ी, शराब के कारण खराब होता है लिवर: डॉ. सुभाष
पटना.बिहार में गरीब हो या अमीर, दोनों ही किडनी और लिवर रोग से पीड़ित हैं। लिवर ट्रांसप्लांट कराने वाले 20 प्रतिशत मरीज बिहार-झारखंड, 20 प्रतिशत उत्तरप्रदेश, 20 प्रतिशत उत्तर भारत, 15 प्रतिशत दक्षिण भारत आैर 25 प्रतिशत अन्य प्रदेशों से आते हैं। यह कहना है दिल्ली के वरीय ट्रांसप्लांट सर्जन डॉ. सुभाष गुप्ता का। वे आईएसजीकॉन-2024 को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि लिवर खराब होने के मुख्य कारण हैं-खानपान में गड़बड़ी, शराब, वायरल डिजीज आदि। हमें खानपान में प्रोटीन की मात्रा ज्यादा लेनी चाहिए, नियमित व्यायाम करना चाहिए, संतुलित कार्य करना चाहिए। हरी आैर पत्तेदार सब्जी भोजन में लेनी चाहिए। उन्होंने बताया कि दिल्ली में लिवर ट्रांसप्लांट करवाने में 20-25 लाख खर्च आता है। अभी बिहार में आईजीआईएमएस में लिवर ट्रांसप्लांट हो रहा है।
आयोजन सचिव डॉ. मनीष मंडल ने बताया कि तीसरे दिन करीब 40 शोधपत्र, पेपर प्रेजेंटेशन और पोस्टर प्रेजेंटेशन किए गए। डॉ. विजय कुमार (हैदराबाद), डॉ. सेथिल नाथन (चेन्नई), डॉ. प्रवीण सूर्यवंशी (महाराष्ट्र), डॉ. प्रवीण जैन (नई दिल्ली), डॉ. अरुण कुमार (तिरुअनंतपुरम), डॉ, निलेश (मुंबई), डॉ. पीयूष वारसिने (जोधपुर), डॉ. पीयूष सहनी (दिल्ली), डॉ महेंद्र नरवाडिया (अहमदाबाद), डॉ. प्रवीण राज (चेन्नई), डॉ. शर्ववारी (मुंबई), डॉ. कैलाश कुर्डिया (नई दिल्ली), डॉ. निखिल गुप्ता (नई दिल्ली) के अलावा कई गैस्ट्रो सर्जन ने शोध पत्र प्रस्तुत किया, जिसका लाभ बिहार के मरीजों को मिलेगा।
आईजीआईएमएस में 10-15 लाख खर्च : डॉ. मनीष मंडल ने कहा कि 10-15 लाख के खर्च में आईजीआईएमएस के गैस्ट्रो सर्जरी विभाग में लिवर ट्रांसप्लांट किया जाता है। इसमें मरीज के 15 से 30 दिन रहने का खर्च जुड़ा रहता है। मौके पर डॉ. सी खंडेलवाल, डॉ. संजय कुमार, डॉ. साकेत कुमार, डॉ. राकेश कुमार सिंह, डॉ. अमरजीत कुमार, डॉ. विरुति, डॉ. लक्क्षित, डॉ. अभिमन्यु आैर डॉ. अभिनव दीप के साथ बिहार और देश के कई जाने-माने शल्य चिकित्सक मौजूद थे।