बिहार में घने कोहरे में ट्रेनों की रफ्तार पर नहीं लगेगी ब्रेक,250 ट्रेनों में लगाई गई फॉग सेफ्टी डिवाइस
पटना.सर्दी आने से पहले ट्रेनों को समय पर चलाने के लिए रेलवे ने तैयारी शुरू कर दी है। कोहरे की वजह से ट्रेन रद्द नहीं होगी। इसके लिए पटना से गुजरने वाली 250 ट्रेनों में फॉग सेफ्टी डिवाइस लगाया गया है। फॉग से ट्रेनों के स्पीड पर ब्रेक न लगे। इसको लेकर अभी से कवायद तेज कर दी गई है। पटना-दिल्ली के बीच चलने वाली वीआईपी ट्रेनों के एक-एक अतिरिक्त रैक परिचालन की प्रक्रिया चल रही है। पटना से खुलने वाली राजधानी एक्सप्रेस, संपूर्ण क्रांति, तेजस सहित वीआईपी ट्रेनों का एक-एक रैक बढ़ेगा। अगर ट्रेन लेट, रि-शिड्यूल और कैंसिल होने की स्थिति में यात्रियों को सुविधा के लिए अतिरिक्त रैक खोली जाएगी।
वीआईपी ट्रेनों के अतिरिक्त रैक में मिलेगी सारी सुविधा
पटना-दिल्ली के बीच चलने वाली वीआईपी ट्रेनों का अतिरिक्त रैक मिलने वाला है। तेजस रैक युक्त राजधानी एक्सप्रेस में 21 कोच होंगे। वातानुकूलित प्रथम श्रेणी के दो, वातानुकूलित द्वितीय श्रेणी के पांच, वातानुकूलित तृतीय श्रेणी के 11, पैंट्रीकार के एक और पावर कार के दो कोच सहित कुल 21 कोच लगेंगे।
सुचारू परिचालन के लिए कवायद शुरू
फॉग से निपटने के लिए पूर्व मध्य रेल के सभी रेल मंडलों में सुचारू रूप से ट्रेन परिचालन करने के लिए परिचालन डिपार्टमेंट के साथ लगातार बैठक चल रही है। इस बार कम से कम ट्रेन कैंसिल और लेट लतीफी से यात्रियों को निजात मिलेगी। दानापुर रेल मंडल, समस्तीपुर, धनबाद, डीडीयू और सोनपुर मंडल से कोहरे से निपटने के लिए क्या-क्या उपाय किया जा रहा है। इसका रिपोर्ट मुख्यालय को भेजा जाएगा।
फॉग सेफ्टी डिवाइस 500 मीटर तक देती है ध्वनि का संकेत
फॉग सेफ्टी डिवाइस से जीपीएस आधारित नेविगेशन डिवाइस है, जो लोको पायलट को घने कोहरे की स्थिति में ट्रेन चलाने में मदद करता है। रेलवे बोर्ड की तरफ से पूर्व मध्य रेल को 1891 फॉग पास डिवाइस मिला था। यह लोको पायलटों को सिग्नल, लेवल क्रॉसिंग गेट (मानवयुक्त और मानव रहित), स्थायी गति प्रतिबंध, तटस्थ खंड आदि जैसे निश्चित स्थलों के बारे में जानकारी (प्रदर्शन के साथ-साथ आवाज मार्गदर्शन) देता है। इस सिस्टम से करीब 500 मीटर तक ध्वनि संदेश के साथ-साथ अन्य संकेत मिलता है।