सिमरिया कल्पवास मेला में प्रथम परिक्रमा निकली:बेगूसराय में शामिल हुए हजारों श्रद्धालु
समस्तीपुर।बेगूसराय के सिमरिया गंगा तट पर चल रहे राजकीय कल्पवास मेला में आज धनतेरस और धन्वंतरि जयंती अवसर पर प्रथम परिक्रमा निकाली गई। सर्वमंगला सिद्धाश्रम से स्वामी चिदात्मन जी के नेतृत्व में निकली परिक्रमा यात्रा में हजारों श्रद्धालु शामिल हुए।
यह शोभा यात्रा सिद्धाश्रम से निकलकर मुख्य बाजार, बिंद टोली, मुख्य स्नान घाट और रामघाट होते हुए सर्वमंगला सिद्धाश्रम में पहुंचकर संपन्न हुई। इस दौरान आगे-आगे स्वामी चिदात्मन जी एवं सभी साधु-संतों की टोली गोविंद हरे गोपाल हरे जय जय पावन सिमरिया धाम हरे का जयकारा लगा रहे थे।
पीछे-पीछे श्रद्धालुओं की भीड़ एक हाथ में धर्म ध्वजा लिए दूसरे हाथ से अक्षत और पुष्प की वर्षा करते हुए चल रही थी। परिक्रमा में उमड़ी भीड़ को लेकर प्रशासन द्वारा मजिस्ट्रेट और पुलिस पदाधिकारी को तैनात किया गया था। लेकिन रास्ते में साधु-संत और श्रद्धालुओं को काफी अव्यवस्था हुई। ना तो सही तरीके से सड़क की सफाई की गई थी और ना ही और कोई उपाय किए गए थे।
मौके पर सिद्धाश्रम में श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए स्वामी चिदात्मन जी ने कहा कि जिस पावन धरा धाम पर समुद्र मंथन के बाद अमृत का वितरण हुआ था, जहां राजा जनक ने कल्पवास और यज्ञ किया था, उस धरती पर कार्तिक के पावन महीने में रहना अपने आप में धर्म और आध्यात्मिक की पराकाष्ठा है।
उसमें भी कल्पवास के दौरान परिक्रमा करना अश्वमेध यज्ञ का फल देने के बराबर है। कल्पवास के दौरान सिमरिया में रहकर परिक्रमा से न केवल सनातन धर्म की ध्वजा लहराती है, बल्कि इसमें शामिल होने वाले श्रद्धालुओं को सभी प्रकार के संताप से मुक्ति मिलती है। मौके पर सर्वमंगला के व्यवस्थापक रविन्द्र ब्रह्मचारी, महासचिव राजकिशोर प्रसाद सिंह, सचिव दिनेश प्रसाद सिंह, कोषाध्यक्ष नवीन प्रसाद सिंह, सहित अन्य उपस्थित थे