समस्तीपुर:बाढ़ फसल क्षति के मुआवजा के लिये 5583 प्रभावित किसानों ने दिये आवेदन
समस्तीपुर : जिले में गंगा, बागमती व बाया नदी की बाढ़ से किसानों के खेतों में लगी फसल बर्बाद हुई है. हुई हालांकि बाढ़ प्रभावित सभी पंचायतें बांध के भीतर बसी हुई है. इस बार किसी भी नदी का तटबंध नहीं टूटा है. इसलिये बांध के बाहर का क्षेत्र बाढ़ से पूरी तरह सुरक्षित रहा. गंगा के तटवर्ती क्षेत्र में बसे पटोरी, मोहनपुर, मोहिउद्दीननगर तथा विद्यापतिनगर प्रखंड के कई पंचायत बाढ़ से पूर्ण तथा आंशिक रूप से प्रभावित रहा है. इन क्षेत्रों में बाया नदी के बाढ़ के पानी से भी फसल को क्षति पहुंची है.
मोहनपुर के विशनपुर बेरी पंचायत के तीन टोलिया में बाढ़ के कारण एक नवनिर्मित मकान को भी क्षति पहुंची है. गंगा व बाया नदी की बाढ़ के पानी से 9495 हेक्टेयर में लगी फसल क्षतिग्रस्त हुई है. वहीं बागमती नदी की बाढ़ से बांध के भीतर बसे नामापुर पंचायत के बघला, नामापुर, नामपुर सेढ़ी, कलौजर पंचायत के सलहा, कलौजर आदि गांवों के किसानों के फसल को क्षति पहुंची है. वहीं तीरा पंचायत के किसानों की फसल को भी क्षति पहुंंची है. बागमती की बाढृ से 581 हेक्टेयर में लगी फसल को क्षति पहुंची है.
क्या कहते हैं किसान
बागमती नदी के बांध के किनारे बसे बघला के किसान अनिल पांडेय, गणेश पांडेय, राजीव पांडेय, नामापुर के मुकुल कुमार, सलहा के रजनीश कुमार का कहना है कि इस बार बाढ़ का पानी लोगों के घरों में नहीं गया है, लेकिन फसल को क्षति पहुंची है.सब्जी, धान, मक्का आदि की फसल को क्षति पहुंची है. किसानों को क्षतिग्रस्त फसलाें के मुआवजा की आस है.
वहीं गंगा की बाढ़ प्रभावित क्षेत्र मोहिउद्दीनगर पतसिया के किसान रूदल महतो कहते हैं, इस क्षेत्र में मिर्चा की खेती व्यापक पैमाने पर हो रही है. यहां का मिर्चा गोरखपुर, बलिया आदि जगहों पर जाती है, बाढ़ के कारण मिर्चा की फसल को बर्बाद हो गयी है. वहीं बोचहा के किसान बलिराम राय, जलालपुर के किसान जागेश्वर महतो, पतसिया के किसान मनोज दूबे का कहना है कि खेती में लागत पूंजी बाढ़ के कारण पूरी तरह बर्बाद हो गयी है. धान, मक्का, सब्जी व मिर्चा को क्षति पहुंची है. किसानों का कहना है कि इस क्षेत्र में पशुचारा की भी अच्छी खेती होती है, पशुचारा के बर्बाद होने से पशुपालक परेशान हैं.
प्रभावित क्षेत्र के किसान बाढ़ में हुये फसल की क्षति का मुआवजा लेने के लिये ऑनलाइन आवेदन कर रहे हैं. गंगा के बाढ़ प्रभावित क्षेत्र के 5583 किसानों ने 19 अक्टूबर की दोपहर तक फसल क्षति मुआवजा के लिये आवेदन दिये हैं. मोहिद्दीननगर के 16 पंचायतों के मोहनपुर के 11 पंचायतों के तथा विद्यापतिनगर के नौ पंचायतों के किसानों ने आवेदन दिये हैं.बाढ़ प्रभावित क्षेत्र के 5583 किसानों के द्वारा अबतक आवेदन दिये गये हैं, इसमें सबसे अधिक मोहिउद्दीननगर के रासपुर पतसिया के 1826 किसानों के द्वारा सबसे अधिक, वहीं विद्यापतिनगर के कांचा से एक तथा मोहिउद्दीननगर के भदैया से एक किसान के द्वारा आवेदन दिया गया है.
मोहनपुर प्रखंड के बघरा से 29, विशनपुर बेरी से 268, दशहरा से 128, धरनी पट्टी ईस्ट 85, धरनी पट्टी वेस्ट से 79, डुमरी नॉर्थ 193, डूमरी साउथ 113, जलालपुर से 132, मधुपुर सरारी 32, मोहनपुर से 81, राजपुर से 210, मोहिउद्दीनगर प्रखंड के भदैया एक, बोचहा से 71, दुबहा से 136, हरैल से 294, करीम नगर से 141, कल्याणपुर बस्ती ईस्ट से 45, कुरसाहा से 237, मदुदाबाद से 44, मोहिउद्दीननगर नार्थ से 376, मोहिउद्दीननगर साउथ से 243, महमदीपुर से 503, राजाजान से 38, रासपुर पतसिया से ईस्ट से 900, रासपुर पतसिया वेस्ट से 1826, शिवैसिंगपुर से 54, तेतरपुर 525, विद्यापतिनगर के बढ़ौना से 33, बालकृष्णपुर मरवा 60, बाजिदपुर से 107, हरपुर बोचहा से 21, कांचा से एक, मउधनेशपुर नार्थ से 25, मउधनेशपुर साउथ से 46, साहिट से 23 तथा शेरपुर ढेपुरा से 177
मोहनपुर प्रखंड के बघरा का 26, विशनपुर बेरी का 206, दशहरा का 120, धरनी पट्टी ईस्ट का 37 , धरनी पट्टी वेस्ट का 49, डुमरी नॉर्थ का 144, डूमरी साउथ का 83, जलालपुर का 94, मधुपुर सरारी का 21, मोहनपुर का 75, राजपुर 180, मोहिउद्दीनगर प्रखंड के भदैया का एक, बोचहा का 35, दुबहा का 78, हरैल का 222, करीम नगर का 92, कल्याणपुर बस्ती ईस्ट का 31, कुरसाहा का 195, मदुदाबाद का 35, मोहिउद्दीननगर नार्थ का 209, मोहिउद्दीननगर साउथ का 116, महमदीपुर का 495, राजाजान का 29, रासपुर पतसिया ईस्ट का 889, रासपुर पतसिया वेस्ट का 1708, शिवैसिंगपुर का 32 , तेतरपुर का 500, विद्यापतिनगर बढ़ौना का 22, बालकृष्णपुर मरवा का 44, बाजिदपुर का 22, हरपुर बोचहा का 17, कांचा का शून्य , मउधनेशपुर नार्थ का 10, मउधनेशपुर साउथ का 15, साहिट का पांच तथा शेरपुर ढेपुरा 118 आवेदन कृषि समन्वयक के स्तर पर पेंडिंग है.
बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में फसल क्षति का आंकलन करा लिया गया है. प्रभावित क्षेत्र के किसानों से ऑनलाइन आवेदन लिया जा रहा है. समय सीमा के भीतर वास्तविक क्षति वाले किसानों को मुआवजा मिलेगा.
दिनकर प्रसाद सिंह, जिला कृषि पदाधिकारी, समस्तीपुर