काली मंदिर रामपुर जलालपुर में 18 वीं शताब्दी से हो रही माँ काली के पिंड की पूजा,1101 थाली से होंगी भव्य महाआरती
दलसिंहसराय शहर से तीन किलोमीटर दूर स्थित रामपुर जलालपुर में माँ काली का मंदिर है.जंहा हर साल धूम धाम से माँ काली की प्रतिमा बना कर पूजा किया जाता है.मंदिर में ही माँ काली की पिंडी स्थापित है.ग्रामीणों की माने तो यह पिंडी 18 वी शताब्दी में स्थापित किया गया था.तब से यहां पर पूजा पाठ किया जा रहा है.समिति के सदस्य मुखिया सुमित भूषण चौधरी,कृष्ण कुमार कुंदन,मुकेश चौधरी,कुणाल भूषण चौधरी,कन्हैया चौधरी,आयुष कुमार बताते है कि यह मंदिर कि विशेषता विख्यात है.यहाँ सच्चे दिल से पूजा करने वालो कि हर मनोकामना पुनः होती है.
18 वीं शताब्दी में पिंडी की हुई स्थापना।
मंदिर के पंडित मंटून झा बताते है कि 18 वीं शताब्दी में पिंडी कि स्थापना व पूजा पाठ के बाद माँ काली मंदिर कि स्थापना 2004 में किया गया.तब से यहाँ पर हर साल कुम्हारो द्वारा प्रतिमा का निर्माण कराया जाता है.धूमधाम से पूजा व बड़े स्तर पर मेला व जागरण का आयोजन भी किया जाता है.पूजा के उपरांत रात्रि में निशा पूजा के बाद भगत द्वारा प्रसाद वितरण किया जाता है.
इस दौरान सैकड़ो कि संख्या में आये माँ काली के भक्त अपनी अपनी मन्नत मानते है.तथा जिसका पूरा होता है वो जजमान बनते है.माँ कि शक्ति इस बात से लगाई जा सकती है कि जजमानो कि लम्बी लाइन लगी रहती है.जजमानो का निबंधन 2040 तक है. मंदिर परिसर में कि दुर्गा पूजा भी धूमधाम से होती है.वही पर हरेशव नाथ मंदिर व हनुमान मंदिर भी स्थापित है जो श्रद्धांलुओं के लिए आस्था का केंद्र बना रहता है.
मंदिर पूजन समिति के पंकज चौधरी बताते है कि इस साल दीवावली दिन काली कि पूजा व भजन संध्या का आयोजन,अगले दिन देवी पूजन व 1101 थाली से रात्रि में माता कि भव्य महाआरती व देवी जागरण,गंगा आरती रात्रि में अल्ला ऊदल व अंतिम दिन भव्य शोभायात्रा संग प्रतिमा विसर्जन एंव ब्राह्मण भोजन का आयोजन किया जायेगा.पूजा को लेकर तैयारियां जोर शोर से शुरू है.वही मंदिर के सामने मेला जैसा माहौल देखने को मिल रहा है, जंहा बड़े बड़े झूले लगना शुरू हो गया है.