“बिहार :2400 मेगावाट बिजली होगा उत्पादन:नबीनगर थर्मल पावर प्लांट में 800 मेगावाट की तीन यूनिट लगेंगी
बिहार में पहली बार अल्ट्रा सुपर क्रिटिकल (यूएससी) तकनीक पर आधारित बिजली यूनिट नबीनगर थर्मल पावर प्लांट में लगेगी। इसके निर्माण के लिए एजेंसी के चयन की प्रक्रिया शुरू हो गई है। एनटीपीसी पूर्वी क्षेत्र-1 के क्षेत्रीय कार्यकारी निदेशक सुदीप नाग ने कहा कि नबीनगर सुपर थर्मल पावर स्टेशन का विस्तार हो रहा है।
स्टेज-2 में 2400 मेगावाट के लिए 800 मेगावाट की तीन इकाइयां लगाने की योजना है। ये सभी इकाइयां यूएससी तकनीक पर आधारित होंगी। यह बिहार में ऐसा पहला बिजली संयंत्र होगा। अबतक इस तकनीक पर तेलंगाना और छत्तीसगढ़ में बिजली उत्पादन हो रहा है।
85% बिजली बिहार को
नबीनगर के स्टेज वन में 660 मेगावाट की तीन यूनिट लगी हैं। स्टेज टू को बनाने के लिए टेंडर किया गया है। इसमें 800 मेगावाट की तीन यूनिट होगी। इससे 2400 मेगावाट बिजली का उत्पादन होगा। इसकी 85 फीसदी बिजली बिहार को मिलेगी। यह तीन साल में बनकर तैयार होगा।
उत्पादन का नया रिकॉर्ड
एनटीपीसी ने अपने पूर्वी क्षेत्र-1 की इकाइयों, सहायक कंपनियों तथा संयुक्त उद्यम के द्वारा इस वित्तीय वर्ष की पहली छमाही में 37387 मिलियन यूनिट बिजली का उत्पादन किया है। इसके साथ ही एक नया रिकॉर्ड बनाया है।
जानिए, क्या है यूएससी तकनीक
अल्ट्रा सुपर क्रिटिकल (यूएससी) तकनीक से कोयले की क्षमता बढ़ती है। सुपर क्रिटिकल तकनीक पर आधारित यूनिट से बनने वाली बिजली में जितनी कोयले की खपत होती है, उतने कोयले से अल्ट्रा सुपर क्रिटिकल तकनीक आधारित यूनिट से करीब 12% बिजली का उत्पादन बढ़ जाता है।
दो तिहाई आपूर्ति कर रही एनटीपीसी
23 सितंबर को बिहार में 8005 मेगावाट बिजली की खपत हुई। यह अबतक का सबसे अधिक है। इस दौरान एनटीपीसी ने दो-तिहाई से अधिक 5434 मेगावाट बिजली की आपूर्ति की। एनटीपीसी पूर्वी क्षेत्र-1 के प्रवक्ता विश्वनाथ चंदन ने कहा कि एनटीपीसी द्वारा 300 मेगावाट की सौर ऊर्जा सहित कुल 6726 मेगावाट बिजली दी जा रही है। इसमें एनटीपीसी के पूर्वी क्षेत्र-1 से 5107 मेगावाट बिजली की आपूर्ति हो रही है।