Thursday, November 7, 2024
Patna

दंडवत प्रणाम करने से होती है पुत्र की प्राप्ति:जमुई में मां परसंडा मंदिर को लेकर मान्यता

 

पटना.जमुई जिले के गिद्धौर का ऐतिहासिक मां दुर्गा मंदिर परिसर में बिहार और झारखंड के श्रद्धालुओं की भीड़ लगनी शुरू हो गई है। मां परसंडा वाली दुर्गा की कलश स्थापना से महा नवमी तक पूजा की प्रथा पौराणिक काल से चली आ रही है।

 

इस मंदिर में दंडवत प्रणाम को लेकर काफी मान्यता है। इसको लेकर बताया जाता है कि इस मंदिर में दंपति द्वारा दंडवत प्रणाम करने से उसे पुत्र की प्राप्ति होती है। इसके अलावा मां परसंडा अपने भक्तों के सभी कष्टों को हर लेती है और उसकी हर मनोकामना पूरी होती है।

 

मंदिर में पूजा करने की विधि

 

इस मंदिर को लेकर सदियों से चली आ रही प्रथा के बारे में पुजारी ने बताया कि गिद्धौर के पावन उलाय नदी तट पर स्नान ध्यान कर मां को दंडवत प्रणाम करने से मां परसंडा अपने भक्तों के सारे कष्टों को हर लेती है। भक्तों द्वारा की गई सच्ची मन से हर मन्नत पूरी होती है। वहीं, इस मंदिर में दशहरा के दिन दंडवत देने के लिए काफी संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रहती है। मान्यता है कि जैन धर्म में वर्णित उज्वलिया नदी जो वर्तमान में उलाय नदी और नाग्नी नदी के संगम जल में जो दंपति स्नान कर मां को दंडवत प्रणाम करते हैं। उन्हें गुणवान पुत्र रत्न की प्राप्ति होती है। दंडवत देने आने वाले श्रद्धालुओं द्वारा दंडवत देने के उपरांत फुल, बेलपत्र सहित कई तरह के नैवेद्य अर्पण कर मां परसंडा की पूजा की जाती है।

 

बता दें कि दंडवत देने की यह प्रथा प्रथम पूजा से लेकर महानवमी तक अनवरत चलती रहती है। इसको लेकर पौराणिक काल से ही कई धार्मिक ग्रंथों में भी गिद्धौर की मां दुर्गा मंदिर की ऐतिहासिकता का भी वर्णन है।

Kunal Gupta
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