21 घंटे से कम सप्लाई में बिल पर मिलेगी छूट:कनेक्शन कटा तो पुश बटन दबाइए बिजली आ जाएगी
पटना.बिहार में स्मार्ट बिजली मीटर पर पॉलिटिक्स जारी है। लोगों का आरोप है कि बिजली बिल पहले से ज्यादा आ रहा है। विपक्षी दल भी इसके खिलाफ लगातार आंदोलन कर रहे हैं। आरजेडी, कांग्रेस, भाकपा-माले का आरोप है कि इसके जरिए आम जनता को लूटा जा रहा है। पैसा नहीं रहने पर बिजली काट दी जाती है।
क्या सच में स्मार्ट मीटर से बिजली बिल बढ़ गया है? क्या बैलेंस नहीं रहने पर बिजली काट दी जाएगी। ये पारदर्शी है या नहीं? क्या बिजली बिल के नाम पर साइबर फ्रॉड भी हो रहे हैं? ऐसे तमाम सवालों के जवाब पटना के डीएम डॉ. चंद्रशेखर और बिजली विभाग के अधिकारियों ने दिए हैं…
नवंबर तक पटना में सभी घरों में लग जाएंगे स्मार्ट मीटर
नवंबर तक पूरे पटना जिले में 100% उपभोक्ताओं के घरों में स्मार्ट मीटर लगा दिए जाएंगे। 21 घंटे से कम बिजली मिलने पर बिल में छूट दी जाएगी। हर घर में स्मार्ट मीटर लगाना जरूरी है। आप जितनी राशि का रिचार्ज कराएंगे, उतना ही इस्तेमाल कर सकेंगे।पटना में शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में कुल 12 लाख उपभोक्ता हैं। करीब 7.25 लाख लोगों के यहां स्मार्ट मीटर लगाया जा चुका है। नवंबर अंत तक 100% लोगों के घरों में इस नए मीटर को लगा दिया जाएगा।
पुश बटन 20 सेकेंड तक दबाने पर सप्लाई चालू हो जाएगी
कनेक्शन कटने के बाद पुश बटन 20 सेकेंड तक दबाने पर सप्लाई चालू हो जाएगी। बैलेंस नहीं रहने या माइनस में होने पर भी 3 दिन तक बिजली नहीं कटेगी। आपको रिचार्ज के लिए एक सप्ताह का समय मिलेगा। रात में अब अचानक बिजली नहीं कटेगी। सुबह 10 बजे से दोपहर 2 बजे के बीच ही कटेगी.डीएम ने आगे कहा कि मीटर में लगे पुश बटन के माध्यम से उपभोक्ता पैसा नहीं रहने या बैलेंस माइनस में रहने के बाद भी एक सप्ताह तक इस्तेमाल कर सकते हैं। कनेक्शन कटने के बाद मीटर में लगे पुश बटन को 20 सेकेंड तक दबाए रखिए। कनेक्शन रिस्टोर हो जाएगा। एक महीने में एक ही बार ही इस सुविधा का लाभ उठा सकते हैं।
मीटर बंद रहने पर भी पैसे कटते हैं ये अफवाह है
डीएम डॉ. चंद्रशेखर ने कहा कि ‘स्मार्ट मीटर की खूबियों को जाने बिना अफवाह फैलाई जा रही है। जैसे स्मार्ट मीटर तेज चलता है। बिल ज्यादा आ रहा है। बंद रहने पर भी पैसा कटता है। कभी भी बिजली काट दी जाती है। बिल के जरिए साइबर फ्रॉड हो रहा है। इन सब बातों पर ध्यान देने की जरूरत नहीं है। ये पूरी तरह से पारदर्शी है।’
पुराने मीटर में शिकायतें मिल रही थीं, इसलिए लाया गया स्मार्ट मीटर
ऐसी चर्चा है कि नए और पुराने दोनों मीटर एक ही तरह का रीडिंग करता है। अब सवाल उठता है कि आखिर जब सब कुछ एक जैसा ही है तो इसकी जरूरत क्या है। इस पर डीएम ने कहा कि पहले बिल में गड़बड़ी की शिकायतें बहुत आ रही थी। लोग कहते थे कि हमारा घर बंद था, फिर भी बिल ज्यादा आ गया। इस समस्या को दूर करने के लिए नए मीटर को लगाया जा रहा है। ताकि सब कुछ पारदर्शी रहे।पुराने मीटर के रीडिंग में बहुत मैन फोर्स लग रहा था। घर बंद रहने पर दोबारा कर्मियों को रीडिंग के लिए जाना पड़ता था। इसके बाद भी कोई नहीं मिलने पर पुराने बिल के आधार पर ही नया बना दिया जाता था। पुराने मीटर में टेम्परिंग की भी शिकायत रहती थी। तमाम समस्याओं को दूर करने के लिए स्मार्ट मीटर लाया गया है।
21 घंटे से भी कम बिजली सप्लाई तो बिल में मिलेगी छूट
स्मार्ट मीटर लगने के बाद अगर किसी उपभोक्ता को 21 घंटे से भी कम बिजली दिया जा रहा है, तो उन्हें बिल में कुछ छूट भी दी जाएगी। पुराने मीटर में ऐसी कोई सुविधा नहीं थी, लेकिन नए मीटर में ये सुविधा मौजूद है। साथ ही लोड बढ़ने पर लगने वाले फाइन को भी 6 महीना तक के लिए बढ़ा दिया गया है। मतलब तत्काल फाइल नहीं लगेगा। इसके लिए विभाग आपको 6 महीने का समय देगी। 6 महीने में आप लोड कम कर लीजिए।शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में अलग-अलग बिल का प्रावधान है। शहरी इलाकों में 100 यूनिट तक 4.57 प्रति यूनिट और 100 से ऊपर 6.06 पैसा प्रति यूनिट रखा गया है। इसी तरह ग्रामीण क्षेत्र में 50 यूनिट तक प्रति यूनिट 2.90 रुपए और 50 से ऊपर प्रति यूनिट 3.10 रुपए चार्ज रखा गया है।
स्मार्ट मीटर तेज क्यों चलता है
बिहार में सितंबर 2019 से इसकी शुरुआत की गई थी। टेस्टिंग के लिए सबसे पहले बिजली ऑफिस, बिजली बोर्ड के कर्मचारी, बिजली विभाग से जुड़े लोगों के यहां लगाया गया। नॉर्मल मीटर में जितना बिल आता था, उतना ही बिल नए मीटर में भी आ रहा था। इसके बाद ही इसको आम उपभोक्ताओं के यहां लगाया गया।
उपभोक्ता के यहां लगाने से पहले इसकी टेस्टिंग की जाती है। इसके बाद इसे इन्स्टॉल किया जाता है। इसके बावजूद अगर लोगों को लगता है कि उनका मीटर तेज चल रहा है तो एनएबीएल और बीओआईएस जैसे लैब में मीटर की रैंडम टेस्टिंग करा सकते हैं। साथ ही उपभोक्ता जांच के लिए कुछ दिनों तक नए मीटर के साथ पुराने मीटर का भी इस्तेमाल कर सकते हैं।
गूगल पे या यूपीई से पेमेंट करने पर साइबर फ्रॉड का खतरा
बिहार में इन दिनों बिजली मीटर को अपडेट करने और बिल के नाम पर लोगों के साथ ठगी हो रही है। इसके जवाब में बिजली विभाग के इंजीनियरों ने बताया कि अगर उपभोक्ता विभाग के ऐप बीबीएसएम या सुविधा ऐप से बिल जमा करेंगे, तो ऐसी शिकायतें नहीं आएंगी।
अगर आप गूगल पे, फोन पे या अन्य किसी यूपीआई के जरिए पेमेंट करते हैं तो उसमें साइबर फ्रॉड की गुंजाइश है। विभाग कभी भी फोन करके बिजली बिल से संबंधी जानकारी नहीं देती। मैसेज के जरिए जानकारी दी जाती है।लोगों की शिकायत रहती है कि दिन या रात कभी भी बिजली काट दी जाती है। इस पर उन्होंने कहा कि बिजली कटने से एक सप्ताह पहले आपको मोबाइल पर मैसेज भेजा जाएगा। किसी का भी कनेक्शन नहीं कटेगा।
बैलेंस कम होने पर सुबह 10 बजे से दोपहर 2 बजे तक ही कनेक्शन काटा जाएगा। रिचार्ज करते ही कुछ ही समय में आपके घर बिजली की आपूर्ति बहाल हो जाएगी। पहले रिचार्ज होने बाद कुछ समय लगता था, लेकिन सिस्टम अपग्रेड होने के बाद अब इसमें सुधार हुआ है।नॉर्मल और स्मार्ट मीटर के रीडिंग में कोई अंतर नहीं है। नॉर्मल मीटर में एक महीने या दो महीने में उपभोक्ताओं को खपत का पता चलता था। स्मार्ट मीटर में लगे मॉडम से हर दिन के खर्च का हिसाब देखा जा सकता है।
स्मार्ट मीटर का कोई मासिक शुल्क नहीं है
फ्रांस की मल्टी लेबल कंपनी ईडीएफ शहरी क्षेत्रों में मीटर लगा रही है। अच्छी गुणवत्ता के लिए जीनस और एल एंड टी का मीटर लगाया जा रहा है। ये दोनों भारतीय कंपनी हैं। साथ ही इस मीटर को लगाने में उपभोक्ता को कोई खर्च नहीं करना पड़ता है। साथ ही मीटर का मासिक शुल्क भी शून्य है।
कम से कम कितने का कर सकते हैं रिचार्ज
उपभोक्ता बिजली खपत के अनुसार कितनी भी राशि का रिचार्ज करा सकते हैं। यह एक ऐसा मीटर है, जिसमें जितने का रिचार्ज करेंगे, उतना इस्तेमाल कर पाएंगे। साथ ही ऐप के माध्यम से खपत और बचत की जानकारी ले सकते हैं।