Sunday, November 24, 2024
Begusarai

केदारनाथ मंदिर की तर्ज पर पंडाल का निर्माण:बेगूसराय में 13 लाख की आई लागत

 

बेगूसराय में दुर्गा पूजा मेला की तैयारी लगभग पूरी हो गई है। गांव से शहर तक के प्रतिमा और पंडाल को अंतिम रूप दिया जा रहा है। ऐसे में शहर के सबसे भव्य और अद्वितीय नजारा दिखेगा, बखरी के एतिहासिक पुरानी दुर्गा मंदिर में, जहां कि केदारनाथ मंदिर का स्वरूप उतार दिया गया है।

 

 

भगवती का दर्शन करने आने वाले श्रद्धालु मंदिर में केदारनाथ मंदिर के प्रारूप में प्रवेश करने के बाद मां दुर्गा का दर्शन कर सकेंगे। मंदिर का प्रारूप इस तरीके से तैयार कर दिया गया है कि हर कोई उसे देखने आ रहा है। पश्चिम बंगाल से आए 20 कारीगरों ने 30 दिन में केदारनाथ मंदिर का प्रारूप तैयार किया है। खास बात है कि मुस्लिम डेकोरेटर ने अपने तरफ से इसमें 5 लाख रूपए खर्च किए हैं।

 

स्पेशल डिजाइन का तैयार किया गया है। कपड़ा सूरत से मंगाया गया है। केदारनाथ मंदिर के डिजाइन का गेट अप बनाने में करीब 13 लाख रुपए खर्च हुए हैं। सबसे बड़ी बात है कि पंडाल को न केवल मुस्लिम ने तैयार किया है, बल्कि इसके लिए उन्होंने पांच लाख रुपया अपनी तरफ से लगाया है। मंदिर समिति ने जब बैठक में कुछ अलग स्वरूप देने का निर्णय लिया तो केदारनाथ मंदिर का स्वरूप देने की पर सहमति बनी।

 

मो. प्यारे निर्माण कार्य के लिए हुए तैयार

 

डेकोरेटर की खोज शुरू हुई तो कोई मिल नहीं रहा था। इसी बीच लवली टेंट हाउस के संचालक मो. प्यारे ने केदारनाथ मंदिर का प्रारूप आठ लाख में बनाने के लिए तैयार हो गया। मंदिर कमेटी ने उसे काम भी दे दिया गया। लेकिन कारीगर नहीं मिल रहे थे तो मो. प्यारे ने पश्चिम बंगाल के टेंट पंडाल निर्माता से संपर्क किया।

 

 

बनकर तैयार केदारनाथ मंदिर का स्वरूप।

पश्चिम बंगाल के 20 कारीगर की टोली इसके लिए तैयार हुई। वहां से पूरी टीम 4 सितंबर को बखरी पहुंचकर काम शुरू कर दिया। काम तो शुरू कर दिया गया, लेकिन केदारनाथ में जो मंदिर है, उस डिजाइन का कपड़ा नहीं मिल रहा था। इसके बाद सूरत के कारोबारी से संपर्क कर वहां से कपड़ा मंगाया गया।

 

सचिव तारानंद सिंह ने बताया कि बखरी के ऐतिहासिक पुरानी दुर्गा मंदिर शक्तिपीठ के मंदिर का भव्य पुनर्निर्माण चल रहा है। अयोध्या में बने राम मंदिर की तरह नागर शैली टाइप से बनेगा, इसके लिए काम चल रहा है, समय लगेगा। निर्माण के लिए मंदिर टूट जाने के कारण परेशानी होने वाली थी। इसके कारण अच्छा स्वरूप देने के लिए केदारनाथ मंदिर की तर्ज पर पंडाल बनाने का निर्णय लिया गया। हम लोगों ने मोहम्मद प्यारे से कांटेक्ट किया। इन्होंने काफी सहयोग किया, हम सब मां दुर्गा से प्रार्थना करेंगे कि उनकी तरक्की हो। पैसा को दरकिनार कर भावना को सर्वोपरी रखा। एक मुस्लिम होकर अजूबा धार्मिक विचार रखा। इसमें मंदिर कमेटी का 8 से 9 लाख रुपया खर्च हो रहा है। प्यारे भी अभी तक अपने पॉकेट से ढ़ाई-तीन लाख रुपया लगा चुके हैं और लगेगा।

 

बंगाल के कारीगारों ने की मदद

 

इस संबंध में मो. प्यारे ने बताया कि मंदिर कमेटी ने ऑफर हो तो दिया, उसके अनुसार केदारनाथ मंदिर के स्वरूप को उतारने की कोशिश किया है। फोटो देखकर बंगाल से आए हमारे कारीगरों की टीम ने केदारनाथ का भव्य स्वरूप तैयार किया है।

 

बंगाल से आए 20 कारीगर 4 सितंबर से ही काम कर रहे हैं। इसके लिए स्पेशल कपड़ा आर्डर करके सूरत से मंगवाए हैं। मुझे यह काम 8 लाख में मिला था, इस पर अपने पास से 5 लाख रुपया खर्च कर चुके हैं। मन में था कि पहली बार ऐसा प्रारूप बनाने का सौभाग्य मिला है, इसे आकर्षक बनाया जाए। हम मुस्लिम भले ही हैं, लेकिन हिंदू धर्म में हमारी आस्था है, हम भी उससे जुड़े हुए हैं। हम इंसान हैं, हिंदू मुसलमान नहीं। माता रानी की कृपा है कि वह जो स्वरूप चाहते थे, वह स्वरूप हमारी टीम ने बनाकर तैयार कर दिया।

 

हिंदू-मुस्लिम करने वाले करते रहें, हम लोग मिलजुल कर एक साथ रहते हैं। भाईचारा और सद्भावना सबसे बड़ी चीज है। इससे लोगों को सीखना चाहिए कि हमारे हिंदू-मुस्लिम पूर्वज शुरू से एक साथ रहते हैं। आज जाकर बंट रहे हैं, आखिर हमारे बाल बच्चे को मिल जुल कर ही रहना चाहिए। दो-चार लोग हैं जो हिंदू-मुस्लिम करते हैं। हमको यहां कोई भेदभाव नजर नहीं आता है। हम मंदिर के अंदर भी माता रानी के पास तक श्रद्धा और विश्वास से जाते हैं। केदारनाथ मंदिर का स्वरुप बनकर इतनी खुशी हो रही है, जिसकी कल्पना नहीं की जा सकती है।

Kunal Gupta
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