1,244 सरकारी दफ्तर में सिर्फ 783 में स्मार्ट मीटर:विपक्ष बोला- आम लोगों को ATM बना ली है सरकार
पटना.स्मार्ट मीटर को लेकर बिहार में हंगामा मचा है। सरकार हर घर में स्मार्ट मीटर कंपलसरी तौर पर लगाने की बात कह रही है। वहीं, विपक्ष स्मार्ट मीटर को लेकर आंदोलन कर रहा है। विपक्ष ने सवाल खड़ा किया है कि सरकारी विभागों के दफ्तर में सरकार स्मार्ट मीटर क्यों नहीं लगवा रही है। भेदभाव क्यों किया जा रहा है।पटना डीएम के मुताबिक, राजधानी में 1,244 सरकारी दफ्तर में सिर्फ 783 में स्मार्ट मीटर लगे हैं। इस पर विपक्ष का कहना है कि सरकार ने सिर्फ आम लोगों को ATM मशीन बना दिया है। वहीं, सरकार की ओर से जवाब मिला है कि 2025 तक हर घर में स्मार्ट मीटर होगा।इस रिपोर्ट में पढ़िए पटना में सरकारी कार्यालयों में स्मार्ट मीटर का सच क्या है। भास्कर रिपोर्टर ने कई सरकारी भवन में जाकर पड़ताल की।
नेहरू मार्ग स्थित पंत भवन में कृषि विभाग का उद्यान निदेशालय सहित कई विभागों के कार्यालय हैं। यहां स्मार्ट मीटर अभी तक नहीं लगा है। इसकी जगह पर इलेक्ट्रिक मीटर से ही काम चलाया जा रहा है। पंत भवन के बाद विकास भवन में पड़ताल की गई। यहां शिक्षा विभाग, मद्य निषेध विभाग समेत कई विभागों के दफ्तर हैं। विकास भवन के किसी भी विभाग में स्मार्ट मीटर दिखाई नहीं पड़ा।
1,244 सरकारी दफ्तर में सिर्फ 783 में स्मार्ट मीटर
सरकार की ओर से आम लोगों के लिए स्मार्ट मीटर लगाने के लिए अभियान चलाया जा रहा है। हर उपभोक्ता को स्मार्ट मीटर लगवाना कंपलसरी कर दिया गया है, लेकिन सरकारी दफ्तरों में तत्परता नहीं दिखाई जा रही है। इसको लेकर पटना डीएम डॉ. चंद्रशेखर ने बताया कि पटना जिले में 12 लाख उपभोक्ता हैं। इसमें अब तक 7 लाख 25 हजार उपभोक्ता के यहां स्मार्ट मीटर लगाया जा चुका है।वहीं, स्मार्ट मीटर को लेकर पटना के कमिश्नर रवि कुमार से बातचीत की कोशिश की गई, लेकिन उन्होंने मुलाकात करने के लिए समय देने से मना कर दिया।
30 नवंबर तक सभी दफ्तरों में स्मार्ट मीटर लगाने का लक्ष्य
सरकारी दफ्तरों में स्मार्ट मीटर लगाने के सुस्त चाल को देखते हुए अब ऊर्जा विभाग ने निर्देश जारी किया है। ऊर्जा विभाग ने कहा है कि 30 नवंबर तक सभी सरकारी भवनों में स्मार्ट मीटर लगाने का लक्ष्य रखा गया है। 30 नवंबर तक सभी सरकारी दफ्तरों में अनिवार्य रूप से स्मार्ट मीटर लगाने का डेडलाइन रखा गया है।
स्मार्ट मीटर के खिलाफ सड़क पर आरजेडी-कांग्रेस
स्मार्ट मीटर को हटाने को लेकर आरजेडी और कांग्रेस ने आंदोलन छेड़ दिया है। कांग्रेस ने स्मार्ट मीटर के खिलाफ पटना के शहीद स्मारक सप्तमूर्ति भवन से बोध गया तक पैदल मार्च शुरू किया है। दूसरी तरफ आरजेडी ने स्मार्ट मीटर के खिलाफ सभी प्रखंड स्तर पर धरना और प्रदर्शन किया है।पिछले दिनों नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने स्मार्ट मीटर को चीटर मीटर बताया था। तेजस्वी ने कहा था कि स्मार्ट मीटर लोगों से ज्यादा बिल वसूल रहा है। जबकि, पहले कम बिल आता था। स्मार्ट मीटर लगाने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता है।
सरकार की दोहरी नीति हुई उजागर
आरजेडी प्रवक्ता एजाज अहमद ने स्मार्ट मीटर पर सवाल उठाया है। उन्होंने कहा कि बिहार में पटना सचिवालय और अन्य सरकारी विभागों में बिजली के मीटर अब तक पुराने वाले लगे हुए हैं। अभी तक स्मार्ट मीटर क्यों नहीं लगाए जा रहे हैं । नेता और अधिकारियों के कार्यालयों में भी स्मार्ट मीटर नहीं लगाया गया है। जबकि, आम लोगों को काफी परेशानी हो रही है।
जनता को एटीएम समझ रहा है बिजली विभाग
कांग्रेस प्रवक्ता ज्ञान रंजन ने मुख्यमंत्री से सवाल किया है कि बिजली विभाग उपभोक्ताओं को एटीएम मशीन की तरह देख क्यों देख रही है । स्मार्ट बिजली प्रीपेड मीटर में कई खामियां है। इसे दूर करना चाहिए।
बिहार में एक भी पुराने मीटर नहीं रहेंगे
भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता अरविंद कुमार सिंह ने कहा कि पूरे बिहार में स्मार्ट मीटर ही लगेंगे। एक भी पुराने मीटर नहीं रहेंगे। अलग-अलग प्रक्रिया के तहत स्मार्ट मीटर लग रहे हैं। एक ही बार में सभी जगह लगेगा। अभी केवल शहरों में लगा है।
2025 तक सभी जगह लगाए जाने का टारगेट
जदयू प्रवक्ता अरविंद निषाद ने कहा कि बिहार सरकार ने प्रत्येक घरों में स्मार्ट मीटर लगाने का अभियान जारी किया है। इस अभियान के तहत बिहार के 50 लाख लोगों के घरों में स्मार्ट मीटर लगाए जा चुके हैं।