बिहार में स्मार्ट प्रीपेड मीटर में अधिक बिल आने से गांवों में आक्रोश, 12 से अधिक जगहों पर प्राथमिकी
पटना.स्मार्ट प्रीपेड मीटर में अधिक बिजली बिल आने से बिहार के गांवों में आक्रोश है। स्थानीय स्तर पर लोग स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने का विरोध कर रहे हैं। लोगों का आरोप है कि मीटर तेज गति से चलता है। अधिक बिल आता है। मीटर लगाने के लिए जाने वाले बिजली कंपनी के अधिकारियों और एजेंसियों के कर्मियों को लोग गांव से भगा रहे हैं।
बिजली कंपनी मुख्यालय के अधिकारियों के मुताबिक दर्जनों जगहों पर स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने के लिए चयनित एजेंसियों और स्थानीय बिजली कंपनी के अधिकारियों को कार्य करने में कठिनाई आ रही है। एक दर्जन से अधिक जगहों पर प्राथमिकी दर्ज हुई है। लेकिन, स्थानीय स्तर पर बिजली कंपनी के अधिकारियों और एजेंसी को प्रशासन से मदद नहीं मिल रही है।
सीएमडी ने डीएम से मांगी मदद
बिहार स्टेट पावर होल्डिंग कंपनी के सीएमडी पंकज कुमार पाल ने राज्य के सभी 38 जिलाधिकारियों को पत्र लिखा है। इस पत्र में जिलाधिकारियों से बिजली कंपनी के स्थानीय पदाधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक कर आवश्यक कार्रवाई करने का अनुरोध किया गया है। ताकि, स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने का कार्य तय लक्ष्य के अनुरूप ससमय पूरा किया जा सके।
सप्ताह में दो दिन इंजीनियर समस्या सुनेंगे
बिजली कंपनी के इंजीनियर सप्ताह में दो दिन कार्यालय में बैठकर उपभोक्ताओं की समस्या सुनेंगे। बिजली कंपनी मुख्यालय ने इंजीनियरों को मंगलवार और शुक्रवार को कार्यालय में बैठने का आदेश दिया है। इस दौरान सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक लोगों की शिकायतों का समाधान करनी है। अधिकारियों को शिकायत मिल रही थी कि इंजीनियर कार्यालय में लोगों से नहीं मिलते हैं। फिल्ड ड्यूटी के नाम पर कार्यालय से बाहर रहते हैं। इसका कारण लोगों के शिकायतों का समाधान नहीं हो रहा है।
मीटर लगाए जाने की स्थिति
स्मार्ट प्रीपेड मीटर लक्ष्य उपलब्धि
शहरी क्षेत्र 23.50 लाख 17.70 लाख
ग्रामीण क्षेत्र 148 लाख 31.15 लाख
2025 तक स्मार्ट मीटर लगाने का लक्ष्य
सरकार ने बिजली कंपनी को 2025 तक स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने का लक्ष्य दिया है। अभी तक शहरी क्षेत्र में 75 प्रतिशत स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगा है। ग्रामीण क्षेत्र में 21 प्रतिशत स्मार्ट मीटर लगाने का काम पूरा हुआ है।