“शारदीय नवरात्र 2024;नवरात्र तीन से,पालकी पर आएंगी मां दुर्गा व चरणायुद्ध पर होंगी विदा
“शारदीय नवरात्र 2024;पटना :धार्मिक :शारदीय नवरात्र 3 अक्टूबर से शुरू हो रहा है। 12 अक्टूबर को विजयादशमी की तिथि पड़ रही है। पहली पूजा के दिन इंद्र योग भी है। इस वर्ष मां दुर्गा पालकी पर सवार होकर आएंगी और चरणायुद्ध (मुर्गा) पर विदा होंगी।
तीन अक्टूबर को पूरे दिन कलश स्थापित करने का मुहूर्त है, जहां तक अमृत काल का समय है वह प्रातः 7:16 से 8:42 बजे तक है। जबकि अभिजीत मुहूर्त सुबह 11:12 से 11:58 बजे तक है। कलश स्थापना सदैव पूजा घर के ईशान कोण में करना चाहिए। हालांकि, इस बार चतुर्थी तिथि दो दिन 6 व 7 अक्टूबर को है। जबकि 11 अक्टूबर को महाअष्मटमी और महानवमी दोनों मनाई जाएगी। मिथिला पंचांग के अनुसार इस दिन सुबह अष्टमी तिथि का आरंभ 10 अक्टूबर को प्रातः 7:39 से होगा जो 11 अक्टूबर को सुबह 07:03 बजे तक रहेगी। इसी दिन महाअष्टमी का व्रत हवन पूजन किए जाएंगे। इसके बाद नवमी प्रारंभ होगी जो दूसरे दिन 12 अक्टूबर को सुबह 04:29 बजे तक रहेगी। 12 अक्टूबर को ज्वारों का विसर्जन होगा। इसी दिन विजयादशमी भी मनाई जाएगी।
ज्योतिषाचार्य पंडित सौरभ कुमार मिश्रा ने बताया यदि पिछले साल मां दुर्गा हाथी पर सवार होकर आई थीं। शनिवार व मंगलवार को पूजा शुरू होने पर मां घोड़े पर, गुरुवार और शुक्रवार रहने पर मां पालकी पर एवं बुधवार के दिन पूजा शुरू होने पर मां नौका पर आती हैं। इस बार 10 अक्टूबर को मां दुर्गा के पट खुलेंगे। पत्रिका प्रवेश, निशा पूजा, भगवती का आह्वान होगा। मिथिला पंचांग के अनुसार 11 अक्टूबर को महाष्टमी- महानवमी रात्रि तक है। 12 अक्टूबर शनिवार को विजया दशमी है। जयंती धारण, प्रतिमा विसर्जन, नीलकंठ दर्शनकिए जाएंगे।
ज्योतिष के अनुसार जिस वर्ष माता का आगमन पालकी पर होता है तो उस वर्ष देश में रोग, शोक, प्राकृतिक आपदा आती है। माता का कैलाश प्रस्थान इस वर्ष चरणायुद्ध पर होगी। ऐसी स्थिति में लोगो में तबाही की स्थिति रहेगी।