Tuesday, November 26, 2024
Samastipur

लाल केला सेहत के लिए अधिक फायदेमंद, इसकी खेती किसानों के लिए लाभकारी : कृषि वैज्ञानिक

 

समस्तीपुर :पूसा.लाल केले के सेवन से कई तरह की बीमारियों से भी मिलती है निजात कृषि वैज्ञानिक ने बताया कि लाल केले का सेवन कई तरह की बीमारियों को रोकने में काफी सहायक होता हैं। इसमें भरपूर मात्रा में पोटैशियम, आयरन और विटामिन पाया जाता हैं जो किडनी में स्टोन बनने से उसे रोकता है। इतना ही नही इस केले में शुगर की मात्रा भी काफी कम होती है जिससे इसका सेवन डायबिटीज वाले मरीज भी आसानी से कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि हरे और पीले केले की तुलना में इसमें बीटा कैरोटीन अधिक मात्रा में पाया जाता है जो धमनियों में खून का थक्का जमने नहीं देता है। इस केले का सेवन कैंसर और दिल से जुड़ी बीमारियों को भी दूर रखने में काफी मददगार हैं।

 

डॉ. सिंह की मानें तो इस केले का छिलका लाल एवं फल हल्का पीला होता है। इसमें भरपूर मात्रा में फाइबर भी पाया जाता है। लाल केला का घौद। पूसा बिहार के किसान हरे और पीले केले के साथ-साथ अब लाल केले की खेती कर अधिक उत्पादन, बेहतर बाजार मूल्य और उचित लाभ सभी प्राप्त कर सकते हैं। पीले और हरे रंग के केले की तुलना में लाल रंग का केला जहां अधिक नरम, मीठा और सुगंधित होता है। वहींं इसमें सामान्य केले की तुलना में अधिक मात्रा में पोटेशियम, आयरन और विटामिन भी पाया जाता हैं। दक्षिण भारत में इस केले का उत्पादन काफी अधिक मात्रा में होता है तथा इसकी मांग और रेत भी बाजारों में अच्छी होती हैं। ये जानकारी डॉ. राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विवि पूसा के पादप रोग विभाग के हेड डॉ. संजय कुमार सिंह ने दी है।

 

उन्होंने कहा कि अपने यहां ज्यादातर लोग हरे और पीले रंग के केले की खेती करते है। लाल रंग के केले की खेती शायद ही किसी किसान ने किया होगा। बहुत से किसान ऐसे भी होंगे जिन्होंने अब तक इस केले को देखा भी नही होगा। उन्होंने कहा कि लाल केले से जुड़े विभिन्न प्रजातियों का उत्पादन पूर्वी अफ्रीका, एशिया, दक्षिण अमेरिका और संयुक्त अरब अमीरात जैसे देशों में काफी मात्रा में किया जाता है।

 

 

भारत में खासकर केरल और महाराष्ट्र में इसका उत्पादन अधिक मात्रा में होता है। हालांकि उन्होंने कहा कि बिहार के कृषि जलवायु में लाल केले का विकास हरे और पीले केले की तुलना में थोड़ा कम होता हैं। परंतु इसकी कीमत सालों भर अधिक रहती है इसलिए यह किसानों को कम उत्पादन में भी अधिक मुनाफा देता हैं। सोर्स :भास्कर

Kunal Gupta
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