Sunday, December 22, 2024
Patna

बिहार में अब घर से निकलने से पहले वाहन का चेक कर लें कागजात, नहीं तो लग सकता है चुना

पटना। बाइक चालक हेलमेट व कार चालक सीट बेल्ट का ध्यान जिस तरह रखते है, अब उसी तरह अपने वाहन लेकर घर से निकलें, तो उससे पहले अपनी गाड़ी के कागजात की जांच कर लें. कहीं वैसा न हो कि आपकी गाड़ी का कोई कागजात अनफिट हो, क्योंकि परिवहन विभाग इसको लेकर पूरी तरह सतर्क हो गया और उसके लिए कड़े नियम लागू किये गये हैं. इससे अनफिट गाड़ियों पर जहां नकेल कसी जा रही है, तो वहीं विभाग में राजस्व की भी वृद्धि हो रही है. अब टोल प्लाजा पर भी इ-डिटेक्शन पोर्टल की शुरुआत की गयी है. परिवहन विभाग के अधिकारियों ने बताया जिले में हो रही सड़क दुर्घटनाओं में सर्वाधिक मौत राष्ट्रीय राजमार्ग पर हो रही है. इस पर नियंत्रण के लिए जरूरी है कि वाहन का फिटनेस, परमिट, बीमा मोटर वाहन कर आदि का अनुपालन शत प्रतिशत सख्ती से लागू किया जाये. इ-डिटेक्शन सिस्टम से इ-चालान होने के बाद टैक्स एवं अन्य डिफॉल्टर वाहनों की संख्या में कमी आयेगी.

 

शहर में यातायात पुलिस बॉडी वॉर्न कैमरे से रखेगी नजर

 

शहर में यातायात पुलिस अब बॉडी वॉर्न कैमरे से नजर रखेगी. अब ट्रैफिक पुलिस पदाधिकारी व कर्मियों के लिए बॉडी वॉर्न कैमरा कानूनी कार्रवाई के दौरान एक कानूनी ढाल का भी काम करेगा. इसके प्रभावी उपयोग के लिए जल्द ही एसओपी जारी होगी. इसकी जानकारी सासाराम यातायात डीएसपी मो. आदिल बिलाल ने दी. उन्होंने बताया कि आम लोगों को अब पुलिस से उलझने के बजाय कानून का पालन करना होगा, क्योंकि ट्रैफिक पुलिस की ओर से एक बड़ी व्यवस्था की गयी है. ट्रैफिक पुलिसकर्मियों की वर्दी पर बॉडी वॉर्न कैमरे लगाये जायेंगे. वर्दी पर लगे बॉडी वॉर्न कैमरे से अब हर चीज रिकॉर्ड होगी. इससे यातायात नियमों के उल्लंघन पर कानूनी कार्रवाई के दौरान पारदर्शिता बढ़ेगी. हालांकि, कितने पुलिसकर्मियों के पास यह कैमरा होगा या फिर नये पुलिस बलों की कितनी तैनाती होगी, यह तय अभी नहीं हुआ है. लेकिन, इसका मुख्य उद्देश्य यातायात नियमों के उल्लंघन पर ट्रैफिक पुलिसकर्मियों के जरिये की जाने वाली कानूनी कार्रवाई के दौरान वाहन चालकों से मिलने वाली शिकायतों को कम करना है.

 

 

एक दिन में एक बार ही कटेगा इ-चालान

एनएच के टोल प्लाजा से होकर गुजरने वाले वाहन जब फास्टैग के संपर्क में आयेंगे, तो तस्वीर सहित वाहन से संबंधित सारा डाटा इ-डिटेक्शन सॉफ्टवेयर में आ जायेगा. इसके बाद इस डाटा का मिलान एनआइसी के वाहन पोर्टल पर उपलब्ध डाटा से कराया जायेगा. इसके जरिये संबंधित वाहन के निबंधन, फिटनेस, बीमा, प्रदूषण नियंत्रण प्रमाणपत्र आदि की अद्यतन जानकारी मिल जायेगी. इसमें कमी पायी जाने पर संबंधित वाहन मालिकों को इ-चालान निर्गत किया जायेगा.

Kunal Gupta
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