हसनपुर-सकरी रेल परियोजना 81 किमी की हुई:पक्षी विहार के पास रेलवे ने रूट बदला
समस्तीपुर.मिथिलांचल की ड्रीम प्रोजेक्ट हसनपुर-सकरी 79 किलोमीटर रेल परियोजना पर 16 साल बाद कुशेश्वर पक्षी विहार के कारण रेलवे बैक फुट पर आ गई। वन विभाग और पर्यावरण मंत्रालय की ना के बाद रेलवे ने अपना रूट ही बदल डाला।
जिसके बाद वन विभाग ने भी सहमति प्रदान कर दी। अब रेलवे लाइन पूर्व प्रस्तावित स्थल से 2 किमी दूर पूरब दिशा की ओर बढ़ा दिया गया है। जिसको लेकर रेलवे बोर्ड ने भी मंजूरी प्रदान कर दी है। जिसके बाद रेलवे का निर्माण विभाग ने भूमि अधिग्रहण के लिए सर्वे का कार्य शुरू कर दिया है।
अब जमीन अधिग्रहण के साथ ही रेलवे लाइन का निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा।
डीआरएम विनय श्रीवास्तव ने बताया कि नये रूट पर रेलवे लाइन बनाने की दिशा में कार्य शुरू कर दिया गया है। रेलवे लाइन का रास्ता बदले जाने के कारण अब हसनपुर से कुशेश्वर स्थान की दूरी 19 किलोमीटर के बदले 21 किलोमीटर हो जाएगी। जिससे योजना की दूरी अब 79 के बदले 81 किलोमीटर की होगी। जिससे पूर्व के बजट के हिसाब से खर्च भी बढ़ेगा। जगह बदले जाने के बावजूद रेलवे स्टेशन का नाम कुशेश्वर स्थान ही रहेगा।
रेलवे के निर्माण विभाग के डिप्टी चीफ इंजीनियर -2 अविनाश साहनी ने बताया कि नई एलॉटमेंट के लिए इंजीनियरिंग सर्वे का कार्य दूसरे लेवल में है। जिसमें यह आकलन किया जा रहा है कि नए रूट पर कितने और पुल-पुलियों का निर्माण करना होगा। जिस पर खर्च क्या आएगा।
2008 में निर्माण कार्य पर रोक लगा दी गई
इलाका बाढ़ प्रभावित है। साल में छह महीना इस इलाके के लोग बाढ़ की पीड़ा झेलते हैं। लोगों के आवागमन की सुविधा सिर्फ नाव ही बचता है। उधर, रामविलास पासवान के रेलमंत्री से हटते ही कई वर्षों तक इस योजना को राशि नहीं मिली। लालू प्रसाद के रेल मंत्री बनने पर इस योजना को फंड मिलना शुरू हुआ, लेकिन दिसंबर 2008 में दरभंगा के तत्कालीन डीएफओ दीगंबर ठाकुर ने कुशेश्वर स्थान पक्षी विहार के पास रेलवे लाइन के निर्माण पर रोक लगा दी गई।
डीएफओ ने कहा पक्षी विहार के पास से रेलवे लाइन के गुजरने से प्रवासी पक्षी को खतरा है। रेलवे लाइन बनाने की अनुमति नहीं दी जा सकती। तब से हरनगर से आगे हसनपुर की ओर रेलवे लाइन का निर्माण कार्य बंद कर दिया गया।
योजना पूरा होने से कोसी-मिथिलांचल की घट जाएगी दूरी
इस योजना के पूरा होने पर मिथिलांचल के इस इलाके में विकास के द्वारा खुलेंगे वहीं, कोसी व मिथिलांचल की दूरी घट जाएगी। रेलवे लाइन से समस्तीपुर के अलावा खगड़िया व दरभंगा के लोगों को लाभ मिलेगा। उधर दक्षिण बिहार के लोगों को मिथिलांचल में आना होगा आसान।
दो चरणों में चल रहा कार्य
योजना पर दो चारणों में काम चल रहा है। इसके लिए अलग-अगल उप मुख्य अभियंता काम कर रहे हैं। पहले चरण में सकरी से कुशेश्वर स्थान के कार्य को बांटा गया था। सकरी से हरनगर तक रेलवे लाइन का निर्माण कार्य पूरा कर लिया गया। ट्रेन हरनगर तक चल भी रही है।दूसरे चरण में कार्य हसनपुर-कुशेश्वर स्थान की ओर चल रहा है। जिसमें हसनपुर से बिथान रेलवे लाइन बन कर तैयार है। इस रूट को जल्द ही खोलने की उम्मीद है। पहले 79 अब 81 किलोमीटर रेलवे लाइन बनाया जाएगा।
50 साल से रेलवे लाइन का इंतजार कर रहे
लोगों को होगी काफी सहूलियत इस योजना के तहत हसनपुर, बिथान, कौराही, विरौल, कुशेश्वरस्थान, हरनगर, नेडली, बेनीपुर, जगदीशपुर व सकरी को स्टेशन बनाने का प्रस्ताव है। इसके तहत सकरी, कुशेश्वस्थान व हसनपुर को जंक्शन के अलावा चार क्रॉसिंग स्टेशन, 45 रेलवे गुमटी व 82 छोटे-बड़े पुलों का निर्माण होगा।
1951 में योजना के लिए जांच की गई थी
1951 में योजना के लिए जांच की गई। 1953 में रेलवे बोर्ड ने कहा कि बाढ़ के इलाके में यह संभव नहीं। 1972 में तत्कालीन रेलमंत्री स्व. ललित नारायण मिश्रा ने सर्वे की घोषणा की। इसी बीच समस्तीपुर स्टेशन पर बम विस्फोट में ललित बाबू की हत्या हो गई।इसके बाद इस योजना की फाइल बंद कर दी गई। 1997 में रेल मंत्री स्व.रामविलास पासवान ने इस योजना को मिथिलांचल के विकास के लिये जरूरी बताते हुए पुन: फाइल खोली व फंड उपलब्ध कराकर शिलान्यास किया। इस इलाके में रेलवे लाइन के बनने से आवागमन सुलभ हो जाएगा। विकास की गति तेज होगी।
इंजीनियरिंग सर्वे का कार्य शुरू कर दिया गया
डीआरएम विनय श्रीवास्तव ने बताया कि पक्षी विहार को बचाने के लिए प्रस्तावित रेलवे लाइन का रास्ता बदल दिया गया है। जिससे अब दो किलोमीटर अतिरिक्त रेलवे लाइन बनाना पड़ेगा। इसके लिए रेलवे बोर्ड ने अपनी मंजूरी प्रदान कर दी है। अभी इंजीनियरिंग सर्वे का कार्य शुरू कर दिया गया है। जमीन अधिग्रहण के बाद रेलवे लाइन बनाने का काम शुरू होगा।