Friday, November 8, 2024
Begusarai

बेगूसराय में जाति पूछने वालों पर राज्यपाल ने किया कटाक्ष: कहा-आज जाति पर राजनीति हो रही है

बेगूसराय।बिहार के राज्यपाल राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर ने जाति पूछने वालों पर कटाक्ष किया है। उन्होंने कहा कि आज जाति पर राजनीति हो रही है। राजनीति में जाति पूछी जा रही है। महाभारत में कर्ण से भरी सभा में जाति पूछा गया था, जिसपर दिनकर ने रश्मिरथी में लिखा है- जाति पूछने वाले जगत में शर्माते नहीं हैं।

 

 

सोमवार को राज्यपाल बेगूसराय के सिमरिया उच्च विद्यालय परिसर में आयोजित रामधारी सिंह दिनकर की 116वीं जयंती समारोह में पहुंचे थे।

 

दिनकर ने काव्य के माध्यम से समाज सुधार का संदेश दिया

 

राज्यपाल ने कहा कि दिनकर ने सभी भाव को काव्य का रूप दिया, जो समाज सुधार का संदेश देता है। राष्ट्र भाव और प्रेम के साथ ही श्रृंगार का दर्शन कराती है। आज शेक्सपियर का नाम लिया जाता है। लेकिन, उनका नाम लेने वालों से पूछना चाहिए कि क्या आपने दिनकर को पढ़ा है। हम सबको दिनकर पर गर्व है, क्योंकि उनके जैसी कविता किसी की नहीं है।

 

दिनकर ने अपनी रचनाओं के माध्यम से समाज को सीख दिया है। आज तक किसी ने नहीं कहा कि दिनकर का लेखन निचले स्तर का था। संस्कृति के 4 अध्याय में उन्होंने देश की संस्कृति के सभी आयामों को सामने रखा। दिनकर की कविता और काव्य से लगता है कि उनमें देवी शक्ति रही होगी। तभी उन्होंने सच लिखा।

 

दिनकर के काव्य का डिजिटलाइजेशन किया जाए। गूगल शेक्सपियर के बारे में बहुत बातें बताता है। अगर दिनकर की रचनाओं का डिजिटलाइजेशन हो जाएगा तो दुनिया और जानेगी। वह हमारे प्रेरणापूंज थे। उनके गांव को बेहतर बनाना होगा। सिमरिया मॉडल गांव बने। गांव आने पर लोगों को लगे कि हर घर में दिनकर हैं।

 

दिनकर को विश्व कवि के रूप में स्थापित करने की जरूरत

 

राज्यपाल ने डीएम से कहा कि योजना बनाकर गांव को विकसित करें। उनका काव्य हर घर में होना चाहिए। राष्ट्र-भक्ति से बढ़कर कुछ नहीं होता है। दिनकर को राष्ट्र कवि नहीं, बल्कि विश्व कवि के रूप में स्थापित करने की जरूरत है। उनकी सभी रचनाओं का डिजिटलाइजेशन करने के लिए डीएम, सांसद और विधायक मिलकर काम करें।

 

दिनकर की बातें आज सच हो रही

 

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए स्थानीय सांसद और केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि दिनकर कवि और साहित्यकार ही नहीं, भविष्यवक्ता भी थे। उन्होंने लिखा था एक हाथ में कमल लिए दूसरे हाथ धर्म दीप्त विज्ञान। आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एक हाथ में कमल लेकर और दूसरे हाथ में धर्मदीप्त विज्ञान थामे हुए हैं। देश को आगे बढ़ा रहे हैं। दिनकर की बातें आज सच हो रही है। कार्यक्रम में बिहार सरकार के मंत्री प्रेम कुमार ने कहा कि दिनकर को आत्मसात करने की जरूरत है। कार्यक्रम की अध्यक्षता राष्ट्र कवि दिनकर स्मृति विकास समिति के कृष्ण कुमार शर्मा, संचालन राजेश कुमार ने किया।

Kunal Gupta
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