Bihar Flood:गंडक और कोसी बराज छोड़ेगा अबतक का रिकॉर्ड पानी,इन जिलों में तबाही के मिले संकेत…
Bihar Flood: पटना.बिहार में बाढ़ का संकट बीते दिनों गहरा गया. इस बीच नेपाल में हो रही भारी बारिश ने बिहार की समस्या और बढ़ा दी है. कोसी बराज पर रात 12 बजे 01 लाख 54 हजार 015 क्यूसेक पानी बढते क्रम में दर्ज किया गया. वहीं बराज के 19 फाटक शुक्रवार की आधी रात को खोल दिए गए हैं. आगामी 48 घंटों के दौरान नेपाल प्रभाग से निकलने वाली गंडक, कोशी, महानंदा आदि नदियों में अप्रत्याशित जलश्राव प्रवाहित होने की संभावना जतायी गयी है. बिहार में सुपौल समेत कई जिलों को अलर्ट किया गया है. अधिकारियों की छुट्टी रद्द कर दी गयी है.
कोसी बराज के 19 फाटक खोले गए
नेपाल के पहाड़ी क्षेत्र में हो रही बारिश के कारण सुपौल में कोशी नदी का जलस्तर एक बार फिर बढ़ने लगा है. शाम 06 बजे कोसी नदी का जलस्राव कोसी बराज पर एक लाख 20 हजार 290 क्यूसेक बढ़ते क्रम में दर्ज किया गया. जबकि बराह क्षेत्र में 94 हजार 775 क्यूसेक बढ़ते क्रम में दर्ज किया गया. जलस्तर बढ़ने के कारण शाम में बराज के 17 फाटक खोल दिये गये. वहीं शुक्रवार देर रात 12 बजे कोसी बराज पर 01 लाख 54 हजार 015 क्यूसेक पानी बढते क्रम में दर्ज किया गया. वही बारह क्षेत्र में 01 लाख 68 हजार 300 क्यूसेक बढते क्रम में दर्ज किया गया. बराज के 19 फाटक खोल दिए गए हैं.
Bihar Flood Update:
गंडक और कोसी बराज से रिकॉर्ड पानी छोड़े जाने की संभावना
नेपाल में नदियों के ऊफान को देखते हुए बिहार में जल संसाधन विभाग ने अलर्ट जारी किया है. बाढ़ प्रबंधन सुधार सहायक केंद्र, पटना के अनुसार, गंडक बराज और वीरपुर स्थित कोशी बराज से 6 लाख क्यूसेक से अधिक छोड़े जाने की संभावना जतायी गयी है. ये अभी तक का रिकॉर्ड जलश्राव होगा. इसे लेकर कई जिलों को अलर्ट किया गया है. अधिकारियों को आगामी 48 घंटों तक संवेदनशील/ अतिसंवेदनशील स्थलों पर कैम्प करने का निदेश दिया गया है.
इन जिलों के एसपी और डीएम को अलर्ट किया गया…
जल संसाधन विभाग के प्रधान सचिव ने आठ जिलों के डीएम और एसपी को पत्र लिखकर अलर्ट किया है. सुपौल, सहरसा,मधेपुरा, मधुबनी,दरभंगा, खगड़िया, भागलपुर और कटिहार के डीएम व एसपी समेत नवगछिया एसपी को भी पत्र लिखकर आगाह किया है कि नेपाल में हुई जोरदार बारिश से कोसी नदी उफनाई हुई है. कोसी के जलस्तर में अप्रत्याशित बढ़ोतरी की संभावना है. जिससे तटबंधों पर अधिक दबाव पड़ सकता है और कटाव, फ्लैश फ्लड आदि की संभावना हो सकती है. तटबंध के नदी भाग में रह रहे लोगों को इसकी सूचना देते हुए उचित कार्रवाई करने और जिलास्तर पर गठित दल से लगातार गश्ती कराने का निर्देश दिया गया है.