Wednesday, November 13, 2024
Patna

कामयाबी के लिए उम्र नहीं, हौसला मायने रखता:14 साल की उम्र में रूपम व आदित्य ने जीते कई मेडल

पटना :कामयाबी के लिए उम्र नहीं, हौसला मायने रखता है। नवादा की रूपम पांडेय और आदित्य राज वर्मा की कहानी ऐसा ही है। चार-पांच साल की उम्र में रूपम और आदित्य ताइक्वांडो खेल में शामिल हुए थे। पिछले एक दशक के अंतराल में दोनों खिलाड़ियों ने अपने हौसले से मेडल की झड़ी लगा दी। दोनों खिलाड़ी करीब दो दर्जन गोल्ड, सिल्वर और ब्रांज मेडल हासिल की है। बेहतर प्रदर्शन के कारण बिहार राज्य खेल प्राधिकरण ने रूपम पांडेय को सम्मानित किया है, जिसमें प्रशस्ति पत्र प्रदान किया गया है। रूपम और आदित्य दोनों ब्लैक बेल्टधारी है। नवादा जिला ताइक्वांडो संघ के मुख्य कोच कौशल कुमार, रवि रंजन कुमार तथा कोषाध्यक्ष कन्हैया कुमार कहते हैं कि दोनों खिलाड़ी बचपन से अनुशासित और लगनशील रहे हैं, जिसके चलते उन्हें लगातार कामयाबी मिल रही है।

 

स्वास्थ्य व आत्म रक्षा के लिए ताइक्वांडो ज्वाइन की रूपम : नवादा नगर के शिव नगर की 14 वर्षीय रूपम पांडेय चार साल की उम्र से ताइक्वांडो खेल रही हैं। राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में 2017 से 2024 तक लगातार स्वर्ण पदक विजेता रही है। पिछले एक दशक के अंतराल में आठ गोल्ड, दो सिल्वर और दो ब्रांज मेडल हासिल की है। रूपम के पिता रूपेश कुमार निराला जेनरल स्टोर में रहते हैं। मां सीमा कुमारी गृहिणी हैं। रूपम दो बहनें है। रूपलक्ष्मी पढ़ाई कर रही है। रूपम बताती हैं कि वह जब ताइक्वांडो में ज्वाइन की थी, तब उसे ठीक से कपड़ा पहनना भी नही आता था।

 

आदित्या की उपलब्धियां {राज्य ताइक्वांडो में 5 स्वर्ण पदक विजेता {सीबीएसई ईस्ट जोन चैम्पियनशिप 2022 ( स्वर्ण पदक), {2021 (रजत पदक) विजेता {राष्ट्रीय चैम्पियनशिप में 4 बार बिहार टीम का हिस्सा रहा। {7वी नेशनल कैडेट ताइक्वांडो चैंपियनशिप-2024 ( विशाखापत्तनम)

 

नवादा के स्टेशन रोड निवासी दसवीं के स्टूडंेट आदित्य राज वर्मा पांच साल की उम्र से ताइक्वांडो खेल रहे हैं। इस अंतराल में आदित्य राज स्टेट और नेशनल प्रतियोगिता में दर्जन भर मेडल लिया है। स्टेट से पांच गोल्ड, दो सिल्वर और दो गोल्ड है। नेशनल में चार बार भाग लिए हैं।

Kunal Gupta
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