Friday, November 15, 2024
Patna

स्मार्ट बिजली मीटर के खिलाफ कांग्रेस ने निकाली न्याय यात्रा:कहा- यह घोटाला है,संजीव हंस का इसमें फंसना तय

पटना.स्मार्ट बिजली मीटर के खिलाफ कांग्रेस सेवा दल ने न्याय यात्रा निकाली। पटना सचिवालय थाना के सामने स्थित सप्तमूर्ति शहीद स्थल पर नेताओं ने सप्तमूर्ति को माल्यार्पण किया और इसके बाद कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह, वरिष्ठ नेता व सांसद तारिक अनवर ने झंडा दिखाकर न्याय यात्रा को रवाना किया। इस अवसर पर कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह ने कहा कि स्मार्ट मीटर के नाम पर बिहार की जनता को ठगने का काम हो रहा है। लोगों को परेशान किया जा रहा है। इसमें इंजीनियर्स भी शामिल हैं। यह बड़ा घोटाला है। हमलोगों ने पहले भी स्मार्ट मीटर की जांच की मांग की थी। यह घर-घर की कहानी है। यह एक-दो गांव या एक-दो जिला की बात नहीं है।

 

 

बिजली मीटर में IAS संजीव हंस फंसेंगे

 

तारिक अनवर ने कहा कि स्मार्ट बिजली मीटर और लैंड सर्वे को लेकर लोग काफी परेशान हैं। इसको लेकर राजनीतिक दलों को आगे आना चाहिए। इसलिए कांग्रेस न्याय यात्रा निकाल रही है। कांग्रेस विधायक दल के नेता डॉ. शकील अहमद खान ने कहा कि सरकारी तंत्र के द्वारा अन्याय फैलाया जा रहा है। सेवा दल, सेवा की भावना से काम करती है। पटना से बोधगया की यात्रा तक न्याय यात्रा जा रही है। बिजली मीटर में तो संजीव हंस भी फंसेंगे। जिन-जिन मंत्रियों के यहां ये अफसर रहा है वो मंत्री क्या कर रहे हैं वे इस्तीफा क्यों नहीं दे रहे। विधान सभा में बिजली मिनिस्टर खूब तारीफ कर रहे थे। उनको नहीं पता था कि उनका प्रधान सचिव क्या कर रहा है। वाकई में जांच हो जाए तो बड़े अधिकारी पकड़े जाएंगे। बड़े अधिकारियों पर गाज गिरनी चाहिए।

 

बिहार प्रदेश कांग्रेस सेवा दल के मुख्य संगठक डॉ. संजय यादव ने कहा कि स्मार्ट मीटर के खिलाफ कांग्रेस सेवा दल सड़क पर उतरा है। प्रथम चरण में यह यात्रा बोधगया तक जाएगी और उसके बाद बिहार के हर विधान सभा में इस मुद्दे के खिलाफ न्याय यात्रा होगी। स्मार्ट बिजली मीटर ने हर व्यक्ति को परेशानी में डाल दिया है। लोग कह रहे हैं कि बिजली बिल में सामान्य से डेढ़ गुना अधिक हो गया है, गरीब और मध्यम वर्ग के लोगों को आर्थिक संकट में डाल रहा है। इसके अलावा, स्मार्ट मीटर की रीडिंग में गड़बड़ी की शिकायतें बढ़ गई हैं। हमारी मांग है कि स्मार्ट मीटर को तुरंत वापस लिया जाए।

 

कांग्रेस बिहार न्याय यात्रा का शेड्यूल

 

19 सितंबर, सुबह 9 बजे- पटना सप्तमूर्ति शहीद स्थल से यात्रा शुरू होगी और गर्दनीबाग, चितकोहरा, फुलवारी होते हुए एम्स के रास्ते नौबतपुर जाएगी।

20 सिंतबर, सुबह 9 बजे- विक्रम से पालिगंज, विक्रम बाजार से दुल्हिन बाजार, पालिगंज।

21 सितंबर, सुबह 9 बजे- पालिगंज से चेड़ौस मोड़ होते हुए किंजर मोड़, अरवल जिला पुनपुन बांध, चिकसी थाना, कुर्था बाजार।

22 सितंबर, सुबह 9 बजे- कुर्था बाजार से टेकारी (गया), मोतिपुर, कमलापुर, मऊ।

23 सितंबर, सुबह 9 बजे- टेकारी बाजार और कोच प्रखंड।

24 सितंबर, सुबह 9 बजे- टेकारी नगर परिषद से पंचागपुर होते हुए गया, शाहगंज चंदौती।

25 सितंबर, सुबह 9 बजे- गया से मंगला गौरी होते हुए बोध गया, कालचक मैदान, बोधगया में सभा।

कांग्रेस ने बताई स्मार्ट मीटर से जुड़ी 14 परेशानी-:

 

बिजली बिल में वृद्धिः स्मार्ट मीटर लगने के बाद ग्राहकों को सामान्य से डेढ़ गुना अधिक बिजली बिल मिल रहा है।

 

फर्जी रीडिंगः स्मार्ट मीटर में पहले से ही गलत रीडिंग सेट होने का आरोप है, जिससे गलत बिलिंग हो रही है।

 

रिचार्ज की समस्याः ग्रामीण इलाकों में इंटरनेट और स्मार्टफोन की कमी के कारण लोग समय पर मीटर रिचार्ज नहीं कर पा रहे हैं।

 

अचानक बिजली कटौतीः बिना सूचना के अचानक बिजली काटी जा रही है, जिससे लोगों को परेशानी हो रही है।

 

डेटा सुरक्षा की चिंताः स्मार्ट मीटर से एकत्रित डेटा की सुरक्षा पर सवाल उठ रहे हैं, जिससे ग्राहकों की गोपनीयता खतरे में है।

 

अन्यायपूर्ण कानूनी कार्रवाई: स्मार्ट मीटर का विरोध करने पर लोगों को कानूनी कार्रवाई की धमकी दी जा रही है, जो गैर-लोकतांत्रिक है।

 

बिजली नहीं फिर भी बिलः कई क्षेत्रों में लगातार बिजली नहीं रहने के बावजूद स्मार्ट मीटर से पैसे कट रहे हैं, जिससे लोगों में रोष है।

 

सर्विस की कमीः स्मार्ट मीटर खराब होने पर तकनीकी सहायता की कमी है, जिससे ग्राहकों को परेशानी हो रही है।

 

आर्थिक बोझः गरीब और मध्यम वर्ग के लोग स्मार्ट मीटर से बढ़े हुए बिजली बिलों के कारण आर्थिक संकट का सामना कर रहे हैं।

 

अधिकारियों का दमनकारी रवैयाः स्मार्ट मीटर लगाने का विरोध करने पर पूरे गांवों की बिजली आपूर्ति बंद की जा रही है।

 

ग्रामीण इलाकों में अनुपयोगीः ग्रामीण क्षेत्रों में तकनीकी ज्ञान और संसाधनों की कमी के कारण स्मार्ट मीटर उपयोगी साबित नहीं हो रहे हैं।

 

स्मार्ट मीटर से मुनाफाखोरी : स्मार्ट मीटर का उद्देश्य उद्योगपतियों को लाभ पहुंचाना है, जबकि जनता इसका खामियाजा भुगत रही है।

 

सुधार की कोई प्रक्रिया नहीं: शिकायत करने के बाद भी मीटर की गलतियों को जल्द ठीक नहीं किया जा रहा है।

 

सुधारात्मक जानकारी का आभावः उपभोक्ता अपने बिजली उपयोग और बिलिंग का सटीक आकलन नहीं कर पा रहे हैं।

Kunal Gupta
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