फर्जी आरपीएफ जवान बनकर लूटपाट के बाद यात्रियों को चलती ट्रेन से फेंकने वाला गिरफ्तार
पटना.फर्जी आरपीएफ जवान बनकर लूटपाट के बाद दो यात्रियों को चलती ट्रेन से फेंकने के मामले में जीआरपी की एसआईटी ने एक बदमाश को गिरफ्तार किया। आरोपी रोहित तिवारी भोजपुर के साहपुर का है। उसके पास से तीन एंड्रॉयड मोबाइल, एक आईफोन और 15 हजार कैश मिला है।
19 सितंबर को मालदा टाउन-न्यू दिल्ली स्पेशल ट्रेन बिहिया स्टेशन पहुंची तो आरोपी रोहित फर्जी आरपीएफ जवान बनकर ट्रेन में सवार हो गया। उसकी कमर में पिस्टल भी थी। बोगी में अथमलोगा के चंदन कुमार अपने भांजा अभिषेक के साथ सफर कर रहे थे। रोहित ने दोनों को हड़काया कि जनरल टिकट पर स्पेशल ट्रेन में कैसे सफर कर रहा है।
उनको साथ लेकर बदमाश दिव्यांग बोगी में चला गया। वहां पहले से दो लोगों को मारपीट कर बैठाए हुए था। इसके बाद आरोपी ने चंदन से पांच हजार रुपए, मोबाइल और अभिषेक से तीन हजार रुपए, मोबाइल लूट लिया। फिर दोनों को नदवां हॉल्ट के पास चलती ट्रेन से धक्का दे दिया। दोनों गंभीर रूप से जख्मी हो गए। दोनों ने बक्सर रेल थाने में केस दर्ज कराया था। रेल एसपी एएस ठाकुर ने बताया कि छानबीन में पता चला कि रोहित दोबारा यात्रियों से लूटपाट के इरादे से छपरा-बनारस रेलखंड पर किसी ट्रेन में सवार हुआ है। उसका पीछा कर गांधी मैदान इलाके से गिरफ्तार किया गया। रोहित शाहपुर थाना से जेल जा चुका है।
मोबाइल पर आरपीएफ का वॉलपेपर लगा रखा था
जांच में पता चला कि रोहित को पुलिस बनने का शौक था। जब वह पुलिस नहीं बन पाया तो गुजरात चला गया और वहां गार्ड की नौकरी करने लगा। गुजरात से लौटने के बाद यहां यात्रियों से लूटपाट करने लगा। वह अपना हुलिया पुलिस की तरह ही रखता है। उसके पास से पुलिस ड्रेस, बिहार पुलिस लिखा पर्स आदि मिला है। उसके मोबाइल पर आरपीएफ का वॉलपेपर लगा हुआ था, ताकि यात्रियों को झांसा दे सके।
लूटे गए फोन के यूपीआई से पैसा ट्रांसफर करने पर पकड़ाया : रोहित ने चंदन के पास से लूटे मोबाइल के यूपीआई से अपने खाते में पैसे ट्रांसफर कर रहा था। एसआईटी मोबाइल और यूपीआई को ट्रैक कर रही थी। आरोपी ने जैसे ही पैसा ट्रांसफर किया, पुलिस को पता चल गया और उसे ट्रैक किया जाने लगा। इस दौरान कई स्टेशनों की फुटेज में भी रोहित दिखा। वह जैसे ही पटना जंक्शन पर उतरकर गांधी मैदान की तरफ बढ़ा, घेराबंदी कर उसे पकड़ लिया गया।