Friday, November 15, 2024
Patna

CM के बाद DM गए, नहीं माने किसान:बिहटा एयरपोर्ट के विरोध में 3 गांव के किसान

पटना.बिहटा एयरपोर्ट के रनवे की जमीन अधिग्रहण का मामला फंसता जा रहा है। अब तक शर्फुद्दीन गांव के लोग विरोध में थे, लेकिन 3 गांव के किसान भी विरोध में आ गए हैं। किसानों ने साफ कह दिया है कि जान दे देंगे लेकिन जमीन नहीं देंगे।सीएम और डीएम के साथ अब तक कई अफसर बिहटा एयरपोर्ट के निरीक्षण में जा चुके हैं, लेकिन बात नहीं बन रही है। शुक्रवार को किसानों ने डीएम को ज्ञापान सौंपा है। भास्कर की ग्राउंड रिपोर्ट में पढ़िए बिहटा एयरपोर्ट के रनवे में 4 गांवों के किसान क्यों कर रहे हैं विरोध।

 

सबसे पहले जानते हैं कोरहर गांव के लोग विरोध में क्यों उतरे हैं

 

कोरहर गांव की आबादी तीन हजार लोगों की है। जमीन अधिग्रहण किया गया तो यहां से 50 घर खत्म किया जाएगा। कोरहर गांव के वार्ड पार्षद सुमन चौहान ने बताया कि तीन चार दिन से लगातार अधिकारी आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि तीन गांव मिलाकर करीब 500 घर हैं। कोरहर गांव के लोग कहां जाएंगे। शैफुद्दीन गांव का जिक्र करते हुए कहा कि जब 90 घर को नहीं हटाना चाहते हैं तो 500 घर को कैसे हटाएंगे। बार-बार जमीन ली जा रही है। इससे पहले हमारे पूर्वजों ने भी एयरपोर्ट के लिए जमीन दी थी। अब हमलोगों के लिए सिर्फ गांव बचा है। ये विस्थापन बहुत बड़ी समस्या है। हमलोग जान दे देंगे, लेकिन, जमीन नहीं देंगे। गांव को खत्म नहीं होने देंगे।

 

वहीं कोरहर गांव के सही किसान सोनू सिंह ने कहा कि गुरुवार को डीएम डॉ. चंद्रशेखर आए थे। उनके जाने के बाद पता चला कि हमारा गांव भी एयरपोर्ट के लिए जा रहा है। जमीन अधिग्रहण किया जा रहा है। इससे पहले भी हमारे पूर्वज जमीन दे चुके हैं। अब बचा ही काफी कम है। हमलोग कहां रहेंगे। जमीन देने के लिए पूरे गांव के लोग इच्छुक नहीं हैं।

 

गोखुलपुर गांव के किसान मनीष कुमार हमारे पूर्वजों से दो बार जमीन छीन ली गई थी। अब हमलोगों के पास जमीन नहीं है। घर बनाने के लिए भी नहीं जमीन बचेगी। हमलोग क्या खेती करेंगे। हमारे पास कुछ बचेगा ही नहीं तो एयरपोर्ट देख कर क्या करेंगे। हमार घर-परिवार, मंदिर सभी को शिफ्ट होना होगा। यहां करीब 300 घर की आबादी है। इस वजह से हमलोग जमीन किसी भी कीमत पर नहीं देंगे।

 

अब जानते हैं विरोध करने वाला देवकुली गांव के लोगों की क्या राय है। वे जमीन देने को क्यों नहीं तैयार हैं।

 

देवकुली गांव के रिटायर्ड शिक्षक राजेश्वर सिंह ने कहा कि दो बार पहले गांव की जमीन अधिग्रहित हुई थी। पूर्वजों ने दी थी। फिर से सरकार की यही मंशा है। इसके खिलाफ गांव के लोगों ने निर्णय लिया है कि मर जाएंगे। लेकिन, जमीन नहीं देंगे। जमीन ले ली जाएगी तो हमलोग कहां जाएंगे। खेती भी नहीं कर पाएंगे। नौकरी की तो पहले से ही दिक्कत है। हमारे बच्चे लोग क्या खाएंगे।

 

सीएम और डीएम के निरीक्षण के बाद तीनों गांव के लोग शुक्रवार को बैठक के लिए जुटे थे। बैठक में निर्णय लिया गया की जान दे देंगे। लेकिन सरकार को जमीन नहीं देंगे। हर बार हमारा ही गांव प्रभावित हुआ है। यहां तक की गांव के प्राचीन महादेव का मंदिर भी इस जमीन अधिग्रहण में जाना है। लेकिन किसानों ने साफतौर पर कहा कि हजारों साल पुराना मंदिर है। गांव का यह पहचान है। सरकार को और कोई विकल्प है लेना होगा ।

 

डीएम ने परेशान नहीं होने की सलाह दी

 

वहीं पटना डीएम डॉ. चंद्रशेखर ने कहा कि भूमि खोजने की प्रक्रिया में सभी स्टेकहोल्डर्स को विश्वास में लिया जा रहा है। किसी भी व्यक्ति को परेशान होने की आवश्यकता नहीं है। टीम ने स्थानीय जनप्रतिनिधियों एवं लोगों से मिलकर बात की है । समिति द्वारा एयरपोर्ट के बाउंड्री के पूरब स्थित सर्फुद्दीनपुर गाँव एवं पश्चिम स्थित कोल्हर, सिकंदरपुर तथा देवकुली गांवों का भ्रमण किया गया।जिलाधिकारी ने कहा कि गुरुवार को उन्होंने एवं एसएसपी ने अन्य अधिकारियों के साथ दोनों तरफ निरीक्षण किया था। स्थानीय जन–प्रतिनिधियों एवं लोगों से भी विमर्श किया गया था। एयरपोर्ट के पूर्वी एवं पश्चिमी छोर का अवलोकन किया गया था। सभी संभावनाओं को देखा गया था।

 

उन्होंने यह भी कहा कि जनहित का यह अत्यंत महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट है। इससे लोगों को आने-जाने में उत्कृष्ट सुविधा प्राप्त होगी। जिलाधिकारी ने कहा कि रनवे की लंबाई 8000 फीट से बढ़ाकर 12000 फीट किया जाना है। इसके लिए 400 मीटर लंबी तथा 1500 मीटर चौड़ी भूमि की आवश्यकता है।लगभग 191 एकड़ भूमि की खोज की जा रही है।

 

क्या है मामला

 

दरअसल, पटना से सटे बिहटा वायु सेना केंद्र में अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा का निर्माण होना है ऐसे में भारत सरकार ने 1413 करोड़ रूपया आवंटित भी कर दिया है। जहां पहले फेज में लगभग 108 एकड़ जमीन बिहार सरकार ने अधिग्रहण कर केंद्र सरकार को सौंप दिया है। लेकिन, दूसरे फेज में एयरपोर्ट के रनवे की चौड़ीकरण को लेकर जमीन का अधिकरण का कार्य शुरू हो चुका है।पटना जिला प्रशासन के अधिकारी लगातार जमीन का सर्वे करते दिख रहे हैं। यहां देवकुली गांव ,कोरहर, गोखुलपुर मठिया के आसपास की जमीन को भी सरकार अधिकरण करने का फैसला बनाई है। इसको लेकर गुरुवार को पटना डीएम साहब खुद जमीन का सर्वे करने पहुंचे थे।सोर्स :भास्कर.

Kunal Gupta
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