बिहार में 26 हजार किमी ग्रामीण रोड,1600 पुल-पुलियों का निर्माण होगा
पटना.राज्य में 26 हजार किमी ग्रामीण सड़कों का निर्माण होगा। 1600 नए पुल-पुलिया भी बनाए जाएंगे। ग्रामीण कार्य मंत्री अशोक चौधरी बताया कि अगले वर्ष विधानसभा चुनाव के पहले इनका निर्माण हाे जाएगा। ग्रामीण कार्य विभाग के तहत 46099 पुल-पुलिया हैं। इनमें 37414 अच्छी स्थिति में हैं, जबकि 6823 पुलों को मेंटनेंस की जरूरत है। इस पर योजना बनाकर काम किया जा रहा है। शीघ्र सारे पुल दुरुस्त होंगे।
उन्होंने कहा कि बीते मंगलवार को कैबिनेट ने दाे अहम फैसले लिये। इनमें मुख्यमंत्री ग्रामीण सड़क उन्नयन योजना को विस्तार देना और मुख्यमंत्री ग्रामीण सेतु योजना को फिर से चालू करने का निर्णय शामिल है। इससे ग्रामीण सड़कों व पुल-पुलियों के निर्माण में न केवल तेजी आएगी बल्कि हजारों बसावटों को संपर्क पथ मिल सकेगा।
अगले वित्तीय वर्ष तक 10 हजार किमी सड़कों का उन्नयन किया जाएगा। 13 हजार नई सड़कों के निर्माण की भी योजना है। एक हजार पुल-पुलियों के निर्माण पर काम चल रहा है जबकि 600 नए पुल-पुलियों के निर्माण की योजना है। अब ग्रामीण क्षेत्रों में बगैर पुल-पुलियों के सड़क नहीं बनेगी। निर्माण योजना में दोनों को शामिल किया जाएगा।
4200 छूटे टोलाें में सड़कें दो साल में बनेंगी , गांव के रास्तों की जांच होगी
प्रदेश के 4200 छूटे टोले व बसावटों में सड़कें दो साल में बनेंगी। मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा की अध्यक्षता में बुधवार को ग्रामीण कार्य विभाग की समीक्षा हुई। इसमें ये निर्णय लिया गया। ग्रामीण क्षेत्रों में छोटी बसावटों तक सड़क संपर्क बनाने तथा ग्रामीण सड़कों के बेहतर रख-रखाव के लिए बैठक बुलाई गई थी।
मुख्य सचिव ने सभी डीएम को कहा कि 65 हजार किमी ग्रामीण पथों की हर बुधवार या गुरुवार अभियान चलाकर दूसरे विभागों के अभियंताओं से जांच कराएं। जहां भी सड़क दुरुस्त नहीं मिलती है ताे संबंधित ठेकेदार व अभियंता पर दंडात्मक कार्रवाई करें। पंचवर्षीय मेंटेनेंस अवधि के अ धीन इन ग्रामीण सड़काें की मेंटेनेंस कराएं। ग्रामीण कार्य विभाग अगले 15 दिनों में सड़काें का निरीक्षण करे। सड़क मेंटेन नहीं मिले ताे ठेकेदार के बिल में कटाैती करें और डिबार करें।
231 इंजीनियर बहाल होंगे
231 स्नातक/ स्नातकोत्तर सिविल इंजीनियर को संविदा के आधार पर बहाल किया जाएगा। इसके लिए ऑनलाइन आवेदन एनआईसी पोर्टल पर लिया जाएगा। सीपीडब्ल्यूडी एवं अन्य राज्यों से ठेकेदार नियमावली प्राप्त कर ‘संशोधित बिहार ठेकेदारी निबंधन नियमावली’ का प्रारूप एवं प्रस्ताव बनेगा।