20 घंटे के नवजात को सिक्योरिटी गार्ड ने बेचा:बेगूसराय सदर अस्पताल से गायब हुआ बच्चा
बेगूसराय सदर अस्पताल से सिक्योरिटी गार्ड की मदद से बच्चा चोरी का मामला सामने आया है। जिसको लेकर तुरंत खोजबीन करने पर मामले का खुलासा हुआ और बच्चा चोर को पुलिस ने हिरासत में ले ली।सिक्योरिटी गार्ड और एक महिला ने पैसे की लालच में आकर इस घटना को अंजाम दिया है। जिसके बारे में जानकारी हॉस्पिटल गार्ड ज्योति मिश्रा ने दी है। पुलिस द्वारा दवाब बनाने पर मामले का खुलासा करती हुई इस संबंध में पूरी बात बताई।
क्या है पूरा मामला
20 घंटे पहले जन्में बच्चे के नाक-मुंह में गंदा पानी चले जाने की वजह से उसे बेगूसराय सदर अस्पताल में भर्ती किया गया था। बच्चे का इलाज चल रहा था। करीब 7:30 बजे बच्चे की मां नंदिनी ने जब अपने बच्चे को दूध पिलाने के लिए खोजा तो बच्चा गायब था। इस जानकारी के बाद महिला ने अपने पति को फोन किया। मायके लोहिया नगर झोपड़पट्टी से काफी संख्या में लोग मौके पर जुटे उसके बाद हंगामा किया गया। अस्पताल प्रबंधन और नगर थाना की टीम पहुंची। सीसीटीवी का जांच करने के बाद पूरे मामले का खुलासा किया हुआ।
बच्चा बेच दिया गया
हंगामा होने पर सीसीटीवी फुटेज निकला गया। जिसमें देखा गया कि लाल रंग की साड़ी पहनी किसी महिला ने बच्चा उठाकर ले जा रही है। इस मामले में गार्ड से पूछताछ करने पर बताया कि बच्चे को दूध पिलाने के लिए ले जाया गया था। गार्ड के बातों पर किसी को भरोसा नहीं हुआ और उसके ऊपर ज्यादा दबाब डालने के बाद उसने बताया कि बच्चे को बेच दिया गया है। इस बात को जानने के बाद पुलिस तुरंत एक्टिव हुई। सिक्योरिटी गार्ड ज्योति मिश्रा को साथ लेकर लगातार बच्चा ले जाने वालों से संपर्क करते हुई रात 12 बजे पुलिस पूरी टीम के साथ पहुंचकर बच्चा वापस लेकर आई।
कैसे दिया घटना को अंजाम
शाम करीब 5:45 बजे जब नर्स एसएनसीयू में नहीं रहकर कहीं गई थी। तभी गेट पर रहने वाले सिक्योरिटी गार्ड ज्योति मिश्रा की मिली भगत से सुनैना देवी वार्ड में घुस गई और वहां मौजूद पांचों बच्चों को देखने के बाद बेड नंबर 6 पर भर्ती करण कुमार और नंदनी कुमारी के मात्र 20 घंटे के नवजात किशन को कपड़े में लपेटकर उठा लिया और बाहर निकल गई। सीता देवी के साथ भगवानपुर आ गई। बता दें कि लाखो थाना क्षेत्र के भगवानपुर निवासी सखीचंद साह के पुत्र अजीत की शादी 15 साल पहले सीता देवी से हुई थी। लेकिन उसे बच्चा नहीं हो रहा था, कई जगह झाड़-फूंक कराया, फिर भी कोई फायदा नहीं मिला। डॉक्टर से इलाज कराया, उस पर भी कोई हल नहीं निकला। करीब 2 साल पहले डॉक्टर ने कह दिया कि बच्चा नहीं हो सकता। इसके बाद पति-पत्नी निराश हो गए। एकांत में बैठकर दिन-रात पति-पत्नी रोते रहते थे। इसी दौरान उसे पता चलेगा कि बच्चा बिकता भी है। लेकिन उसे पता नहीं था कि कैसे मिलेगा। अजीत ने अपने चाचा वासो साह के पुत्र श्रवण से संपर्क किया और उसे बच्चा देने की गुहार लगाई। श्रवण का ननिहाल मुफस्सिल थाना क्षेत्र के वासुदेवपुर में था और उसकी मामी सुनैना देवी गांव में कंसार चलाती थी। वह आशा बहू के साथ आसपास के गर्भवती महिलाओं को लेकर बराबर अस्पताल आती थी। उसे पता चल गया कि यहां से बच्चा ले जाया जा सकता है। करीब 2 महीना पहले उसने जब सिक्योरिटी गार्ड ज्योति मिश्रा से इसकी चर्चा की तो उसने आश्वासन भी दिया कि हम बच्चा दिलवा देंगे। इसके लिए ज्योति मिश्रा से 25 हजार रुपए में सेटिंग हुई थी लेकिन अजीत को बताया गया की 60 हजार देने पर बच्चा मिल जाएगा।
60 हजार रुपए में बच्चा देने की सेटिंग
सुनैना देवी को बस स्टैंड के समीप 60 हजार रुपया दे दिया गया था। सुनैना के माध्यम से ज्योति मिश्रा ने अपने हिस्से का 25000 ले ली लेकिन बच्चा नहीं दे पा रही थी। तीनों लगातार संपर्क में थे। शनिवार को जब एसएनसीयू में चार बच्चा था तो गार्ड ने सुनैना देवी एवं सीता देवी को बच्चा ले जाने के लिए बुलाया। दोनों आए भी, लेकिन देर शाम तक मौका नहीं मिला और वापस लौट गए। इसके बाद रविवार को बच्चा ले जाने की बात हुई थी। रविवार को अस्पताल में भीड़ कम रहता है, स्टाफ भी कुछ कम ही होते हैं। इसके मद्देनजर तैयारी हो गई थी। अजीत और उसकी पत्नी दोपहर 1:00 बजे गांव से ई-रिक्शा पकड़ कर सदर अस्पताल आ गए। सुनैना देवी भी वासुदेवपुर से सदर अस्पताल आ गई थी। दोपहर से ही तीनों ताक-झांक में लगे हुए थे। शाम में करीब 5:45 बजे जब गार्ड ज्योति मिश्रा ने सुनैना देवी को इशारा किया कि नर्स अभी नहीं है, अंदर जाओ और जो बच्चा पसंद है उसे ले लो। सुनैना देवी अंदर गई, जबकि सीता देवी गेट पर ही खड़ी रही। पांचों बच्चों को एक-एक कर देखने के बाद किशन स्वस्थ नजर आया तो उसे उठाकर निकल गई।
एसपी मनीष ने बताया कि इस मामले में बच्चा चोरी करने वाली महिला सुनैना देवी, बच्चा खरीदने वाली सीता देवी औऱ सिक्योरिटी गार्ड बखरी निवासी ज्योति मिश्रा को गिरफ्तार कर आगे की कार्रवाई की जा रही है। एसपी ने बताया कि नवजात बच्चे की चोरी करने के मामले में उक्त तीनों ने अपनी-अपनी संलिप्तता स्वीकार कर लिया है। नवजात बच्चे को सकुशल सदर अस्पताल में परिजनों के सामने चिकित्सक को सौंप दिया गया है।