Friday, November 15, 2024
Patna

बिहार में बिछड़ने के 15 साल बाद मां व बेटे का हुआ मिलन,ख़ुशी में बहने लगे आँशु 

 

पटना :शान्ति कुटीर संचालकों की मदद से पहुंची अपने घर मोतिहारी पूर्णिया. मोतिहारी जिला से भटक कर पूर्णिया पहुंची एक विक्षिप्त महिला करीब 15 सालों के बाद अपने परिजनों से मिली. शान्ति कुटीर में मां-बेटे के मिलन का यह दृश्य इतना भावुक था कि वहां उपस्थित सभी की आंखें नम हो गयीं. पूर्णिया शान्ति कुटीर गृह अधीक्षिका अफ़साना एवं लेखापाल पूजा कुमारी ने बताया कि यह विक्षिप्त महिला पूर्णिया शांति कुटीर के स्वयंसेवकों को करीब 8 वर्ष पूर्व गुलाबबाग में भीख मांगते हुए मिली थी,

 

 

जिसे शांति कुटीर महिला भिक्षुक पुनर्वास केन्द्र लाया गया था. यहां की गयी काउंसिलिंग के दौरान यह अपना नाम तक नहीं बता पा रही थी. तब शान्ति कुटीर में इसका काल्पनिक नाम रखते हुए इसका इलाज मानसिक चिकित्सक से कराया गया. बीते 8 वर्षों से इसका मानसिक इलाज कराया जा रहा था. अथक प्रयासों के पश्चात् आखिरकार विगत एक माह पूर्व यह अपना नाम, पता व पति का नाम बताने में सक्षम हो गयी. कॉउसलिंग के दौरान उक्त महिला ने अपना घर मोतिहारी जिला एवं पति का नाम कांतलाल गिरी बताया

 

 

. फिर इसकी सूचना सहायक निदेशक एवं जिला प्रबंधक को दी गयी और इसके बताये अनुसार पते पर मोतिहारी जिले के एक मुखिया जी के मोबाइल पर संपर्क कर इस महिला का फोटो व नाम भेजा तो उन्होंने तस्वीर को देखते ही तुरंत पहचान लिया और बताया कि उनके दो बेटे हैं. मुखिया जी ने ही उक्त महिला के बेटों का मोबाइल नंबर दिया. इसके बाद बेटों से संपर्क स्थापित कर इस महिला की पहचान करायी गयी. जिसे देखकर उनके बेटों में खुशी का ठिकाना न रहा. देर न करते हुए वे सभी अपनी मां को लेने शांति कुटीर पूर्णिया पहुंच गये.

 

 

बेटे एवं देवर से पहचान कराये जाने के बाद दोनों ही भावुक हो गये और उनकी आंखों से आंसू निकल पड़े. महिला के देवर और बेटे से पूछने पर पता चला कि उक्त महिला अपने घर से विगत 15 सालों से लापता थी. सभी गांव वालों एवं बेटों व उनके देवर को लगा कि ये मर चुकी है लेकिन शांति कुटीर आने के बाद उनके खुशी का ठिकाना न रहा. इसके बाद इस महिला को परिवार वालों के हवाले कर दिया गया. महिला को परिवार से मिलाने में सहायक निदेशक, समाजिक सुरक्षा कोषांग पूर्णिया, जिला प्रबंधक, जिला कार्यक्रम प्रबंधन इकाई सक्षम पूर्णिया, शांति कुटीर की गृह अधीक्षिका अफसाना एवं लेखापाल पूजा कुमारी का सराहनीय योगदान रहा.

Kunal Gupta
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