प्रीपेड मीटर पर रोक की मांग को लेकर सर्वदलीय विद्युत सुधार मोर्चा ने जुलूस निकाल किया प्रदर्शन
समस्तीपुर.प्रीपेड स्मार्ट मीटर पर रोक लगाने, 24 घंटे बिजली आपूर्ति की व्यवस्था करने, विद्युत सेवा शुल्क-मीटर शुल्क एवं लोड शुल्क पर रोक लगाने, 2 सौ यूनिट फ्री बिजली देने आदि मांगों को लेकर सर्वदलीय विद्युत सुधार संघर्ष मोर्चा के कार्यकर्ताओं ने जुलूस निकाला। विद्युत सुधार संघर्ष मोर्चा के कार्यकर्ताओं ने रविवार को शहर के गायत्री कांप्लेक्स के पास इकट्ठा होकर “कथित रूप से तेज चलने वाला प्रीपेड मीटर पर रोक लगाओ”, “इलेक्ट्रीक शुल्क-मीटर शुल्क, लोड शुल्क पर रोक लगाने”, “सबसे गरीब राज्य में सबसे महंगा बिजली क्यों- बिहार सरकार जबाब दो” आदि नारे लगाते हुए मवेशी अस्पताल, सर्किट हाउस, सदर अस्पताल होते हुए स्टेडियम गोलंबर पहुंचकर जुलूस सभा में तब्दील हो गया। सभा की अध्यक्षता सेवानिवृत्त सैनिक रामबली सिंह ने किया।
2 सौ यूनिट फ्री बिजली देने की मांग : कहा कि आखिर प्रीपेड मीटर में अंदरुनी क्या गड़बड़ी है कि विभाग सरकारी विभाग, कार्यालय, अधिकारियों के आवास आदि जगहों पर प्रीपेड मीटर नहीं लगा रही है। उन्होंने प्रीपेड मीटर पर रोक लगाने, प्रतिदिन 24 घंटे विद्युत आपूर्ति की गारंटी करने, दिल्ली की तर्ज पर 2 सौ यूनिट फ्री बिजली देने, जबरदस्ती प्रीपेड मीटर लगाने पर रोक लगाने, प्रीपेड मीटर का बिल देने की व्यवस्था करने की मांग की है अन्यथा आंदोलनरत जनता के साथ मिलकर आंदोलन तेज करने की चेतावनी दी है। मौके पर सेवानिवृत्त शिक्षक सुरेंद्र राय, मो. सगीर, मनोज शर्मा आदि शामिल थे।
महंगी बिजली आपूर्ति उपभोक्ताओं का शोषण सभा को संबोधित करते हुए विद्युत सुधार संघर्ष मोर्चा के जिला संयोजक सह भाकपा-माले जिला स्थाई समिति सदस्य सुरेंद्र प्रसाद सिंह ने कहा कि प्रीपेड मीटर तेज चलने की खबर लगातार आ रही है। जो उपभोक्ता डिजिटल मीटर का 250-300 रुपये का बिल आता था, डिजिटल मीटर लगते ही उनका बिल 5 सौ रुपए का आने लगा। यह सत्यापित जानकारी है कि एक किलोवाट लोड का प्रीपेड मीटर का इलेक्ट्रिक बिल एवं मीटर रेंट 10 रुपये हैं। स्वभाविक है कि महीने का 3 सौ और साल का 36 सौ रुपये बिना बिजली जलाए ही विभाग वसूलती है।